कोंडागांव : जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत कई सड़कों का निर्माण हो रहा है, जिसमें मिट्टी, मुरूम, रेत का अवैध तरीके से उत्खनन कर उपयोग किया जा रहा है. पर जिले में अवैध खनन और परिवहन के नाम 'अंधेर नगरी चौपट राजा ' वाली कहावत चरितार्थ हो रही (Illegal mining and transportation in Kondagaon) है. जिले में कहीं पर भी सड़क निर्माण के लिए ठेकेदार खुलेआम अवैध खनन और परिवहन कर रहे हैं, जिसे रोकने वाला कोई नहीं है.
अब अधिकारियों की जान लिजिए राय : खनिज निरीक्षक नेहा टंडन से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि ''गुलाबचंद जैन ठेकेदार को पल्ली ग्राम पंचायत में मुरुम उत्खनन एवं परिवहन की परमिशन दी गई है. यदि वह कहीं और से मुरुम का खनन और परिवहन कर रहे हैं तो वह अवैधानिक है. मैं फिलहाल छुट्टी पर हूं, जांच पश्चात नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. '' वहीं एसडीएम कोंडागांव सीके ठाकुर ने कहा कि ''मैं हास्पिटल में हूं. आप तहसीलदार से संपर्क करें. जब टीम तहसीलदार के पास पहुंची तो तहसीलदार कोंडागांव विजय मिश्रा कहा कि '' खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारी इस काम के लिए मोटी- मोटी तनख्वाह लेते हैं, एक बार आप उनसे संपर्क करें.''
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हर किसी के पास है बहाना : तो ये है जिले के जिम्मेदार अधिकारियों का रवैया. जब इनसे संपर्क किया जाता है तो सब एक दूसरे पर जिम्मेदारियां थोपते नजर आते (Chattishgarh samachar )हैं. जिले के कलेक्टर को समय सीमा की समीक्षा बैठकों में यह अधिकारी सिर्फ और सिर्फ कागजों में ही बेहतर कार्य करने का रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं, धरातल पर स्थिति कुछ और ही नजर आ रहा है.जानकारों की मानें तो अधिकांश मामलों में खनिज विभाग की मूक सहमति और प्रशासन की अनदेखी है. ठेकेदार खुलेआम खनिज संपदा का दोहन कर रहे हैं और जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे.आपको बता दें कि कोंडागांव जिले में मुरुम का एक भी घोषित खदान नहीं है.फिर भी मुरुम उपलब्ध है.