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Issue of DMF amount : विधानसभा में मोहन मरकाम ने सरकार को घेरा, भाजपा के हाथ लगा मुद्दा!

कोंडागांव विधायक और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने विधानसभा में डीएमएफ की राशि को लेकर सरकार से सवाल किया है. मोहन मरकाम ने आरोप लगाते हुए डीएमएफ की राशि में बंदरबांट होने का आरोप लगाकर सरकार को ही सदन में घेरा. अब भाजपा को सरकार को घेरने के लिए नया मुद्दा मिल गया है.

Mohan Markam raised issue of DMF amount
मोहन मरकाम पर कांग्रेस बीजेपी आमने सामने
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Published : Mar 14, 2023, 12:38 PM IST

Updated : Mar 14, 2023, 6:02 PM IST

मोहन मरकाम पर कांग्रेस बीजेपी आमने सामने

कोंडागांव : पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने अपनी ही सरकार को विधानसभा में कटघरे में खड़ा किया है. पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सदन में डीएमएफ की राशि में बंदरबांट और हेराफेरी का मुद्दा उठाया. प्रश्नकाल में मोहन मरकाम ने कोंडागांव में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा(आरईएस) में 3 साल के काम के संबंध में सवाल किया. मरकाम ने डीएमएफ की 7 करोड़ की राशि का बंदरबांट का आरोप लगाया.

एक ही कंपनी को सप्लाई और निर्माण का काम : मोहन मरकाम ने सदन में मंत्री रविंद्र चौबे से पूछा कि आरईएस निर्माण एजेंसी है, फिर सप्लाई का काम कैसे दिया गया? हालांकि इस सवाल पर मंत्री चौबे ने जवाब दिया कि दो निर्माण एजेंसी नहीं हो सकती. मरकाम ने इसके बाद हेराफेरी और बंदरबांट का आरोप लगाकर सदन की समिति से जांच की मांग की. मंत्री रविंद्र चौबे ने उपरोक्त मामले में राज्य स्तर के अधिकारियों से जांच कराने की बात कही है.

भाजपा को मिला एक नया मुद्दा : ऐसे में विपक्ष की भूमिका में बैठी भाजपा को अब एक और मौका मिल गया. भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने कहा कि '' कांग्रेस की आपसी लड़ाई विधानसभा में देखने को मिल रही है. सड़कों पर देखने को मिल रही है. मोहन मरकाम कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. पर उनकी सरकार में चल नहीं रही है. सरकार में उनकी कोई सुन नहीं रहा है. आज जब वे लोकार्पण कार्यक्रम करने जाते हैं या भूमि पूजन करने जाते हैं तो एक कर्मचारी उनके कार्यक्रम में उपस्थित नहीं रहता. सीधा-सीधा आपसी लड़ाई देखने को मिल रही है. आज विधायक मोहन मरकाम कुछ नहीं करा पा रहे हैं और खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं.''

पीसीसी चीफ ने निभाई जिम्मेदारी : कांग्रेस जिला प्रवक्ता डॉ शिल्पा देवांगन ने पलटवार करते हुए कहा कि '' कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जो प्रश्न उठाए हैं, उससे यह लगता है कि वह क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और विधायक हैं. इसी के चलते उन्होंने अपने कोंडागांव क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों को देखने के लिए इस मुद्दे को सदन में उठाया है. एक जिम्मेदार विधायक होने के नाते वह क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं चाहते हैं और इस बात के लिए भी प्रतिबद्ध हैं. वह हमेशा विकास के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं.''

ये भी पढ़ें- निपटाने और निपटाने का काम बीजेपी का, मोहन मरकाम पर कांग्रेस का जवाब

किसी प्रकार का आपसी मतभेद नहीं : शिल्पा देवांगन ने कहा कि ''आप देखेंगे कि बीते दौर में जब भाजपा की सत्ता थी तो विकास कार्यों की गति जैसे थम सी गई थी.अब जब कांग्रेस की सरकार है तो क्षेत्र के विकास में विधायक मोहन मरकाम हमेशा डटे रहते हैं. तत्परता से काम करते हैं. उनकी प्रतिबद्धता है कि इस क्षेत्र का विकास भली-भांति कर पाएं. वे सदन में सवाल उठाए हैं. इस प्रकार के प्रश्नों से हमें नहीं लगता है कि किसी भी प्रकार का आपसी मतभेद है.''

