केशकाल: वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह के तहत वन्यजीव व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से केशकाल वनमंडल द्वारा शनिवार को जल-जंगल यात्रा का आयोजन किया गया. जिसमें केशकाल नगर के सैकड़ों सैलानियों ने भाग लेकर प्रकृति का आनंद उठाया. लगभग 5 किलोमीटर की इस यात्रा में वन मंडल अधिकारी व वैद्यराज के द्वारा वनस्पतियों के बारे में जानकारी दी गयी. इस जल-जंगल यात्रा में तीरंदाजी, गेड़ी चलना आदि विभिन्न प्रकार के क्रियाकलाप भी करवाए गए.
वैसे तो केशकाल व आस-पास के क्षेत्र के लोग सैकड़ों बार इको पर्यटन केंद्र टाटामारी आये होंगे, लेकिन टाटामारी के जंगलों को केवल उपर से ही निहारना संभव था, लेकिन केशकाल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि वनमंडल के तत्वावधान में नगरवासियों को जंगल भ्रमण करने का मौका मिला हो. वन मंडल अधिकारी धम्मशील गणवीर के प्रयासों व नगरवासियों के सहयोग से जल-जंगल यात्रा का सफल आयोजन हुआ.
जल-जंगल यात्रा में सैकड़ो सैलानी हुए शामिल
इस जंगल यात्रा में केशकाल व आस-पास के सैकड़ों लोग शामिल हुए. जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने 5 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया. लगभग 4 अलग-अलग समूह में टाटामारी के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक के जंगल के रास्ते में आने वाले उतार-चढ़ाव को पार करते हुए सैलानियों ने यात्रा पूरी की.
वैद्यराजों ने वनस्पतियों के बारे में दी जानकारी
यात्रा के दौरान सभी सैलानियों को 4-5 समूहों में बांटा गया था, हर समूह के साथ एक वैद्यराज चल रहे थे, जो जगह-जगह रुककर वनस्पतियों, वनोपजों व पर्यावरण से सम्बंधित जानकारी देते रहते थे. कुछ जगहों पर वन मंडल अधिकारी ने खुद पेड़-पौधों, प्रकृति व वन्यजीवों से संबंधित जानकारी देकर सैलानियों का ज्ञानवर्धन किया.
सैलानियों को जंगल के बारे में मिली ज्ञानवर्धक जानकारियां
इस यात्रा में आए स्थानीय नगरवासी प्रभाष दुबे ने बताया कि केशकाल में पहली बार इस तरह की ट्रेकिंग का आयोजन हुआ है. ETV भारत से उन्होंने कहा कि जल जंगल यात्रा से जंगलों में मिलने वाली औषधि, वनस्पति, झरनों आदि के बारे में उन्हें बहुत कुछ जानने को मिला है. प्रभाष दुबे ने बताया कि यात्रा से उनका अनुभव काफी अच्छा रहा, वन विभाग की तरफ से आयोजित यात्रा की तारीफ करते हुए आगे भी इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन होने की बात कही.
सैलानियों के लिए खास व्यवस्था
इस विषय पर केशकाल वनमंडल अधिकारी धम्मशील गणवीर ने बताया कि टाटामारी इको पर्यटन केंद्र में आयोजित जल जंगल यात्रा में लगभग 100 से अधिक लोगों ने भाग लिया था. लगभग 5 किलोमीटर की इस यात्रा में शामिल सभी सैलानियों को जंगल की प्राकृतिक सम्पदाओं, वनौषधियों के महत्व व उसके उपयोग के बारे में विस्तार से समझाया गया. जल-जंगल यात्रा के बाद सभी के लिए टाटामारी में जलपान की व्यवस्था भी करवाई गई थी. जिसके बाद तीरंदाजी व गेड़ी खेल का भी आयोजन किया गया था. जिसमें पूरी तरह रुचि दिखाते हुए सैलानियों ने हर खेल में भाग लिया.
पर्यटन के माध्यम से मिलेगा रोजगार
वनमंडल अधिकारी धम्मशील गणवीर ने यह भी बताया कि आने वाले समय में उनकी कोशिश रहेगी कि पर्यटन स्थलों के माध्यम से केशकाल के साथ-साथ आसपास के अन्य गांव को भी रोजगार से जोड़ा जाए. अधिकारी ने बताया कि इसके लिए उन्होंने योजनाएं बनाई हैं. जिस प्रकार से छिंदगढ़ ग्राम के युवकों को टाटामारी के संरक्षण हेतु रखा गया है, इससे उन्हें रोजगार भी मिल रहा है और टाटामारी में व्यवस्था बनी हुई है. इसी प्रकार से अन्य पर्यटन स्थलों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के युवा बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करवाया जाएगा.