कोंडागांव: कोरोना वायरस से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग कई तरह के उपाय बता रहा है. साथ ही हर कोई अपने से भी उपाए सोचकर बचाव कर रहा है. वहीं शहर में आयुर्वेद विभाग ने भी इसकी खोज कर ली है. जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ जगनू नेताम के दिशा-निर्देश पर औषधालय के कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों को कोरोना से बचाव की जानकारी दे रहे हैं. साथ ही केंद्र सारकर के आरोग्य सेतु एप से इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचाई जा रही है.
आयुर्वेद के डाॅ योगेश विश्वकर्मा ने बताया कि अधिक से अधिक ग्रामीणों को सोशल मीडिया जैसे वाट्सएप ग्रुप में जोड़कर समय-समय पर योग और आयुर्वेद से संबंधित जानकारी दे रहे हैं. साथ ही स्वास्थ्य परक जानकारी के प्रचार-प्रसार करने की भावी योजना है. इससे कम समय में ज्यादा लोगों तक अपनी बात पहुंचाने में सक्षम हो सकेंगे.
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रोकथाम ही बचाव का एक मात्र रास्ता
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ विश्वकर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस से विभिन्न उपायों के बचाव ही एक मात्र रास्ता है. उन्होंने बताया कि आयुष विभाग आयुर्वेद ग्राम बोरगांव में कोरोना वायरस से बचाव के लिए शासन से जारी गाइड लाइन के अनुसार उपायों की जानकारी दे रहा है. साथ ही जन जागरूकता के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए घर-घर में जाकर गिलोय और काढ़ा बनाकर लोगों में बांट रहे हैं. बताया जा रहा है कि अश्वगंधा, यष्टीमधु, त्रिकटू चूर्ण, तुलसी, अदरक, काली मिर्च आदि का काढ़ा बनाकर हर दिन सेवन करने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
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जड़ी-बुटियों से बने काढ़ा से करें सेवन
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से जारी एडवाइजरी के आसान उपायों जैसे गर्म पानी का सेवन, गोल्डन मिल्क, गर्म दूध में हल्दी डालकर पीने, अदरक, तुलसी, कालीमिर्च, गिलोय का काढ़ा, सुपाच्य भोजन, योग-प्राणायाम और अपनी जीवन शैली में थोड़ा बदलाव करें तो अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर संक्रमण से काफी हद तक बच सकते हैं.
प्रतिदिन आधे घंटे योग-प्राणायाम
योग प्रशिक्षक गीता विश्वकर्मा का कहना है कि लगातार लॉकडाउन से लोगों को घरों के अंदर रहना जरूरी भी है. वहीं लोग सुबह आधे घंटे का योग प्राणायाम जैसे सूर्य नमस्कार, कपालभाति, अनुलोम विलोम, ध्यान करके अपनी उर्जा और क्षमता बढ़ा सकते हैं. योग, प्राणायाम, ध्यान से मानसिक तनाव भी कम होगा और मन मस्तिष्क में नई ऊर्जा का संचार होगा. जन जागरूकता अभियान में आयुर्वेद औषधालय के कर्मचारी सुनील गायकवाड़, देवनाथ मरकाम, खगेश्वर नाग निःस्वार्थ भाव से जन जागरूकता में लगे हैं.