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वन अधिकार पट्टा प्राप्त करने भटक रहे ग्रामीण, कलेक्टर को सौंपा आवेदन - कोंडागांव के आदिवासी

कोंडागांव के ग्राम चेरंग के आदिवासी साल 2012 से वनाधिकार पट्टा की मांग कर रहे हैं. लेकिन आज तक उन्हें वनाधिकार पट्टा नहीं मिला. ग्रामीणों ने बुधवार को एक बार फिर कलेक्टर से मुलाकात की है.

demand of forest rights lease
वन अधिकार पट्टा प्राप्त करने भटक रहे ग्रामीण
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Published : Oct 8, 2020, 3:03 AM IST

कोंडागांव: ग्राम चेरंग के आदिवासी साल 2012 से वनाधिकार पट्टा की मांग कर रहे हैं. लेकिन आज तक उन्हें वनाधिकार पट्टा नहीं मिला. परेशान ग्रामवासियों ने कलेक्टर से मुलाकात का सिलसिला जारी है. पिछसे सप्ताह भी वनाधिकार पट्टा के लिए आवेदन देने ग्राम चेरंग से आदिवासी किसान कलेक्टर के पास पहुंचे थे. वहीं बुधवार को भी आदिवासी किसानों ने कोंडागांव पहुंचकर अपने अधिकार की मांग की इस दौरान सीपीआई के जिला सचिव तिलक पांडे औक कम्युनिस्ट नेता बिरज नाग भी मौजूद रहे.

सीपीआई नेता बिरज नाग ने कहा कि ग्राम चेरंग के ग्रामीण 2012 से अपने जंगल और जमीन के पट्टे के लिए भटक रहे हैं. एक तरफ तो सरकार आदिवासियों के हित की बातें करती है वहीं ये ग्रामीण सालों से वनाधिकार पट्टा बनवाने भटक रहे हैं. कई बार कलेक्टर को भी आवेदन दिया गया पर कोई सुनवाई नहीं हुई.

पढ़ें-किसान आत्महत्या पर BJP की सियासत, प्रदर्शन कर सरकार को घेरने की कोशिश

ये ग्रामीण 50 सालों से ज्यादा समय से जमीनों पर काबिज हैं और वनाधिकार पट्टे की मांग कर रहे हैं. सीपीआई नेता बिरज नाग ने कहा कि यदि ग्रामीणों को उनके अधिकार प्राप्त नहीं हुए, तो सीपीआई उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी.अपने आवेदन में ग्रामीणों ने उल्लेख किया है कि वे सभी ग्राम पंचायत चेरंग के मूल निवासी और गरीबी रेखा के अन्तर्गत जीवनयापन करने वाले परिवार से संबंध रखते है.

कोंडागांव: ग्राम चेरंग के आदिवासी साल 2012 से वनाधिकार पट्टा की मांग कर रहे हैं. लेकिन आज तक उन्हें वनाधिकार पट्टा नहीं मिला. परेशान ग्रामवासियों ने कलेक्टर से मुलाकात का सिलसिला जारी है. पिछसे सप्ताह भी वनाधिकार पट्टा के लिए आवेदन देने ग्राम चेरंग से आदिवासी किसान कलेक्टर के पास पहुंचे थे. वहीं बुधवार को भी आदिवासी किसानों ने कोंडागांव पहुंचकर अपने अधिकार की मांग की इस दौरान सीपीआई के जिला सचिव तिलक पांडे औक कम्युनिस्ट नेता बिरज नाग भी मौजूद रहे.

सीपीआई नेता बिरज नाग ने कहा कि ग्राम चेरंग के ग्रामीण 2012 से अपने जंगल और जमीन के पट्टे के लिए भटक रहे हैं. एक तरफ तो सरकार आदिवासियों के हित की बातें करती है वहीं ये ग्रामीण सालों से वनाधिकार पट्टा बनवाने भटक रहे हैं. कई बार कलेक्टर को भी आवेदन दिया गया पर कोई सुनवाई नहीं हुई.

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ये ग्रामीण 50 सालों से ज्यादा समय से जमीनों पर काबिज हैं और वनाधिकार पट्टे की मांग कर रहे हैं. सीपीआई नेता बिरज नाग ने कहा कि यदि ग्रामीणों को उनके अधिकार प्राप्त नहीं हुए, तो सीपीआई उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी.अपने आवेदन में ग्रामीणों ने उल्लेख किया है कि वे सभी ग्राम पंचायत चेरंग के मूल निवासी और गरीबी रेखा के अन्तर्गत जीवनयापन करने वाले परिवार से संबंध रखते है.

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