कोरबा: देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है. सरकार बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास कर रही है, ताकी लोग सुरक्षित रहें और कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सके, लेकिन बावजूद इसके कई लोग लापरवाही करते नजर आ रहे हैं. 23 मार्च को दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में शामिल हुए सैकड़ों लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं, जिससे देशभर में हड़कंप मचा हुआ है. इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के भी 159 लोग शामिल थे, जिसमें से 10 लोग कोरबा जिले से बताए जा रहे हैं.
तबलीगी जमात में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से तकरीबन 159 लोगों के शामिल होने की खबर है, इसमें से कोरबा जिले से तकरीबन 10 लोग शामिल थे, जिसमें से 5 लोगों को ट्रैस कर लिया गया है. वहीं 5 लोगों की तलाश अभी भी जारी है. एसपी अभिषेक मीणा ने बताया कि दिल्ली से लौटे अन्य लोगों की मदरसे और मस्जिदों में तलाश की जा रही थी. इसी दौरान शहर के राताखार के इमामखाने में राज्य के बाहर से आए हुए 10 अन्य लोग मिले हैं, जिनसे पूछताछ में पाया गया कि वह सभी धार्मिक प्रचार के लिए आए हुए हैं. अब इन सभी को मस्जिद में ही आइसोलेट कर दिया गया है.
राताखार मस्जिद में 10 लोग आइसोलेट
राताखार वही जगह है जहां 1 दिन पहले लंदन से लौटा युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. पुलिस ने बताया कि दिल्ली से लौटे 5 लोगों को रशियन होस्टल में बनाए गए क्वॉरंटीन सेंटर में आइसोलेट किया गया है. जानकारी के मुताबिक निजामुद्दीन में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित मोबाइल नंबर्स के आधार पर सूची कोरबा भेजी गई थी, जिसमें कुछ लोग अपने परिचितों के नंबर इस्तेमाल कर रहे थे, जिसकी वजह से उन्हें ट्रैस करने में परेशानी हो रही है.