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आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति का सहारा ले रही है बीजेपी: मोहन मरकाम

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पूर्व मंत्री लता उसेंडी के केशकाल में हुए युवती से दुष्कर्म के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. मोहन मरकाम ने बीजेपी पर कई संगीन आरोप लगाये हैं.

PCC Chief Mohan Markam
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम
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Published : Oct 5, 2020, 3:24 PM IST

कोंडागांव: केशकाल में युवती से हुए गैंगरेप को लेकर पूर्व मंत्री और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लता उसेंडी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. जिसके बाद पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने लता उसेंडी पर पलटवार करते हुए कहा कि लता उसेंडी हाथरस, बलरामपुर और ऐसी ही अन्य महिला विरोधी घटनाओं के कारण भाजपा की केंद्र सरकार और भाजपा के विरुद्ध जनमानस में उफनते हुए गुस्से से ध्यान हटाने के लिए आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति का सहारा ले रही हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बलात्कार की घटनाओं में कमी आई है.

पढ़ें- कोंडागांव: पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने रेप की वारदात को लेकर राज्य सरकार पर साधा निशाना

मोहन मरकाम ने कहा कि लता उसेंडी बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में महिलाओं की स्थिति पर क्यों खामोश हैं. मोहन मरकाम ने कहा कि लता उसेंडी सबसे पहले यह बताएं कि मसोरा की घटना जिसमें भाजपा कार्यकर्ता और पूर्व मंत्री लता उसेंडी के रिश्तेदार शामिल थे उस पर उन्होंने क्या किया था, उस समय मंत्री पद पर आसीन लता उसेंडी ने कई तरह से सरकारी दबाव डालकर अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर बलात्कार के आरोपियों को बचाने की कोशिश क्यों की थी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लता उसेंडी से पूछा है कि जम्मू में कठुआ, उत्तर प्रदेश में उन्नाव और उन्नाव के बाद हाथरस उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और भदोही जैसी घटनाओं पर अभी तक लता उसेंडी क्यों चुप रहीं.

सुर्खियों में बने रहने की राजनीति

रमन सिंह सरकार में लगातार महिलाओं के खिलाफ और खासकर बस्तर में महिलाओं के खिलाफ पेद्दागेलूर, सारकेगुड़ा जैसी भयावह घटनाएं होती रहीं, लेकिन लता उसेंडी ने कभी भी अपना मुंह खोलना उचित नहीं समझा. महिलाओं के साथ नसबंदी कांड, गर्भाशय कांड, झलियामारी कांड, बस्तर के बीजापुर में बैडमिंटन छात्रा के साथ कोच द्वारा बलात्कार, मीना खलखो कांड, जैसी घटनाओं पर कभी लता उसेंडी का मुंह नहीं खुला. स्वयं रमन सरकार में मंत्री होने के कारण लता उसेंडी भी रमन सिंह सरकार के 15 साल के कार्यकाल में हुई इन महिला विरोधी घटनाओं के लिए बराबर की जिम्मेदार थी, लेकिन उन्हें कभी महिलाओं की तकलीफ समझ में नहीं आई और अब सत्ता से हटने के बाद और चुनाव हार जाने के बाद वे बयानबाजी करके सुर्खियों में बने रहने की राजनीति कर रहे हैं.

पीड़िता से मिलने पहुंचे पीसीसी चीफ

उन्होंने कहा कि वास्तव में लता उसेंडी को महिलाओं के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है. यदि लता उसेंडी को महिलाओं के प्रति सहानुभूति होती तो इन 15 साल में कभी न कभी वह महिलाओं के साथ और खासकर बस्तर की महिलाओं के साथ खड़ी हुई होती. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सखी सेंटर जाकर पीड़ित महिला के परिवारजनों से भेंट की. आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया और राज्य शासन से हर संभव सहायता दिलाने की बात कही.

कोंडागांव: केशकाल में युवती से हुए गैंगरेप को लेकर पूर्व मंत्री और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लता उसेंडी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. जिसके बाद पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने लता उसेंडी पर पलटवार करते हुए कहा कि लता उसेंडी हाथरस, बलरामपुर और ऐसी ही अन्य महिला विरोधी घटनाओं के कारण भाजपा की केंद्र सरकार और भाजपा के विरुद्ध जनमानस में उफनते हुए गुस्से से ध्यान हटाने के लिए आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति का सहारा ले रही हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बलात्कार की घटनाओं में कमी आई है.

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मोहन मरकाम ने कहा कि लता उसेंडी बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में महिलाओं की स्थिति पर क्यों खामोश हैं. मोहन मरकाम ने कहा कि लता उसेंडी सबसे पहले यह बताएं कि मसोरा की घटना जिसमें भाजपा कार्यकर्ता और पूर्व मंत्री लता उसेंडी के रिश्तेदार शामिल थे उस पर उन्होंने क्या किया था, उस समय मंत्री पद पर आसीन लता उसेंडी ने कई तरह से सरकारी दबाव डालकर अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर बलात्कार के आरोपियों को बचाने की कोशिश क्यों की थी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लता उसेंडी से पूछा है कि जम्मू में कठुआ, उत्तर प्रदेश में उन्नाव और उन्नाव के बाद हाथरस उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और भदोही जैसी घटनाओं पर अभी तक लता उसेंडी क्यों चुप रहीं.

सुर्खियों में बने रहने की राजनीति

रमन सिंह सरकार में लगातार महिलाओं के खिलाफ और खासकर बस्तर में महिलाओं के खिलाफ पेद्दागेलूर, सारकेगुड़ा जैसी भयावह घटनाएं होती रहीं, लेकिन लता उसेंडी ने कभी भी अपना मुंह खोलना उचित नहीं समझा. महिलाओं के साथ नसबंदी कांड, गर्भाशय कांड, झलियामारी कांड, बस्तर के बीजापुर में बैडमिंटन छात्रा के साथ कोच द्वारा बलात्कार, मीना खलखो कांड, जैसी घटनाओं पर कभी लता उसेंडी का मुंह नहीं खुला. स्वयं रमन सरकार में मंत्री होने के कारण लता उसेंडी भी रमन सिंह सरकार के 15 साल के कार्यकाल में हुई इन महिला विरोधी घटनाओं के लिए बराबर की जिम्मेदार थी, लेकिन उन्हें कभी महिलाओं की तकलीफ समझ में नहीं आई और अब सत्ता से हटने के बाद और चुनाव हार जाने के बाद वे बयानबाजी करके सुर्खियों में बने रहने की राजनीति कर रहे हैं.

पीड़िता से मिलने पहुंचे पीसीसी चीफ

उन्होंने कहा कि वास्तव में लता उसेंडी को महिलाओं के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है. यदि लता उसेंडी को महिलाओं के प्रति सहानुभूति होती तो इन 15 साल में कभी न कभी वह महिलाओं के साथ और खासकर बस्तर की महिलाओं के साथ खड़ी हुई होती. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सखी सेंटर जाकर पीड़ित महिला के परिवारजनों से भेंट की. आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया और राज्य शासन से हर संभव सहायता दिलाने की बात कही.

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