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महत्वाकांक्षी जिला के साथ खेल में भी कोंडागांव ने लहराया परचम - कोंडागांव की बड़ी खबर

कोंडागांव जिले को महत्वाकांक्षी जिले में दूसरा स्थान मिला है. वहीं जूडो-कराटे खेल को आईटीबीपी के जवानों ने क्षेत्र में नया आयाम दिया है. सुविधाओं के अभाव में भी पूरे देश में नक्सलगढ़ के बच्चों और युवाओं ने अपना लोहा मनवाया है.

जूडो-कराटे का प्रशिक्षण लेते छात्र
जूडो-कराटे का प्रशिक्षण लेते छात्र
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Published : Jan 14, 2020, 2:22 PM IST

कोंडागांव: नक्सलगढ़ और लाल आतंक के लिए जाना जाने वाला कोंडागांव जिले को महत्वाकांक्षी जिले में देशभर दूसरा स्थान मिला है. विकास के नाम पर कोंडागांव जिले ने उपलब्धि हासिल की है. हालांकि खेल के क्षेत्र में प्रशासन की लापरवाही के कारण जिले के प्रतिभावान खिलाड़ी थोड़ा पिछड़ते भी नजर आये.

नीति आयोग ने देश भर के अत्यंत पिछड़े 115 जिलों का तेजी से विकास करने के लिए महत्वाकांक्षी जिलों के रूप में चयन किया था. इन जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों को पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और सिंचाई, बैंकिंग सुविधा, कौशल विकास और अधोसंरचना विकास कर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए काम करना था.

विकास के लिए दिया गया 5 करोड़ रुपये
इसके लिए आयोग ने कोंडागांव को मार्च 2019 में 5 करोड़ रुपये की राशि से पुरस्कृत किया था. हालांकि इन तमाम उपलब्धियों के बाद भी जिले के प्रतिभावान खिलाड़ी खेल के क्षेत्र में पिछड़ रहे थे, लेकिन जिले में तैनात आटीबीपी के जवानों ने जिले को खेल के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धि दिलाई है. जवानों के प्रशिक्षण के बाद जिले के खिलाड़ी आज जूडो-कराटे में जिले का नाम रोशन कर रहे हैं. यहां के खिलाड़ियों ने अब तक कुल 113 मेडल जीते हैं. इसमें राज्य स्तरीय जूडो-कराटे प्रतियोगिता में जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए 40 स्वर्ण पदक, 41 रजत पदक और 32 कांस्य पदक शामिल है.

6 से 21 साल के बच्चों को दे रहे प्रशिक्षण
सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत जवानों ने ग्रामीणों को उनकी जरूरतों के हर सामान उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें शिक्षा और खेल महत्वपूर्ण है. आईटीबीपी के प्रशिक्षित जवान माड़ क्षेत्र के बच्चों को जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दे रहे हैं. जिसके बाद ये बच्चे देश-प्रदेश में जिले और प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए कोंडागांव का नाम रोशन कर रहे हैं.

150 बच्चों को दे रहे प्रशिक्षण

वर्तमान में जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के 150 बच्चों को आईटीबीपी के जवान जयप्रकाश जहीर खान प्रशिक्षण दे रहे हैं. आईटीबीपी के प्रशिक्षकों की कड़ी मेहनत की वजह से जिले ने जूडो-कराटे के क्षेत्र में कुल 113 पदक हासिल किए हैं. वहीं राष्ट्रीय स्तर की जूडो-कराटे प्रतियोगिता में 34 बच्चों ने राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए 2 कांस्य पदक हासिल किए हैं. राज्य स्तरीय जूडो-कराटे प्रतियोगिता में अब तक 161 बच्चों ने जिले का प्रतिनिधित्व किया है.

6 बच्चों का हुआ चयन
आईटीबीपी जूडो-कराटे प्रशिक्षक जहीर खान ने बताया कि इस साल राष्ट्रीय स्तर के जूडो-कराटे प्रतियोगिता में 6 बच्चों का चयन हुआ है और उनकी कोशिश है कि वे इस बार वे राज्य के लिए स्वर्ण पदक लेकर लौटें.

कोंडागांव: नक्सलगढ़ और लाल आतंक के लिए जाना जाने वाला कोंडागांव जिले को महत्वाकांक्षी जिले में देशभर दूसरा स्थान मिला है. विकास के नाम पर कोंडागांव जिले ने उपलब्धि हासिल की है. हालांकि खेल के क्षेत्र में प्रशासन की लापरवाही के कारण जिले के प्रतिभावान खिलाड़ी थोड़ा पिछड़ते भी नजर आये.

नीति आयोग ने देश भर के अत्यंत पिछड़े 115 जिलों का तेजी से विकास करने के लिए महत्वाकांक्षी जिलों के रूप में चयन किया था. इन जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों को पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और सिंचाई, बैंकिंग सुविधा, कौशल विकास और अधोसंरचना विकास कर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए काम करना था.

