बस्तरः कोंडागांव जिले के केशकाल में पारंपरिक मेले का आयोजन किया गया. हर साल केशकाल में शीतला माता पहुंचानी के अगले दिन केशकाल के मूंगबाड़ी से लेकर मुक्तिधाम तक मेला लगता है, जहां आस-पास के गांव से ग्राम के 'देवी-देवताओं' को लेकर ग्रामीण पहुंचते हैं. मेले की शुरुआत केशकाल और आस-पास के आंगा, 'देवी-देवताओं' की परिक्रमा के बाद करते हैं.
'देवी-देवताओं' को कराते हैं भ्रमण
ग्रामीणों की मान्यता के अनुसार 'देवी-देवताओं' को खुश करने के लिए मेले में आए पुजारी विधिवत तरीके से पूजा करते हैं. मेले में ग्राम के देवता कुंवरपाठ बाबा और ग्राम देवी शीतला माता के सामने 'देवी-देवताओं' की पूजा कर आंगा जात्रा निकाल कर नगर का भ्रमण कराते हैं. मेला खत्म होने के बाद 'देवी-देवताओं' को उनके गांव के लिए वापस लौटा दिया जाता है.
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मेले का आयोजन पुलिस प्रशासन और ग्राम की स्थानीय देवी शीतला माता मंदिर समिति के सदस्यों की ओर से किया जाता है. रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाते हैं.