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करवा चौथ पर पत्नियों से बात करने को तरसे जवानों ने पेड़ पर फोन टांग कर की बात

करवा चौथ पर हमारी सुरक्षा में तैनात जवान दिन भर अपनी पत्नियों से फोन पर बात करने की जद्दोजहद करते रहे. इलाके का मोबाइल नेटवर्क जवानों के साथ आंख मिचौली का खेल-खेल रहा था.

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Published : Oct 18, 2019, 12:09 AM IST

Updated : Oct 18, 2019, 3:11 PM IST

करवा चौथ पर पत्नियों से बात करने को तरसे जवानों ने पेड़ पर फोन टांग कर की बात

कोंडागांव: एक ओर जहां ITBP के जवान नक्सल प्रभावित इलाके में मुस्तैदी से अपना फर्ज निभा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर करवा चौथ के दिन उनकी लंबी उम्र के लिए उनकी पत्नियों ने निर्जला रखा. करवा चौथ पर हमारी सुरक्षा में तैनात जवान दिन भर अपनी पत्नियों से फोन पर बात करने की जद्दोजहद करते रहे. इलाके का मोबाइल नेटवर्क जवानों के साथ आंख मिचौली का खेल-खेल रहा था. ऐसे में जवानों ने एक तरकीब निकाली और मोबाइल फोन और डोंगल को थैले में डालकर रस्सी के सहारे पेड़ पर चढ़ाया और ब्लूटूथ डिवाइस के सहारे परिवारवालों से बात की.

पत्नियों से बात करने को तरसे जवान

मान्यता के मुताबिक पत्नियां चांद की रोशनी में पति का चेहरा देखने के बाद उसके हाथ से पानी पीकर ही व्रत तोड़ती हैं. एक ओर जहां टेक्नोलॉजी में आई क्रांति ने आम जनता की जिंदगी को आसान बना दिया है, लोग वीडियो कॉलिंग कर आसानी से रस्में निभा लेते हैं, तो वहीं दूरस्थ नक्सल इलाके में तैनात होने की वजह से ITBP के जवान महीनों तक परिवारवालों से बात तक नहीं कर पाते हैं. करवाचौथ के दिन पत्नी से बात करना जहां बेहद जरूरी था लिहाजा जवानों ने पेड़ का सहारा लिया और ब्लूटूथ डिवाइस के सहारे पत्नियों से बात की.

मर्दापाल से हड़ेली की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है और सिर्फ मर्दापाल में ही मोबाइल फोन नेटर्वक पकड़ पाता है. यहां एक निजी सर्विस प्रोवाइडर और BSNL नेटवर्क मिलता है, जिससे आस-पास के पूरे इलाके में मोबाइल कनेक्टिविटी रहती है. जवान बाकी दिन तो जैसे-तैसे एडजेस्ट कर लेते हैं, लेकिन करवाचौथ के विशेष दिन घर में भूखी पत्नी से बात करना जरूरी था, ऐसे में जवानों ने एक विशेष तकनीकि इजाद की. उन्होंने कैम्प के अंदर कुछ विशेष पॉइंट्स पर रस्सियों के सहारे से मोबाइल फोन को नंबर डायल करने के बाद उसे पेड़ों की ऊंचाई पर टांगा, जिससे कि वहां से मोबाइल पर नेटवर्क सही मिल सके और कनेक्टिविटी हासिल हो सके.

हड़ेली सीओबी के असिस्टेंट कमांडेंट सुरेश यादव ने बताया कि 'यूं तो यहां कोई मोबाइल टावर नहीं है, जिससे सही नेटवर्क मिल पाए, 15 किलोमीटर दूर मर्दापाल में लगे निजी सर्विस प्रोवाइडर और BSNL के टावर से कभी-कभी सिग्नल मिल जाता है, जिससे जवान अपने घरों में संपर्क कर लेते हैं.

आज करवाचौथ के विशेष दिन पर पत्नियां निर्जला व्रत अपने पतियों के लिए रखतीं हैं और उन्हें देखकर ही व्रत तोड़तीं हैं, पर जवान यहां ड्यूटी पर होने के कारण केवल उनसे बात करके ही व्रत तोड़ेंगे, इसलिए जवानों ने जुगाड़ लगाकर ऐसी व्यवस्था कि ताकि व्रत तोड़ने के समय ठीकठाक मोबाइल नेटवर्क मिल सके.