विकास के लिए दिया गया 5 करोड़ रुपये
इसके लिए आयोग ने कोंडागांव को मार्च 2019 में 5 करोड़ रुपये की राशि से पुरस्कृत किया था. हालांकि इन तमाम उपलब्धियों के बाद भी जिले के प्रतिभावान खिलाड़ी खेल के क्षेत्र में पिछड़ रहे थे, लेकिन जिले में तैनात आटीबीपी के जवानों ने जिले को खेल के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धि दिलाई है. जवानों के प्रशिक्षण के बाद जिले के खिलाड़ी आज जूडो-कराटे में जिले का नाम रोशन कर रहे हैं. यहां के खिलाड़ियों ने अब तक कुल 113 मेडल जीते हैं. इसमें राज्य स्तरीय जूडो-कराटे प्रतियोगिता में जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए 40 स्वर्ण पदक, 41 रजत पदक और 32 कांस्य पदक शामिल है.

6 से 21 साल के बच्चों को दे रहे प्रशिक्षण
सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत जवानों ने ग्रामीणों को उनकी जरूरतों के हर सामान उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें शिक्षा और खेल महत्वपूर्ण है. आईटीबीपी के प्रशिक्षित जवान माड़ क्षेत्र के बच्चों को जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दे रहे हैं. जिसके बाद ये बच्चे देश-प्रदेश में जिले और प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए कोंडागांव का नाम रोशन कर रहे हैं.

150 बच्चों को दे रहे प्रशिक्षण

वर्तमान में जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के 150 बच्चों को आईटीबीपी के जवान जयप्रकाश जहीर खान प्रशिक्षण दे रहे हैं. आईटीबीपी के प्रशिक्षकों की कड़ी मेहनत की वजह से जिले ने जूडो-कराटे के क्षेत्र में कुल 113 पदक हासिल किए हैं. वहीं राष्ट्रीय स्तर की जूडो-कराटे प्रतियोगिता में 34 बच्चों ने राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए 2 कांस्य पदक हासिल किए हैं. राज्य स्तरीय जूडो-कराटे प्रतियोगिता में अब तक 161 बच्चों ने जिले का प्रतिनिधित्व किया है.

6 बच्चों का हुआ चयन
आईटीबीपी जूडो-कराटे प्रशिक्षक जहीर खान ने बताया कि इस साल राष्ट्रीय स्तर के जूडो-कराटे प्रतियोगिता में 6 बच्चों का चयन हुआ है और उनकी कोशिश है कि वे इस बार वे राज्य के लिए स्वर्ण पदक लेकर लौटें.

Intro:जूडो-कराटे खेल के प्रशिक्षण को आईटीबीपी ने क्षेत्र में नया आयाम दिया ,सुविधाओं के अभाव में भी पूरे देश में नक्सल गढ़ के बच्चों-युवाओं ने अपना लोहा मनवाया...
Body:महत्वाकांक्षी जिले में कोंडागांव को देशभर में दूसरा स्थान मिला ,गौरतलब है कि भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा देश भर के अत्यंत पिछड़े 115 जिलों का तेजी से विकास करने के लिए महत्वाकांक्षी जिलों के रूप में चयन किया गया था, इन जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों को पोषण ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,कृषि और सिंचाई, बैंकिंग सुविधा, कौशल विकास और अधोसंरचना विकास कर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कार्य करना था।

इसके लिए आयोग द्वारा कोंडागांव जिले को मार्च 2019 में 5 करोड रुपए की राशि से पुरस्कृत भी किया गया था।

जहां विकास के नाम पर कोंडागांव जिले ने उपलब्धि हासिल की , वहीं खेल विकास के क्षेत्र में जिला कोंडागांव पिछड़ा ही रहा, शासन-प्रशासन द्वारा सुविधाएं मुहैया न कराए जाने के कारण आज कई प्रतिभाएं उभर कर सामने ही नहीं आ पा रही ,

खेल के क्षेत्र में कोंडागांव जिले का शासन-प्रशासन सुस्त ही रहा है ,जिसके कारण कई प्रतिभाएं घुट-घुट कर खत्म हो गई।

ऐसी कई प्रतिभाएं इस नक्सलगढ़ में थीं ,जो देश- प्रदेश में अपना लोहा मनवा सकतीं थीं पर सुविधाओं के अभाव में उनका दम घुट गया।

ऐसे में यहां आइटीबीपी 41 बटालियन कैंप की स्थापना हुई ,जिसमें नक्सली गतिविधियों को खत्म करना इनका मूल उद्देश्य था, पर आईटीबीपी फोर्स की समस्या ग्रामीणों से मित्रता व संवाद स्थापित करना था क्योंकि बिना ग्रामीणों के सहयोग से लाल आतंक के साये को खत्म करना मुश्किल था इसलिए आईटीबीपी के जवानों ने ग्रामीणों की मुश्किलों को अपनाते हुए उनका समाधान करने का बीड़ा उठाया ,
सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत उन्होंने ग्रामीणों को उनकी जरूरतों के हर सामान उपलब्ध कराने का भरसक प्रयास किया ,जिसमें शिक्षा व खेल महत्वपूर्ण था

