कोंडागांव: इंसेफेलाइटिस को लेकर 23 नवंबर 18 दिसंबर तक चलने वाले वैक्सीनेशन अभियान को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस बार काफी गंभीर नजर आ रहा है. इस संबंध में कोंडागांव के सीएमएचओ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वैक्सीनेशन अभियान की जानकारी दी है. कोंडागांव में वैक्सीनेशन अभियान स्कूल और आंगनबाड़ी के माध्यम से चलाया जाएगा.
1 लाख 58 हजार टीकाकरण का लक्ष्य
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी वैक्सीनेशन अभियान में वैक्सीन लगाने के साथ इंसेफेलाइटिस के बारे में लोगों को जागरूक करने का लक्ष्य रखे हैं. वैक्सीनेशन अभियान के तहत जिले में 1 लाख 58 हजार टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. डॉक्टरों के मुताबिक इंसेफेलाइटिस 15 साल से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है. इंसेफेलाइटिस से पीड़ित 70 फीसदी मरीज मानसिक विकलांग हो जाते हैं.
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कोंडागांव जिले में 2016 से 2019 तक इंसेफेलाइटिस का एक फीसदी प्रभाव देखा गया है. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि अगर लोग इंसेफेलाइटिस को लेकर सतर्क और जागरूक रहेंगे तो ये आंकड़ा जीरो तक जा सकता है.
5 से 7 दिनों तक रहता है तेज बुखार
इंसेफेलाइटिस 15 वर्ष तक के बच्चों में ज्यादा प्रभाव डालता है. इसमें 5 से 7 दिनों तक तेज बुखार होता है. बुखार के दौरान मरीज को उल्टी, बेहोसी और झटके आते हैं. इंसेफेलाइटिस यानी मस्तिष्क ज्वर से बचने के लिए लोगों को दिमागी बुखार का टीका लगवाने की अपील की जा रही है. इसके अलावा लोगों से घर के आस-पास सफाई रखने, नाखून छोटे रखने की सलाह दी जाती है, ताकि भोजन बनाते या खाते वक्त नाखूनों में जमा दूषित चीजें शरीर में न जाए.
डॉक्टर बताते हैं, बुखार आने पर साफ पानी से बार-बार मरीज को पोंछते रहना चाहिए. अगर मरीज को झटका आये या बेहोस हो जाए तो उसे पीठ के बल न लिटाएं. इन सबके अलावा हमेशा झोला छाप डॉक्टरों के इलाज से बचें.