कोंडागांव: वैसे तो कानों में कोंडागांव का नाम गूंजते ही मन में नक्सलियों का खौफ झलकने लगता है, लेकिन एक किसान ने इन खौफनाक तस्वीरों के बीच लहलहाती फसल खड़ी कर दी. इस फसलों से ये किसान लाखों रुपए कमा रहा है, इनकी कामयाबी की कहानी ईटीवी भारत ने भी प्रमुखता से दिखाई थी, जिसके चलते कामयाबी की ये दास्तां छत्तीसगढ़ की गलियों को पार करते हुए दिल्ली के आयकर विभाग के दफ्तर तक पहुंच गई.
किसान के खेत तक पहुंचे अधिकारी
बस्तर के कोंडागांव जैसी जगह पर एक किसान प्रति एकड़ लाखों कमा रहा है, जबकि देश के ज्यादातर इलाकों में किसान घाटे में या कम मुनाफा लेकर संघर्ष कर रहे हैं. आखिर कैसे ये चमत्कार संभव हो पाया है इसके अध्ययन के लिए आयकर विभाग के प्रिंसिपल डीजी के सी घुमारिया ने कोंडागांव आने का फैसला किया.
पेड़ों पर लगी काली मिर्च की लताएं
आयकर विभाग की टीम जब राजाराम त्रिपाठी के फार्म हाउस पहुंची तो, पेड़ों पर लगी काली मिर्च की लताओं को देखकर दंग रह गए, सफेद मूसली, स्टीविया और पेड़ों पर लदी लच्छेदार काली मिर्च ने अधिकारियों का मन मोह लिया. अफसरों के मुंह से किसान राजाराम की तरीफें होने लगी. अफसरों ने कहा कि इस खेती से छत्तीसगढ़ के लोगों को जोड़ने की जरूरत है, जिससे किसानों की भला होगा. घुमारिया तो इतने प्रभावित नजर आए कि उन्होंने खुद भी रिटायरमेंट के बाद इसी तरह की खेती करने की इच्छा जताई.
किसान ने खेती में बहाया पसीना
बता दें कि डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने बैंक की नौकरी को छोड़ खेती में पसीना बहाने का फैसला किया, जो अब काली मिर्च और स्टिविया की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. इतना ही नहीं मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म नामक संस्था के प्रमुख भी हैं. इस संस्था के माध्यम से आस-पास के कई आदिवासी परिवार भी जुड़े हुए हैं और वे भी इस उन्नत विधि को सीखकर इस तरह की खेती कर रहे हैं.