2 फाइल्स अटैच्ड

1st - जुडो -कराटे के विसुअल
2nd - bytes
1 हंसबती कोर्राम ,छात्रा,
2 . खुशबू साहू ,छात्रा
3. साहिल बसाक ,छात्र
4. योगेश सोरी, छात्र
5. सुनयना नाग ,छात्रा
6. शिवानी नेताम ,छात्रा
7. हंसबती कोर्राम, छात्रा
8. प्रदीप कुमार बघेल, छात्र
9.अनिल कुमार गोटा, छात्र
10.अभिषेक सोनवानी, छात्र
11. जहीर खान, आईटीबीपी 41 बटालियन जूडो कोच 12. युद्धवीर सिंह राणा , कमांडेंट आइटीबीपी 41 बटालियन कोंडागांवConclusion:नक्सलिज्म का दंश झेलते हुए ग्रामीण समाज की मुख्यधारा से भटकते हुए अंधकार की गर्त में समा चुके थे, जिसे आइटीबीपी पुलिस ने मितव्ययता व संवाद के जरिए जोड़ने का प्रयास किया और जिसमें वे कामयाब भी हुए, ग्रामीणों को शिक्षा से जोड़ते हुए उन्होंने खेलों से भी ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को जोड़ा, खेल की वजह से ही आज ग्रामीण ,बच्चे-युवा फौज से निर्भीक होकर मितव्ययता स्थापित कर पा रहे हैं।

ग्रामीणों की बच्चे आज निडर होकर फौज के सहारे खेलों में प्रशिक्षण पाकर देश-प्रदेश में नाम कमा रहे और क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं।

ऐसे ही एक खेल जूडो-कराटे में आईटीबीपी के प्रशिक्षित जवानों ने माड़ क्षेत्र के बच्चों को प्रशिक्षण दिया और आज ये बच्चे देश- प्रदेश में जिले का, प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए मेडलों की बौछार कर रहे हैं।

गत 3 सालों से आइटीबीपी के जवान आइटीबीपी 41 बटालियन कोंडागांव के पूर्व कमांडेंट सुरिन्दर खत्री व वर्तमान पदस्थ कमांडेंट युद्धवीर सिंह राणा के आदेश एवं निर्देशानुसार जिले के 6 से 21 वर्ष उम्र के बच्चों को जूडो कराटे की का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

वर्तमान में जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के 150 बच्चों को यहां आइटीबीपी के जवान जयप्रकाश व जहीर खान द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

आइटीबीपी के प्रशिक्षकों द्वारा कड़े प्रशिक्षण के बाद आज जूडो कराटे को न जानने वाले बच्चों ने जिले का नाम रोशन करते हुए कुल 113 मेडल प्राप्त किए जिसमें उन्होंने राज्य स्तरीय जूडो कराटे प्रतियोगिता में जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए 40 स्वर्ण पदक, 41 रजत पदक और 32 कांस्य पदक प्राप्त किए हैं।

राज्य स्तरीय जूडो कराटे प्रतियोगिता में अब तक 161 बच्चों ने जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए 113 पदक हासिल किए, वहीं राष्ट्रीय स्तर की जूडो कराटे प्रतियोगिता में 34 बच्चों ने राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए 2 कांस्य पदक हासिल किए हैं।

आइटीबीपी जूडो कराटे प्रशिक्षक जहीर खान ने बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय स्तर जूडो कराटे प्रतियोगिता में 6 बच्चों का चयन हुआ है और उनका प्रयास रहेगा कि इस बार वे राज्य के लिए स्वर्ण पदक लेकर लौटेंगे,

यहां आपको बताना जरूरी होगा कि भले ही कोंडागांव जिले को पूरे देश में महत्वाकांक्षी जिले के रूप में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है पर खेल के क्षेत्र में कोंडागांव जिला पिछड़ा हुआ ही रहा है , इसका मूल कारण शासन- प्रशासन का खेलों की सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं देना है ,जिले के माड़ क्षेत्रों, नक्सलगढ़ क्षेत्रों में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है पर जरूरत है सुविधाओं के उपलब्धता की।

आइटीबीपी के प्रयासों और पहल की वजह से आज माड़ नक्सलगढ़ क्षेत्रों के बच्चों ने जूडो कराटे में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है।
यदि शासन प्रशासन जिम्मेदाराना प्रयास करें तो खेल के क्षेत्र में भी यहां की प्रतिभाएं देश-प्रदेश ही नहीं विदेशों में भी अपना लोहा मनवा सकते हैं।

जूडो कराटे ही नहीं ऐसे कई खेल हैं जिनमें सुविधाओं के अभाव में बच्चे युवा अपनी प्रतिभाओं को निखारने से वंचित हो रहे हैं ,

आज आईटीबीपी ने सुविधाओं के अभाव में ही सही पर अपने प्रयासों और पहल से न केवल क्षेत्र की सुरक्षा करते हुए, नक्सलियों से लड़ते हुए , बल्कि ग्रामीणों व उनके बच्चों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ लाल आतंक से मुक्त करने का बीड़ा उठाया।
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