कोंडागांव: महिला और बच्चों संबंधी अपराध में कमी लाने और उनकी रक्षा सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से "संवेदना योजना" चलाई जा रही है. इसके तहत महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे वारदातों में कमी लाने और मानव तस्करी पर नकेल कसने की कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में पुलिस ने 2018 के एक मामले में मानव तस्करी के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
बीमारी में भी कराया जाता था काम
सिटी कोतवाली थाने में अक्टूबर 2018 में मानव तस्करी का एक मामला दर्ज हुआ था. इसपर कार्रवाई करते हुए कोंडागांव पुलिस ने तीन आरोपी जयराम सलाम, उमेश कुमार मंडावी और जैतराम नेताम को गिरफ्तार किया है. तीनों पर युवती को बहला-फुसलाकर ज्यादा मजदूरी का लालच देकर उसे चेन्नई ले जाने और वहां उसे बंधक बनाकर मजदूरी कराने का आरोप है. युवती की मां का आरोप है कि, आरोपी युवती के बीमार होने पर भी उससे काम कराता था.
एक और मामले में 2 गिरफ्तार
"संवेदना योजना" के तहत पुलिस लगातार बंधक लोगों को छुड़ाने की कोशिश कर रही है. पुलिस को अपने मुखबिर से सूचना मिली कि फरसागांव के रहने वाले बादसाय नेताम और रामसाय नेताम 15 नाबालिग बच्चों को काम कराने के उद्देश्य से हैदराबाद ले जा रहा है. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर 15 बच्चों के साथ दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
70 बच्चों का किया रेस्क्यू
कोंडागांव पुलिस को इसी योजना के तहत कार्रवाई करते हुए सीसीआरएस प्रोजेक्ट सेलम तमिलनाडु के काउंसलर वेद भट्टाचार्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ के बच्चों की सेलम में होने की सूचना मिली थी. इसके बाद पुलिस ने वहां कार्रवाई करते हुए बच्चों को सुरक्षित छत्तीसगढ़ वापस लाई. इस पूरे अभियान में पुलिस ने अलग-अलग जगहों से कुल 70 बच्चों का रेस्क्यू किया है. इसमें कोंडागांव के 51, नारायणपुर के 6, जगदलपुर के 5, कांकेर के 2, जशपुर के 1, सूरजपुर के 2 और रायगढ़ के 3 बच्चे शामिल हैं.
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
पुलिस को तमिलनाडु, गोवा, आंध्र प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों के विभिन्न कारखानों से छत्तीसगढ़ के करीबन 300 बच्चों और मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराने की सूचना मिली है, जिसपर पुलिस काम कर रही है.