कोंडागांव: जहां एक दशक तक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुंच पाई थीं वहां अब आंगनबाड़ी वर्कर घर-घर जाकर मलेरिया की जांच कर रहे हैं. जिले के चारों ब्लॉकों में 15 जनवरी से 14 फरवरी तक 'मलेरियामुक्त बस्तर' अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी अपनी टीम के साथ लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए हड़ेली ग्राम पंचायत पहुंचे.
अभियान के तहत 14 सब सेंटर पर विशेष रूप से टीम बनाकर घर-घर जाकर आंगनबाड़ी वर्कर और मितानिनों की ओर से मलेरिया की आरडी किट से जांच की जा रही है. इस क्षेत्र में फाल्सीपेरम मलेरिया के मरीज ज्यादातर पाए जाते हैं इसलिए यहां 3 दिन की दवाइयां उन्हें दी जा रही हैं और दिए गए दवाइयों के ब्लिस्टर पैक वापस मंगवाकर इस बात की पुष्टि की जा रही है कि मरीज को मलेरिया का पूरा डोज दे दिया गया है.
मलेरियामुक्त बस्तर बनाने की तैयारी
वहीं गांव, मोहल्लों में जहां कहीं भी गड्ढे और नालियों में पानी रुक रहे हैं उसकी सफाई करवाई जा रही है. गड्ढों को भरा जा रहा है और रुके हुए पानी में मिट्टी का तेल का छिड़का जा रहा है ताकि मच्छरों के लार्वा को पनपने से रोका जा सके और क्षेत्र को मलेरिया के दंश से मुक्त किया जा सके.
घर-घर दे रहे मच्छरदानी
अभियान के तहत जगह-जगह ग्रामीणों को मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है. साथ ही हर गांव में यह व्यवस्था की जा रही है कि स्कूल के बच्चे या मितानिन शाम 7 बजते ही सिटी बजाकर ग्रामीणों को मच्छरदानी लगाने की सूचना दें. इसके लिए घर-घर में मच्छरदानी भी उपलब्ध कराई जा रही है.