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'आमचो मलेरियामुक्त बस्तर' को सफल बनाने हड़ेली पहुंचा स्वास्थ्य अमला - हड़ेली पहुंचा स्वास्थ्य अमला

लाल आतंक के साए में लिपटा क्षेत्र हड़ेली जहां एक दशक तक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुंच पाई थीं. जहां के लोग सामाजिक मुख्य धारा से पूरी तरह कट चुके थे. वहां अब स्वास्थ्य सेवाएं धीरे-धीरे पहुंच रही हैं.

Malaria mukt bastar abiyan
आमचो मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान
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Published : Jan 24, 2020, 6:11 PM IST

Updated : Jan 24, 2020, 7:15 PM IST

कोंडागांव: जहां एक दशक तक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुंच पाई थीं वहां अब आंगनबाड़ी वर्कर घर-घर जाकर मलेरिया की जांच कर रहे हैं. जिले के चारों ब्लॉकों में 15 जनवरी से 14 फरवरी तक 'मलेरियामुक्त बस्तर' अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी अपनी टीम के साथ लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए हड़ेली ग्राम पंचायत पहुंचे.

'आमचो मलेरियामुक्त बस्तर' को सफल बनाने हड़ेली पहुंचा स्वास्थ्य अमला

अभियान के तहत 14 सब सेंटर पर विशेष रूप से टीम बनाकर घर-घर जाकर आंगनबाड़ी वर्कर और मितानिनों की ओर से मलेरिया की आरडी किट से जांच की जा रही है. इस क्षेत्र में फाल्सीपेरम मलेरिया के मरीज ज्यादातर पाए जाते हैं इसलिए यहां 3 दिन की दवाइयां उन्हें दी जा रही हैं और दिए गए दवाइयों के ब्लिस्टर पैक वापस मंगवाकर इस बात की पुष्टि की जा रही है कि मरीज को मलेरिया का पूरा डोज दे दिया गया है.

मलेरियामुक्त बस्तर बनाने की तैयारी
वहीं गांव, मोहल्लों में जहां कहीं भी गड्ढे और नालियों में पानी रुक रहे हैं उसकी सफाई करवाई जा रही है. गड्ढों को भरा जा रहा है और रुके हुए पानी में मिट्टी का तेल का छिड़का जा रहा है ताकि मच्छरों के लार्वा को पनपने से रोका जा सके और क्षेत्र को मलेरिया के दंश से मुक्त किया जा सके.

घर-घर दे रहे मच्छरदानी
अभियान के तहत जगह-जगह ग्रामीणों को मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है. साथ ही हर गांव में यह व्यवस्था की जा रही है कि स्कूल के बच्चे या मितानिन शाम 7 बजते ही सिटी बजाकर ग्रामीणों को मच्छरदानी लगाने की सूचना दें. इसके लिए घर-घर में मच्छरदानी भी उपलब्ध कराई जा रही है.

कोंडागांव: जहां एक दशक तक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुंच पाई थीं वहां अब आंगनबाड़ी वर्कर घर-घर जाकर मलेरिया की जांच कर रहे हैं. जिले के चारों ब्लॉकों में 15 जनवरी से 14 फरवरी तक 'मलेरियामुक्त बस्तर' अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी अपनी टीम के साथ लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए हड़ेली ग्राम पंचायत पहुंचे.

'आमचो मलेरियामुक्त बस्तर' को सफल बनाने हड़ेली पहुंचा स्वास्थ्य अमला

अभियान के तहत 14 सब सेंटर पर विशेष रूप से टीम बनाकर घर-घर जाकर आंगनबाड़ी वर्कर और मितानिनों की ओर से मलेरिया की आरडी किट से जांच की जा रही है. इस क्षेत्र में फाल्सीपेरम मलेरिया के मरीज ज्यादातर पाए जाते हैं इसलिए यहां 3 दिन की दवाइयां उन्हें दी जा रही हैं और दिए गए दवाइयों के ब्लिस्टर पैक वापस मंगवाकर इस बात की पुष्टि की जा रही है कि मरीज को मलेरिया का पूरा डोज दे दिया गया है.

मलेरियामुक्त बस्तर बनाने की तैयारी
वहीं गांव, मोहल्लों में जहां कहीं भी गड्ढे और नालियों में पानी रुक रहे हैं उसकी सफाई करवाई जा रही है. गड्ढों को भरा जा रहा है और रुके हुए पानी में मिट्टी का तेल का छिड़का जा रहा है ताकि मच्छरों के लार्वा को पनपने से रोका जा सके और क्षेत्र को मलेरिया के दंश से मुक्त किया जा सके.