जवान अपना फर्ज निभाने के लिए न जाने कितनी तकलीफें उठाते हैं, परिवार से दूर रहने के साथ ही हंसते-हंसते अपनी खुशियों का त्याग कर जाते हैं. सलाम है भारत मां के इन सपूतों को क्योंकि ये हैं तो मुल्क और हम हैं.

कोंडागांव: एक ओर जहां ITBP के जवान नक्सल प्रभावित इलाके में मुस्तैदी से अपना फर्ज निभा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर करवा चौथ के दिन उनकी लंबी उम्र के लिए उनकी पत्नियों ने निर्जला रखा. करवा चौथ पर हमारी सुरक्षा में तैनात जवान दिन भर अपनी पत्नियों से फोन पर बात करने की जद्दोजहद करते रहे. इलाके का मोबाइल नेटवर्क जवानों के साथ आंख मिचौली का खेल-खेल रहा था. ऐसे में जवानों ने एक तरकीब निकाली और मोबाइल फोन और डोंगल को थैले में डालकर रस्सी के सहारे पेड़ पर चढ़ाया और ब्लूटूथ डिवाइस के सहारे परिवारवालों से बात की.

पत्नियों से बात करने को तरसे जवान

मान्यता के मुताबिक पत्नियां चांद की रोशनी में पति का चेहरा देखने के बाद उसके हाथ से पानी पीकर ही व्रत तोड़ती हैं. एक ओर जहां टेक्नोलॉजी में आई क्रांति ने आम जनता की जिंदगी को आसान बना दिया है, लोग वीडियो कॉलिंग कर आसानी से रस्में निभा लेते हैं, तो वहीं दूरस्थ नक्सल इलाके में तैनात होने की वजह से ITBP के जवान महीनों तक परिवारवालों से बात तक नहीं कर पाते हैं. करवाचौथ के दिन पत्नी से बात करना जहां बेहद जरूरी था लिहाजा जवानों ने पेड़ का सहारा लिया और ब्लूटूथ डिवाइस के सहारे पत्नियों से बात की.

मर्दापाल से हड़ेली की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है और सिर्फ मर्दापाल में ही मोबाइल फोन नेटर्वक पकड़ पाता है. यहां एक निजी सर्विस प्रोवाइडर और BSNL नेटवर्क मिलता है, जिससे आस-पास के पूरे इलाके में मोबाइल कनेक्टिविटी रहती है. जवान बाकी दिन तो जैसे-तैसे एडजेस्ट कर लेते हैं, लेकिन करवाचौथ के विशेष दिन घर में भूखी पत्नी से बात करना जरूरी था, ऐसे में जवानों ने एक विशेष तकनीकि इजाद की. उन्होंने कैम्प के अंदर कुछ विशेष पॉइंट्स पर रस्सियों के सहारे से मोबाइल फोन को नंबर डायल करने के बाद उसे पेड़ों की ऊंचाई पर टांगा, जिससे कि वहां से मोबाइल पर नेटवर्क सही मिल सके और कनेक्टिविटी हासिल हो सके.

हड़ेली सीओबी के असिस्टेंट कमांडेंट सुरेश यादव ने बताया कि 'यूं तो यहां कोई मोबाइल टावर नहीं है, जिससे सही नेटवर्क मिल पाए, 15 किलोमीटर दूर मर्दापाल में लगे निजी सर्विस प्रोवाइडर और BSNL के टावर से कभी-कभी सिग्नल मिल जाता है, जिससे जवान अपने घरों में संपर्क कर लेते हैं.

आज करवाचौथ के विशेष दिन पर पत्नियां निर्जला व्रत अपने पतियों के लिए रखतीं हैं और उन्हें देखकर ही व्रत तोड़तीं हैं, पर जवान यहां ड्यूटी पर होने के कारण केवल उनसे बात करके ही व्रत तोड़ेंगे, इसलिए जवानों ने जुगाड़ लगाकर ऐसी व्यवस्था कि ताकि व्रत तोड़ने के समय ठीकठाक मोबाइल नेटवर्क मिल सके.