मोहन मरकाम पर कांग्रेस बीजेपी आमने सामने

कोंडागांव : पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने अपनी ही सरकार को विधानसभा में कटघरे में खड़ा किया है. पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सदन में डीएमएफ की राशि में बंदरबांट और हेराफेरी का मुद्दा उठाया. प्रश्नकाल में मोहन मरकाम ने कोंडागांव में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा(आरईएस) में 3 साल के काम के संबंध में सवाल किया. मरकाम ने डीएमएफ की 7 करोड़ की राशि का बंदरबांट का आरोप लगाया.

एक ही कंपनी को सप्लाई और निर्माण का काम : मोहन मरकाम ने सदन में मंत्री रविंद्र चौबे से पूछा कि आरईएस निर्माण एजेंसी है, फिर सप्लाई का काम कैसे दिया गया? हालांकि इस सवाल पर मंत्री चौबे ने जवाब दिया कि दो निर्माण एजेंसी नहीं हो सकती. मरकाम ने इसके बाद हेराफेरी और बंदरबांट का आरोप लगाकर सदन की समिति से जांच की मांग की. मंत्री रविंद्र चौबे ने उपरोक्त मामले में राज्य स्तर के अधिकारियों से जांच कराने की बात कही है.

भाजपा को मिला एक नया मुद्दा : ऐसे में विपक्ष की भूमिका में बैठी भाजपा को अब एक और मौका मिल गया. भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने कहा कि '' कांग्रेस की आपसी लड़ाई विधानसभा में देखने को मिल रही है. सड़कों पर देखने को मिल रही है. मोहन मरकाम कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. पर उनकी सरकार में चल नहीं रही है. सरकार में उनकी कोई सुन नहीं रहा है. आज जब वे लोकार्पण कार्यक्रम करने जाते हैं या भूमि पूजन करने जाते हैं तो एक कर्मचारी उनके कार्यक्रम में उपस्थित नहीं रहता. सीधा-सीधा आपसी लड़ाई देखने को मिल रही है. आज विधायक मोहन मरकाम कुछ नहीं करा पा रहे हैं और खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं.''

पीसीसी चीफ ने निभाई जिम्मेदारी : कांग्रेस जिला प्रवक्ता डॉ शिल्पा देवांगन ने पलटवार करते हुए कहा कि '' कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जो प्रश्न उठाए हैं, उससे यह लगता है कि वह क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और विधायक हैं. इसी के चलते उन्होंने अपने कोंडागांव क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों को देखने के लिए इस मुद्दे को सदन में उठाया है. एक जिम्मेदार विधायक होने के नाते वह क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं चाहते हैं और इस बात के लिए भी प्रतिबद्ध हैं. वह हमेशा विकास के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं.''

ये भी पढ़ें- निपटाने और निपटाने का काम बीजेपी का, मोहन मरकाम पर कांग्रेस का जवाब

किसी प्रकार का आपसी मतभेद नहीं : शिल्पा देवांगन ने कहा कि ''आप देखेंगे कि बीते दौर में जब भाजपा की सत्ता थी तो विकास कार्यों की गति जैसे थम सी गई थी.अब जब कांग्रेस की सरकार है तो क्षेत्र के विकास में विधायक मोहन मरकाम हमेशा डटे रहते हैं. तत्परता से काम करते हैं. उनकी प्रतिबद्धता है कि इस क्षेत्र का विकास भली-भांति कर पाएं. वे सदन में सवाल उठाए हैं. इस प्रकार के प्रश्नों से हमें नहीं लगता है कि किसी भी प्रकार का आपसी मतभेद है.''

Last Updated : Mar 14, 2023, 6:02 PM IST
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