कोंडागांव: आदिम जाति कल्याण विभाग अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान के तत्वाधान में कार्यशाला का आयोजन किया गया. सह प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मातलाम ने किया.
![Workshop on information on forest rights laws](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-knd-02-fra-pesa-kanoon-training-camp-avb-cg10017_23032021195549_2303f_1616509549_722.jpg)
अधिकारी कर्मचारी हुए शामिल
प्रशिक्षण में विभिन्न ग्राम पंचाायतों के संरपंच, जनजातीय प्रतिनिधि, वन विभाग एवं पंचायत विभाग के अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए. जहां उन्हें वन अधिकार अधिनियम 2006, सामुदायिक वन अधिकार, पेसा अधिनियम और अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि खरीदी-बिक्री की भू-राजस्व संहिता अधिनियम 1959 के अधीन, धारा 170 ‘क‘ और ‘ख‘ के संबंध में विभिन्न प्रावधानों के बारे में बताया गया.
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अधिकारों के प्रति जागरुक करना उद्देश्य
जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मातलाम ने कहा कि जनजाति समुदाय के अधिकारों की जानकारियां कार्यशाला प्रशिक्षकों देकर शासन का यह प्रयास है कि अनुसूचित जनजाति के लोगों में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता लाई जा सके. जनजातीय समाज के उत्थान के लिए ये जरुरी है कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो और अधिकारों का प्रयोग कर उच्चतम विकास की ओर अग्रसर हों.
![Workshop on information on forest rights laws](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-knd-02-fra-pesa-kanoon-training-camp-avb-cg10017_23032021195549_2303f_1616509549_541.jpg)
नियमों के बारे में दी गई जानकारी
प्रशिक्षण के दौरान मौजूद आदिम जाति अनुसंधान संस्थान के उप संचालक जीआर शोरी ने कहा कि वनाधिकार पट्टा, पेसा कानून और धारा 170 ‘क‘ और ‘ख‘ की जानकारियां बहुत जरुरी है. इसके प्रावधानों को समझना और जागरूक होना आदिवासियों के हित में है. कार्यशाला में वन अधिकार कानून 2006 का इतिहास और परिभाषा, वन अधिकार अधिनियम की क्रियान्वयन में संस्थागत व्यवस्था, सामुदायिक अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार एवं मान्यता, 5वीं अनुसूची क्षेत्र एवं पंचायत उपाबंध सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर मास्टर ट्रेनर्स ने जानकारी दी. उक्त विषयों पर प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया.