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महिला स्वास्थ्यकर्मियों के जज्बे को सलाम, मुश्किलों की नदी पार कर पहुंचा रही जिंदगी

बड़ेडोंगर सेक्टर के अंदरूनी क्षेत्रों में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता उफनती नदी के तेज बहाव और डगमगाती नाव में सवार होकर अपनी जान की बिना परवाह किए लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रही हैं.

नाव में सवार होकर जाती हैं ड्यूटी
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Published : Oct 20, 2019, 10:04 PM IST

Updated : Oct 20, 2019, 11:50 PM IST

कोंडागांव: जिले के फरसगांव विकासखंड के चिंगनार की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता किसी मिसाल से कम नहीं है, जो चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों में भी जन-जन को स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रही हैं. साथ ही सेक्टर बैठक में भी बराबर उपस्थिति दर्ज करा रही हैं.

महिला स्वास्थ्यकर्मियों के जज्बे को सलाम

दरअसल, बड़ेडोंगर सेक्टर के अंदरूनी क्षेत्रों में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता जो नाव में सवार दिख रही हैं. वो उफनते नदी के तेज बहाव और डगमगाती नाव में खुद की सलामती को दांव पर लगाकर इलाके की महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रही हैं.

नदी पार उप स्वास्थ्य केंद्र

बता दें कि ये तस्वीर सेक्टर बड़ेडोंगर के अंतर्गत नदी पार उप स्वास्थ्य केंद्र चिंगनार में पदस्थ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता की है, जो पिछले कई वर्षों से नदी पार कर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रही हैं. साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. जो वकई काबिल-ए-तारीफ है.

कोंडागांव: जिले के फरसगांव विकासखंड के चिंगनार की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता किसी मिसाल से कम नहीं है, जो चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों में भी जन-जन को स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रही हैं. साथ ही सेक्टर बैठक में भी बराबर उपस्थिति दर्ज करा रही हैं.

महिला स्वास्थ्यकर्मियों के जज्बे को सलाम

दरअसल, बड़ेडोंगर सेक्टर के अंदरूनी क्षेत्रों में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता जो नाव में सवार दिख रही हैं. वो उफनते नदी के तेज बहाव और डगमगाती नाव में खुद की सलामती को दांव पर लगाकर इलाके की महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रही हैं.

नदी पार उप स्वास्थ्य केंद्र

बता दें कि ये तस्वीर सेक्टर बड़ेडोंगर के अंतर्गत नदी पार उप स्वास्थ्य केंद्र चिंगनार में पदस्थ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता की है, जो पिछले कई वर्षों से नदी पार कर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रही हैं. साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. जो वकई काबिल-ए-तारीफ है.

Intro:अंदरूनी अति संवेदनशील क्षेत्रों में दे रही है स्वास्थ्य सेवाएंBody:बोरगांव/बड़ेडोंगर/कोंडागांव: आज के दौर में जहां हर सरकारी कर्मचारी सुगम्य स्थानों पर पदस्थ रहकर आराम तलबी से नौकरी करना चाहता है वहीं फरसगांव विकासखंड के सेक्टर बड़ेडोंगर के अंतर्गत पलना ,भोंगापाल, चिंगनार की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता किसी मिशाल से कम नही जो विपरीत और चुनौती पूर्ण परिस्थितियों में भी जन जन को स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के साथ-साथ सेक्टर बैठक में भी बराबर उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
बारिश के मौसम में उफनते नदी नालों के तेज बहाव और डोलती डोंगी जहां भगवान भरोसे हैं, पिछले कई सालों से खुद की सलामती को दांव पर लगाकर कर्तव्य परायणता की मिसाल बनी हुई हैं बड़ेडोंगर सेक्टर के अंदरूनी क्षेत्रों में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताएं।Conclusion:सेक्टर बड़ेडोंगर के अंतर्गत नदी पार उप स्वास्थ्य केंद्र चिंगनार, भोंगापाल, कसई फरसगांव और पलना में पदस्थ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता है जो कि पिछले कई वर्षों से नदी पार ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और प्रतिकूल हालातों में भी जरूरत मंदों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रही हैं।

चुनौतियों का सामना कर स्वास्थ्य सेवाएं दे रही है, महिला स्वास्थ्य संयोजक

महिला स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता सीमा बंजारे, नीलबती सोढ़ी, महेन्द्री राणा, सुभद्रा मरकाम, पूनम चंदेल, मंजू विश्वास और लता नाग उन्ही जाबांज महिलाओं में से हैं जो अपनी जान की फिक्र किए बिना पूरी निष्ठा के साथ ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ कराने में जुटी हुई हैं । बच्चों को लगाए जाने वाले वैक्सीन से लेकर गर्भवती माताओं की जांच टीका एवं मौसमी बीमारी हेतु जरूरी दवाइयां और अन्य सामग्री लेकर दूरस्थ और दुर्गम मार्ग होने के साथ ही अन्य मौसम की अपेक्षा बारिश के मौसम में अपने कार्य क्षेत्र तक पहुंचने नदी नालों को पार करने का जोखिम लेना इनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है।
ग्रामीणों द्वारा उपयोग लाई जा रही पुरानी लकड़ी से बनी डोंगी पर नदी को पार करते वक्त जोखिम भी उठाने में गुरेज नही करती है।
नदी पार और अति संवेदनशील क्षेत्र होने की वजह से यह समूचा इलाका सरकार की पहुंच से दूर ही रहा है और बाहर के लोगों की आवाजाही भी न के बराबर है ।
नाव से पार होते वक्त कई दफा दुर्घटनाओं का जोखिम उठाकर वह नदी पार कर चुकी है। जोखिमभरी परिस्थितियों से जूझते हुए उनके पास आपात स्थिति में खुद को सुरक्षित कर सकें ऐसा कोई उपाय या साधन नही है। इन्हीं हालातों में वह पिछले कई साल से जीवन रक्षक दवाईयां लेकर गांवों तक पहुंच रही हैं और लोगों की जान बचा रहे हैं।

बीएमओ का कहना हैं कि------

इस संबंध में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ एल जुर्री का कहना है कि सेक्टर बड़ेडोंगर के अंदरूनी क्षेत्रों में पदस्थ हमारी सभी स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता दुर्गम और नदी नालों की चुनौती के बाद भी पूरी निष्ठा और लगन के साथ बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।
सेक्टर प्रभारी कहते हैं कि

बड़ेडोंगर सेक्टर प्रभारी अजय जायसवाल बताते हैं कि सभी ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों को वैक्सीन एवं जरूरी दवाइयां मुहैया कराने के साथ-साथ हर हफ्ते होने वाली सेक्टर बैठकों में हमारे सभी कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन देते हुए बेहतर कार्य करने लगातार प्रेरित किया जा रहा है।
Last Updated : Oct 20, 2019, 11:50 PM IST
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