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डेटा रैंकिंग में नंबर वन था कोंडागांव, अब स्कूलों में लगी समस्याओं की 'झड़ी'

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कोंडागांव में बाल अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित शिविर आयोजित की. शिविर में जनसमस्याओं का अंबार देखने को मिला.बच्चों ने शिविर में समस्याओं की 'झड़ी' लगा दी.

डेल्टा रैंकिंग में नंबर वन बना था कोंडागांव
डेल्टा रैंकिंग में नंबर वन बना था कोंडागांव
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Published : Nov 30, 2019, 6:27 PM IST

कोंडागांव : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की खंडपीठ ने कोंडागांव में एक दिवसीय शिविर आयोजित की. शिविर में बाल अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित प्रकरणों का निपटारा किया गया. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की समस्याओं को सुना.

कार्यक्रम के दौरान ज्यादातर छात्र शामिल रहे, जो स्कूल की समस्याओं को लेकर शिविर में पहुंचे थे. शिविर में पहुंचे छात्रों की भीड़ देखकर जिले के विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था की कहानी खुद-ब-खुद बयां कर रही थी. दूसरी ओर दुधमुंहे बच्चों को लिए महिलाएं भी भीड़ में अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं.

स्कूलों में समस्याओं का अंबार
शिविर में लोगों ने बताया कि स्कूल में बाउंड्रीवॉल नहीं है. शिक्षकों की कमी, शौचालय, जाति-निवास प्रमाण पत्र नहीं बनने समेत कई मामले को लेकर ग्रामीण और छात्र पहुंचे थे. बाल अधिकार से संबंधित समस्याओं को लेकर बालकों-पालकों का हुजूम उमड़ पड़ा.

हरसंभव प्रयास करने की कोशिश की जाएगी
आयोग के सदस्य यशवंत जैन ने बाल अधिकारों से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए हरसंभव प्रयास करने की बात कही. बता दें कि जिले में समस्याओं को लेकर पहुंचने वाले ग्रामीणों की भीड़ को देखकर आयोग के सदस्य हतप्रभ रह गए.

कोंडागांव : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की खंडपीठ ने कोंडागांव में एक दिवसीय शिविर आयोजित की. शिविर में बाल अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित प्रकरणों का निपटारा किया गया. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की समस्याओं को सुना.

कार्यक्रम के दौरान ज्यादातर छात्र शामिल रहे, जो स्कूल की समस्याओं को लेकर शिविर में पहुंचे थे. शिविर में पहुंचे छात्रों की भीड़ देखकर जिले के विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था की कहानी खुद-ब-खुद बयां कर रही थी. दूसरी ओर दुधमुंहे बच्चों को लिए महिलाएं भी भीड़ में अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं.

स्कूलों में समस्याओं का अंबार
शिविर में लोगों ने बताया कि स्कूल में बाउंड्रीवॉल नहीं है. शिक्षकों की कमी, शौचालय, जाति-निवास प्रमाण पत्र नहीं बनने समेत कई मामले को लेकर ग्रामीण और छात्र पहुंचे थे. बाल अधिकार से संबंधित समस्याओं को लेकर बालकों-पालकों का हुजूम उमड़ पड़ा.

हरसंभव प्रयास करने की कोशिश की जाएगी
आयोग के सदस्य यशवंत जैन ने बाल अधिकारों से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए हरसंभव प्रयास करने की बात कही. बता दें कि जिले में समस्याओं को लेकर पहुंचने वाले ग्रामीणों की भीड़ को देखकर आयोग के सदस्य हतप्रभ रह गए.

Intro:राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की खंडपीठ द्वारा बाल अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित प्रकरणों के निराकरण हेतु एक दिवसीय शिविर जिला मुख्यालय कोंडागांव में आयोजित होते ही प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा उनकी समस्याओं का निराकरण न करने पर बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक समस्याओं को लेकर शिविर में पहुंचने लगे।Body:कार्यक्रम में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य यशवंत जैन ने बाल अधिकारों के संरक्षण के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी देते निराकरण हेतु हर संभव प्रयास करने की बात कहते एक-एक कर शिकायतकर्ताओं से रूबरू हुए तथा नीति आयोग की रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले जिले में समस्याओं को लेकर पहुंचने वाले में ग्रामीणों की भीड़ में देख आयोग के सदस्य भी हतप्रभ रह गए।

बाइट_यशवन्त जैन, राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग , भारत सरकारConclusion:अधिकांशतः विद्यार्थी शामिल रहे, जो स्कूल की समस्याओं को लेकर शिविर में उपस्थित हुए । कोई पालक तो कोई शिक्षकों के साथ शिविर में पहुंचे थे, शिविर में उपस्थित स्कूली बच्चों को देखकर जिले के विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था की कहानी खुद ब खुद बयां हो रही थी ।समस्याओं को लेकर दूध मुहे बच्चों के साथ अपनी बारी का इंतजार करती महिलाएं दिन भर भीड में जूझती रही। कोई स्कूल में बाउंड्री वाल, शिक्षकों की कमी, शौचालयों का ना होना ,जाति-निवास प्रमाण पत्र का ना बनना और भी समस्याओं को लेकर पहुंचे थे। यह तो केवल बाल अधिकार से संबंधित समस्याओं का शिविर लगाया गया जिसमें समस्याओं को लेकर बालकों-पालकों का हुजूम गाँव-गाँव से उमड़ पड़ा ,इस तरह की ढेरों समस्याएं हैं जो नीति आयोग की रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले महत्वाकांक्षी जिला कोंडागांव की जमीनी स्थिति पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
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