कोंडागांव: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पीसीसी चीफ मोहन मरकाम अपने एक दिवसीय कोंडागांव दौरे पर रहे. जहां उन्होंने लोगों से रोका-छेका कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में 19 जून से 30 जून तक रोका-छेका अभियान प्रारंभ किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश में खरीफ फसलों को मवेशियों से बचाने के लिए की जाने वाली तैयारियां हैं. रोका-छेका की तैयारियां गांव-गांव में प्रारंभ हो गई है. इसमें पंचायत प्रतिनिधियों सहित ग्रामीण बड़े उत्साह के साथ हिस्सा ले रहे हैं.
इस दौरान मोहन मरकम ने कहा कि ग्रामीण और शहरी पशुपालक खुली चराई रोकने और सड़कों को मवेशी मुक्त बनाने के उपायों और रणनीतियों पर मंथन करेंगे. साथ ही फसलों को चराई से बचाने के लिए मवेशियों का रोका-छेका करने की शपथ भी लेंगे. गौठानों में विविध आयोजनों के जरिए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की योजनाओं से किसानों को लाभान्वित किया जाएगा. साथ ही मोहन मरकाम ने नगर में बने गौठानों का भी जायजा लिया.
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रोका-छेका प्रथा पर गंभीरता से अमल करने की अपील
वहीं पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने खुली चराई से खेती को होने वाले नुकसान को रोकने परंपरागत रोका-छेका प्रथा पर गंभीरता से अमल करने की अपील की. उन्होंने कहा कि इससे पूरे वर्षभर खेती संभव होगी. साथ ही बहू फसली क्षेत्रों का विस्तार होगा. रोका-छेका से खेतों, बाड़ियों और उद्यानों की सुरक्षा के साथ पशुधन भी सुरक्षित रहेंगे. इसमें नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी योजना के तहत गांव-गांव में स्थापित गौठान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
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19 जून से 30 जून तक रोका-छेका कार्यक्रम
मोहन मरकाम ने कहा कि खेती के लिए जैविक खाद उपलब्ध कराने के साथ ही गौठान ग्रामीणों के लिए आजीविका केंद्र के रूप में विकसित हो रहे हैं. सभी गांवों में 19 जून से 30 जून तक कृषि और किसानों से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी उपायों को ध्यान में रखा जाएगा.