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कोंडागांव: मांझिनगढ़ में संयुक्त वन प्रबंधन समिति की कार्यशाला संपन्न - कोंडागांव के मांझिनगढ़ में संयुक्त वन प्रबंधन समिति की कार्यशाला

केशकाल वनमण्डल अंतर्गत मांझिनगढ़ में संयुक्त वन प्रबंधन समिति कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में वनमंडल में आने वाले 207 संयुक्त वन प्रबंधन समिति से अध्यक्ष और सदस्य मौजूद रहे.

Joint Forest Management Committee workshop
संयुक्त वन प्रबंधन समिति की कार्यशाला
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Published : Dec 8, 2020, 10:23 AM IST

केशकाल/विश्रामपुरी: केशकाल वनमण्डल अंतर्गत मांझिनगढ़ में संयुक्त वन प्रबंधन समिति कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में वनमंडल में आने वाले 207 संयुक्त वन प्रबंधन समिति से अध्यक्ष और सदस्य उपस्थित रहे. कार्यक्रम का शुभारंभ प्रकृति पूजा, साजा, पीपल, हर्रा, बहेड़ा, आंवला पौधों के रोपण से किया गया. कार्यक्रम के पहले चरण में वरुण जैन उपवनमंडलाधिकारी फरसगांव ने संयुक्त वन प्रबंधन समिति वार्षिक कार्ययोजना पर प्रकाश डालते हुए बहुत ही सरल भाषा में इसके अधिकार और नियमों को लोगों तक पहुंचाया.

Joint Forest Management Committee workshop
संयुक्त वन प्रबंधन समिति की कार्यशाला
Joint Forest Management Committee workshop
संयुक्त वन प्रबंधन समिति की कार्यशाला

पढ़ें: ETV भारत से 'बाबा' के दिल की बात, 'कल भी बदल सकते हैं सीएम, किसी कंपनी का CEO स्थाई नहीं रहता'

उपवनमंडलाधिकारी फरसगांव वरुण जैन ने लोगों से वन अधिकार कानून 2006 को लेकर फैले भ्रम को दूर किया, ताकि गांव-गांव में सीमा विवाद ना हो. सभा के दूसरे चरण में बस्तर संस्कृति और वन संरक्षण के बारे में ठेमली संयुक्त वन प्रबंधन समिति के सदस्य शिव सलाम ने अपना पक्ष रखा. इसके बाद वन प्रबंधन समिति के अधिकार और उनसे जुड़े कर्तव्य और कार्ययोजना कैसे बनाई जाए, इस संबंध में उपवनमण्डलाधिकारी फरसगांव ने बताया. सरपंच नलुराम ने जंगलों से होने वाले लघु वनोपज से ग्रामीणों की आय में वृद्धि की जानकारी दी.

Joint Forest Management Committee workshop
संयुक्त वन प्रबंधन समिति की कार्यशाला

कार्यशाला का आयोजन

इस दौरान उपवनमंडलाधिकारी फरसगांव ने सामुदायिक वन संसाधन के बारे में जानकारी देते हुए सीमा विवाद का कैसे निपटारा किया जाए, इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी. साथ ही समाजसेवी कृष्ण दत्त उपाध्याय ने वनों का संरक्षण, संवर्धन, ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति ठीक करने, ग्रामीणों को वन विभाग से आपेक्षाएं और उनका क्रियान्वयन संबंधी विषय पर विस्तृत चर्चा की.

Joint Forest Management Committee workshop
संयुक्त वन प्रबंधन समिति की कार्यशाला

वनमण्डलाधिकारी धम्मशील गणवीर ने मांझिनगढ़ को पर्यटन से जोड़कर वहां की विलुप्त हो रही संस्कृति को बचाते हुए ग्रामीणों को रोजगार और जीवन स्तर पर वृद्धि और आर्थिक लाभ कैसे दिलाया जाए, इस संबंध में समिति सदस्यों से विस्तार से चर्चा की गई. तीसरे चरण में ग्रामीणों की समस्या पर चर्चा की गई. वनमंडलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि लोगों की समस्याओं का समाधान जल्द किया जाएगा. वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों और अधिकारियों-कर्मचारियों ने मांझिनगढ़ संकल्प का वाचन कर कार्यशाला का समापन किया.

Joint Forest Management Committee workshop
संयुक्त वन प्रबंधन समिति की कार्यशाला
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संयुक्त वन प्रबंधन समिति की कार्यशाला

केशकाल/विश्रामपुरी: केशकाल वनमण्डल अंतर्गत मांझिनगढ़ में संयुक्त वन प्रबंधन समिति कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में वनमंडल में आने वाले 207 संयुक्त वन प्रबंधन समिति से अध्यक्ष और सदस्य उपस्थित रहे. कार्यक्रम का शुभारंभ प्रकृति पूजा, साजा, पीपल, हर्रा, बहेड़ा, आंवला पौधों के रोपण से किया गया. कार्यक्रम के पहले चरण में वरुण जैन उपवनमंडलाधिकारी फरसगांव ने संयुक्त वन प्रबंधन समिति वार्षिक कार्ययोजना पर प्रकाश डालते हुए बहुत ही सरल भाषा में इसके अधिकार और नियमों को लोगों तक पहुंचाया.

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उपवनमंडलाधिकारी फरसगांव वरुण जैन ने लोगों से वन अधिकार कानून 2006 को लेकर फैले भ्रम को दूर किया, ताकि गांव-गांव में सीमा विवाद ना हो. सभा के दूसरे चरण में बस्तर संस्कृति और वन संरक्षण के बारे में ठेमली संयुक्त वन प्रबंधन समिति के सदस्य शिव सलाम ने अपना पक्ष रखा. इसके बाद वन प्रबंधन समिति के अधिकार और उनसे जुड़े कर्तव्य और कार्ययोजना कैसे बनाई जाए, इस संबंध में उपवनमण्डलाधिकारी फरसगांव ने बताया. सरपंच नलुराम ने जंगलों से होने वाले लघु वनोपज से ग्रामीणों की आय में वृद्धि की जानकारी दी.

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संयुक्त वन प्रबंधन समिति की कार्यशाला

कार्यशाला का आयोजन

इस दौरान उपवनमंडलाधिकारी फरसगांव ने सामुदायिक वन संसाधन के बारे में जानकारी देते हुए सीमा विवाद का कैसे निपटारा किया जाए, इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी. साथ ही समाजसेवी कृष्ण दत्त उपाध्याय ने वनों का संरक्षण, संवर्धन, ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति ठीक करने, ग्रामीणों को वन विभाग से आपेक्षाएं और उनका क्रियान्वयन संबंधी विषय पर विस्तृत चर्चा की.

Joint Forest Management Committee workshop
संयुक्त वन प्रबंधन समिति की कार्यशाला

वनमण्डलाधिकारी धम्मशील गणवीर ने मांझिनगढ़ को पर्यटन से जोड़कर वहां की विलुप्त हो रही संस्कृति को बचाते हुए ग्रामीणों को रोजगार और जीवन स्तर पर वृद्धि और आर्थिक लाभ कैसे दिलाया जाए, इस संबंध में समिति सदस्यों से विस्तार से चर्चा की गई. तीसरे चरण में ग्रामीणों की समस्या पर चर्चा की गई. वनमंडलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि लोगों की समस्याओं का समाधान जल्द किया जाएगा. वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों और अधिकारियों-कर्मचारियों ने मांझिनगढ़ संकल्प का वाचन कर कार्यशाला का समापन किया.

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