जवान अपना फर्ज निभाने के लिए न जाने कितनी तकलीफें उठाते हैं, परिवार से दूर रहने के साथ ही हंसते-हंसते अपनी खुशियों का त्याग कर जाते हैं. सलाम है भारत मां के इन सपूतों को क्योंकि ये हैं तो मुल्क और हम हैं.

Intro:नक्सली समस्या का सफाया करने मुस्तैद जवान जूझ रहे मोबाइल नेटवर्क समस्या से......Body:देश-प्रदेश में चारों ओर जहाँ आज करवाचौथ की रौनक है, वहीं हड़ेली ITBP 41 बटालियन के जवान अपनी-अपनी पत्नियों से बात करने जुगाड़ का सहारा ले रहे,
दरअसल हड़ेली ITBP कैम्प जिला मुख्यालय कोंडागांव से लगभग 55 किलोमीटर दूर है और नक्सली समस्या से निपटने प्रशासन ने यहाँ ITBP व डीआरजी के जवानों की तैनाती की, आज बहुत हद तक नक्सली बैकफुट पर हैं, पर जवानों की अनेक समस्याएं जस की तस बनीं हुई हैं,नक्सली उन्मूलन समस्या के निवारण की तैनाती के चलते सुरक्षा जवान अपनी व्यथा किसी से कह भी नहीं पाते, देश के अलग-अलग हिस्सों से सोशल मीडिया पर इसके कई वीडियोस भी जवानों ने वायरल किये हैं ,
ऐसी ही एक समस्या से हड़ेली के ITBP के जवान जूझ रहे हैं।
यूँ तो यह समस्या रोज की है पर करवाचौथ के दिन अपनी-अपनी पत्नियों से बात ही कर इस व्रत को निभाने जवानों ने अनोखी तरकीब निकाली।
उन्होंने कैंपस में कुछ ऐसे पॉइंट्स ढूंढे जहाँ मोबाइल नेटवर्क ठीकठाक मिल जाता है।

बाइट_सुरेश यादव, असिस्टेन्ट कमांडेंट, हड़ेली सीओबी 41 BN ITBPConclusion:हड़ेली की दूरी मर्दापाल से लगभग 15 किलोमीटर है और केवल मर्दापाल में ही जिओ और bsnl का नेटवर्क है जिससे पूरे आसपास के क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी रहती है,
जवान बाकी दिन तो जैसे-तैसे एडजस्ट कर ही लेते हैं, पर आज करवाचौथ के विशेष दिन पर अपनी-अपनी पत्नियों से बात करने उन्होंने कैम्प के अंदर कुछ विशेष पॉइंट्स पर रस्सियों के सहारे से मोबाइल को पेड़ों की ऊंचाई पर टांगा जिससे कि वहां से मोबाइल पर नेटवर्क सही मिल सके और कनेक्टिविटी मिल पाए,
नंबर डायल कर मोबाईल को पेड़ों की ऊंचाई पर टांग नेटवर्क सही मिल जाने से जवान अपने घर पत्नियों से जवान बातें कर रहे, खैर-खबर ले रहे।
हड़ेली सी ओ बी के असिस्टेंट कमांडेंट सुरेश यादव ने बताया कि यूँ तो यहां कोई मोबाइल टावर नहीं है जिससे सही नेटवर्क मिल पाए ,15 किलोमीटर दूर मर्दापाल में लगे जिओ व bsnl के टावर से कभी-कभी सिग्नल मिल जाता है ,जिससे जवान अपने घरों में संपर्क कर लेते हैं,
पर आज करवाचौथ के विशेष दिन पर पत्नियां निर्जला व्रत अपने पतियों के लिए रखतीं हैं और उन्हें देखकर ही व्रत तोड़तीं हैं, पर जवान यहां ड्यूटी पर होने के कारण केवल उनसे बात करके ही व्रत तोड़ेंगे, इसलिए जवानों ने जुगाड़ लगाकर ऐसी व्यवस्था कि ताकि व्रत तोड़ने के समय ठीकठाक मोबाइल नेटवर्क मिल सके।
Last Updated : Oct 18, 2019, 3:11 PM IST
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