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कोंडागांव: गोबर के दीये बनाकर आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. जिले के स्व सहायता समूह की महिलाएं गोबर से दीये बनाकर स्वावलंबी बन रहीं हैं. साथ ही महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है.

Women making diya of cow dung
दीया बनाती महिलाएं
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Published : Nov 11, 2020, 9:21 PM IST

Updated : Nov 12, 2020, 2:24 PM IST

कोंडागांव/केशकाल: गोबर कभी आमदनी का जरिया बनेगा इसकी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी. लेकिन छत्तीसगढ़ शासन की योजना गोधन न्याय योजना ने यह सच कर दिखाया है. भूपेश सरकार की योजना से पशुपालकों, किसानों और महिलाओं के लिए अतिरिक्त आमदनी के रास्ते खुलने लगे हैं. साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का सपना भी साकार होता जा रहा है.

आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

सरकार की इस योजना का फायदा उठाते हुए केशकाल नगर पंचायत सीएमओ नामेश कावड़े के मार्गदर्शन में स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर से जैविक खाद और दीये बना रही हैं. साथ ही इनके बनाए हुए दीयों की बाजारों में डिमांड भी है. जिससे समूह की महिलाओं को अच्छी-खासी आमदनी भी हो रही है.

और भी उत्पाद बनाने की तैयारी

Women making diya of cow dung
दीया बनाती महिलाएं

CMO नामेश कावड़े ने बताया कि नगरीय प्रशासन मंत्रालय की ओर से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुहिम छेड़ी गई है. जिसके तहत महिलाएं कंपोस्ट खाद बना रही हैं. साथ ही दिवाली त्योहार के चलते इन दिनों यह महिलाएं गोबर के दीए बनाने में जुटी हैं. साथ ही आगे गोबर की लकड़ियां और अन्य उत्पाद बनाने पर विचार किया जा रहा है.

भाटापारा में कलेक्टर ने की वर्मी कंपोस्ट खाद विक्रय केंद्र की शुरूआत, आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

स्वावलंबी हो रही महिलाएं

केशकाल विधायक संतराम नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है तब से किसानों और गरीब तबके के लोगों की मदद के लिए विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं बनाई गई है. इस क्रम में शासन की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना से लोगों को स्वरोजगार मिल रहा है. महिलाएं दिवाली के लिए गोबर से इको फ्रेंडली दीये बनाकर स्वावलंबी बन रही हैं.

अब तक बनाए जा चुके हैं 10 हजार से ज्यादा दीये

Women making diya of cow dung
गोबर से बने दीये

स्व सहायता समूह की महिलाओं ने कहा कि वे नगर पंचायत सीएमओ नामेश कावड़े के मार्गदर्शन में दीये बना रही हैं. अब तक वे 10 हजार से ज्यादा दीये बना चुकी हैं. जिसमें आधे दीये बिक भी चुके हैं.

कोंडागांव/केशकाल: गोबर कभी आमदनी का जरिया बनेगा इसकी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी. लेकिन छत्तीसगढ़ शासन की योजना गोधन न्याय योजना ने यह सच कर दिखाया है. भूपेश सरकार की योजना से पशुपालकों, किसानों और महिलाओं के लिए अतिरिक्त आमदनी के रास्ते खुलने लगे हैं. साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का सपना भी साकार होता जा रहा है.

आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

सरकार की इस योजना का फायदा उठाते हुए केशकाल नगर पंचायत सीएमओ नामेश कावड़े के मार्गदर्शन में स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर से जैविक खाद और दीये बना रही हैं. साथ ही इनके बनाए हुए दीयों की बाजारों में डिमांड भी है. जिससे समूह की महिलाओं को अच्छी-खासी आमदनी भी हो रही है.

और भी उत्पाद बनाने की तैयारी

Women making diya of cow dung
दीया बनाती महिलाएं

CMO नामेश कावड़े ने बताया कि नगरीय प्रशासन मंत्रालय की ओर से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुहिम छेड़ी गई है. जिसके तहत महिलाएं कंपोस्ट खाद बना रही हैं. साथ ही दिवाली त्योहार के चलते इन दिनों यह महिलाएं गोबर के दीए बनाने में जुटी हैं. साथ ही आगे गोबर की लकड़ियां और अन्य उत्पाद बनाने पर विचार किया जा रहा है.

भाटापारा में कलेक्टर ने की वर्मी कंपोस्ट खाद विक्रय केंद्र की शुरूआत, आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

स्वावलंबी हो रही महिलाएं

केशकाल विधायक संतराम नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है तब से किसानों और गरीब तबके के लोगों की मदद के लिए विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं बनाई गई है. इस क्रम में शासन की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना से लोगों को स्वरोजगार मिल रहा है. महिलाएं दिवाली के लिए गोबर से इको फ्रेंडली दीये बनाकर स्वावलंबी बन रही हैं.

अब तक बनाए जा चुके हैं 10 हजार से ज्यादा दीये

Women making diya of cow dung
गोबर से बने दीये

स्व सहायता समूह की महिलाओं ने कहा कि वे नगर पंचायत सीएमओ नामेश कावड़े के मार्गदर्शन में दीये बना रही हैं. अब तक वे 10 हजार से ज्यादा दीये बना चुकी हैं. जिसमें आधे दीये बिक भी चुके हैं.

Last Updated : Nov 12, 2020, 2:24 PM IST
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