घर-घर दे रहे मच्छरदानी
अभियान के तहत जगह-जगह ग्रामीणों को मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है. साथ ही हर गांव में यह व्यवस्था की जा रही है कि स्कूल के बच्चे या मितानिन शाम 7 बजते ही सिटी बजाकर ग्रामीणों को मच्छरदानी लगाने की सूचना दें. इसके लिए घर-घर में मच्छरदानी भी उपलब्ध कराई जा रही है.

Intro:लाल आतंक के साये में लिपटा क्षेत्र हड़ेली जहाँ एक दशक तक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुंच पाई थी और जहां के लोग सामाजिक मुख्य धारा से पूरी तरह कट चुके थे ,वहां अब स्वास्थ्य सेवाएं धीरे-धीरे पहुंच रही हैं,
Body:2 वर्ष पूर्व मर्दापाल थाना क्षेत्र अंतर्गत हड़ेली ग्राम में सुरक्षा बलों के कैम्प की स्थापना की गई, जब इस क्षेत्र में नक्सलियों का दहशत कायम था वेसे में शासन -प्रशासन के लिए भी चुनौती थी यहाँ कैम्प को स्थापित करना, पर ITBP व डी आर जी ने यहां न केवल कैम्प को स्थापित किया बल्कि ग्रामीणों के सहयोग से नक्सलियों को खदेड़ने में भी कामयाब हुए,
ITBP के ही कारण आज स्वास्थ्य सुविधाएं यहां तक पहुंच पाई है , यहां ग्रामीण स्वास्थय सुविधाओं के अभाव में काल के गाल में समा जाते थे,

‘आमचो संकल्प मलेरिया मुक्त बस्तर‘ अभियान के तहत मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी अपनी टीम के साथ लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने हड़ेली ग्राम पंचायत पहुंचे, हालांकि हड़ेली में अभी आइटीबीपी कैंप के "एमआई रूम" से ही स्वास्थ्य सुविधाएं ग्रामीणों को दी जा रही हैं व उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन अभी निर्माणाधीन है।

बाइट_डॉ एस के कनवर, C. M. H. O., कोंडागांव
Conclusion:15 जनवरी से 14 फरवरी तक" मलेरिया मुक्त बस्तर" अभियान कोंडागांव के चारों ब्लाकों में चलाए जा रहे हैं, जिसमें 14 सब सेंटर पर विशेष रूप से टीम बनाकर घर-घर जाकर आंगनबाड़ी वर्कर ,मितानिनों द्वारा मलेरिया के आरडी किट से जांच किया जा रहा, चूँकि इस क्षेत्र में फाल्सीपेरम मलेरिया के मरीज ज्यादातर पाए जाते हैं, 3 दिन की दवाइयां उन्हें दी जा रही हैं और दिए गए दवाइयों के ब्लिस्टर पैक वापस मंगवा कर इस बात की पुष्टि की जा रही है कि मरीज को मलेरिया का पूरा डोज़ दे दिया गया है और मरीज ने उसे खा लिया है ताकि मलेरिया के दंश से क्षेत्र को मुक्त कराया जा सके।
साथ ही गांव मोहल्लों में जहां कहीं भी गड्ढे नालियों में पानी रुक रहे हैं उन्हें साफ सफाई करते हुए गड्ढों को भरा जा रहा है और रुके हुए पानी में मिट्टी तेल का छिड़काव किया जा रहा ताकि मच्छरों के लारवा को पनपने से रोका जा सके।
ग्रामीणों को मच्छरदानी लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा, साथ ही हर गांव में यह व्यवस्था की जा रही है कि स्कूल के बच्चे या मितानिनों द्वारा शाम को 7:00 बजते ही सिटी बजाया जाए ताकि गांव वालों को मच्छरदानी लगाने का आभाष हो और वे अपने-अपने घरों में मच्छरों, मक्खियों व अन्य कीटों से बचने के लिए मच्छरदानी लगा सकें, इस हेतु घर-घर में मच्छरदानी भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
उपरोक्त सभी व्यवस्थाओं के साथ पूरा प्रयास किया जा रहा है कि कोंडागांव, साथ ही पूरे बस्तर संभाग को मलेरिया से मुक्त किया जा सके।
Last Updated : Jan 24, 2020, 7:15 PM IST
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