कोंडागांव: भारत में बीते एक दशक में स्तन कैंसर के मामले कई गुना बढ़ गए हैं. पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय महिलाएं कम उम्र में ही इसकी शिकार बन रही हैं. सही जानकारी, जागरूकता, सावधानी और समय पर इसके लक्षणों की पहचान और इलाज से इस समस्या को हराया जा सकता है. कोंडागांव के बड़ेराजपुर ग्राम चिचाड़ी में एक शिक्षक के परिवार में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की वजह से तीन महिलाओं की मौत हो गई. इसके बाद शिक्षक दूसरी महिलाओं की जान की रक्षा के लिए जागरुकता अभियान चला रहे हैं.
बता दें की कोंडागांव जिले के बड़ेराजपुर के चिचाड़ी ग्राम के नरेंद्र मरकाम ने परिवार की 3 महिलाओं को कैंसर की वजह से जूझते और तड़प-तड़प कर मरते देखा है. नरेंद्र मरकाम ने बताया कि इस जानलेवा बीमारी से सबसे पहले 29 अक्टूबर 2018 को उनकी 55 वर्षीय मां की मौत हुई, उन्हें गर्भाशय कैंसर था. इसके कुछ ही महीनों के बाद 18 मई 2019 को नरेंद्र की बहन जिसकी उम्र लगभग 23 वर्ष थी, उसकी मौत स्तन कैंसर की वजह से हो गई थी. नरेंद्र इन दो सदमों से उबर पाते इससे पहले ही 25 जनवरी 2020 को उनकी भाभी जिनकी उम्र लगभग 42 वर्ष थी उन्हें भी स्तन कैंसर की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी. इन घटनाओं के बाद नरेंद्र मरकाम ने यह प्रतिज्ञा ली कि जो दुःख उन्होंने और उनके परिवार ने देखा है वह और किसी को न देखना पड़े. इसके लिए ने महिला कैंसर जागरूकता अभियान चला रहे है.
अवकाश के दिन अधिक समय निकल कर करते है जागरूक
वर्तमान में नरेंद्र मरकाम बड़ेराजपुर ब्लॉक ग्राम पिपरवंड में सहायक शिक्षक और संकुल समन्वयक पद पर अपनी सेवा दे रहे हैं, इसके साथ-साथ वे शासकीय अवकाशों में अधिक से अधिक समय निकालकर गांव-गांव मे भ्रमण कर वहां के विद्यालयों, छात्रवासों और महाविद्यालयों में अध्ययन कर रही छात्राओं और आस-पास की ग्रामीण महिलाओं को कैंसर के लक्षण और उससे बचाव को लेकर जागरूक करते हैं.