कोंडागांव: करीब डेढ़ महीने के लॉकडाउन के बाद 1 जून से कोंडागांव को अनलॉक (kondagaon unlock) कर किया गया. कोंडागांव कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा (Kondagaon Collector Pushpendra Kumar Meena) के आदेशानुसार कोरोना पॉजिटिव आंकड़ों में गिरावट को देखते हुए शर्तों के साथ जिले को अनलॉक किया गया. जिसमें अत्यावश्यक सेवाओं को छूट देते हुए ढाबे-होटलों को रात 10 बजे तक खुला रखने की अनुमति दी गई है. अब इसके बाद बाजारों में लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. जिससे यातायात व्यवस्था पर भी दबाव पड़ा है.
जिले को अनलॉक हुए 9 दिन बीत चुके हैं. लेकिन देखा जा रहा है कि यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए चौक-चौराहों पर जो ट्रैफिक सिग्नल (traffic signal) लगाए गए हैं. उन्हें शुरू नहीं किया गया है. ये भी देखा गया है कि चौक-चौराहों पर यातायात अमला नदारत है. जिसके कारण हर चौक-चौराहों पर यातायात अव्यवस्थित हो चुका है.
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भारी पड़ सकती है लापरवाही
सीपीआई नेता तिलक पांडेय ने बताया की करीब डेढ़ महीने में लॉकडाउन के बाद शासन-प्रशासन ने भारी कसावट रखी थी. लेकिन 1 जून अनलॉक होने के बाद लोग बेतरतीब घूम रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि अभी कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) आना बाकी है. ऐसे में लोगों का बिना मास्क के घूमना और दिशा निर्देशों का पालन न करना आने वाले समय में और ज्यादा चुनौतियां लेकर आएगा. उन्होंने पुलिस प्रशासन पर सवाल भी उठाया कि जहां एक ओर अनलॉक के बाद बाजारों में भीड़ उमड़ पड़ी है, वहीं यातायात व्यवस्था चरमरा गई है. न ही सिग्नल चालू रहते हैं और न ही ट्रैफिक पुलिस चौक-चौराहों पर किसी प्रकार का नियंत्रण कर रही है. जिससे सड़कों पर दुर्घटना होने का अंदेशा भी बना रहता है.