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मानव तस्करी के खिलाफ रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, अब तक 70 बच्चों को कराया गया रिहा

छत्तीसगढ़ के भोले-भाले गरीब बच्चों और महिलाओं को बहला फुसलाकर दूसरे राज्यों में ले जाकर उन्हें बंधक बना उनसे मजदूरी कराया जाता है. इसके खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. जिसमें पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है.

accused arrest
पुलिस के गिरफ्त में आरोपी
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Published : Dec 19, 2019, 12:38 PM IST

कोंडागांव: महिला और बच्चों संबंधी अपराध में कमी लाने और उनकी रक्षा सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से "संवेदना योजना" चलाई जा रही है. इसके तहत महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे वारदातों में कमी लाने और मानव तस्करी पर नकेल कसने की कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में पुलिस ने 2018 के एक मामले में मानव तस्करी के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

बीमारी में भी कराया जाता था काम

सिटी कोतवाली थाने में अक्टूबर 2018 में मानव तस्करी का एक मामला दर्ज हुआ था. इसपर कार्रवाई करते हुए कोंडागांव पुलिस ने तीन आरोपी जयराम सलाम, उमेश कुमार मंडावी और जैतराम नेताम को गिरफ्तार किया है. तीनों पर युवती को बहला-फुसलाकर ज्यादा मजदूरी का लालच देकर उसे चेन्नई ले जाने और वहां उसे बंधक बनाकर मजदूरी कराने का आरोप है. युवती की मां का आरोप है कि, आरोपी युवती के बीमार होने पर भी उससे काम कराता था.

एक और मामले में 2 गिरफ्तार
"संवेदना योजना" के तहत पुलिस लगातार बंधक लोगों को छुड़ाने की कोशिश कर रही है. पुलिस को अपने मुखबिर से सूचना मिली कि फरसागांव के रहने वाले बादसाय नेताम और रामसाय नेताम 15 नाबालिग बच्चों को काम कराने के उद्देश्य से हैदराबाद ले जा रहा है. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर 15 बच्चों के साथ दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

70 बच्चों का किया रेस्क्यू
कोंडागांव पुलिस को इसी योजना के तहत कार्रवाई करते हुए सीसीआरएस प्रोजेक्ट सेलम तमिलनाडु के काउंसलर वेद भट्टाचार्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ के बच्चों की सेलम में होने की सूचना मिली थी. इसके बाद पुलिस ने वहां कार्रवाई करते हुए बच्चों को सुरक्षित छत्तीसगढ़ वापस लाई. इस पूरे अभियान में पुलिस ने अलग-अलग जगहों से कुल 70 बच्चों का रेस्क्यू किया है. इसमें कोंडागांव के 51, नारायणपुर के 6, जगदलपुर के 5, कांकेर के 2, जशपुर के 1, सूरजपुर के 2 और रायगढ़ के 3 बच्चे शामिल हैं.

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
पुलिस को तमिलनाडु, गोवा, आंध्र प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों के विभिन्न कारखानों से छत्तीसगढ़ के करीबन 300 बच्चों और मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराने की सूचना मिली है, जिसपर पुलिस काम कर रही है.

कोंडागांव: महिला और बच्चों संबंधी अपराध में कमी लाने और उनकी रक्षा सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से "संवेदना योजना" चलाई जा रही है. इसके तहत महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे वारदातों में कमी लाने और मानव तस्करी पर नकेल कसने की कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में पुलिस ने 2018 के एक मामले में मानव तस्करी के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

बीमारी में भी कराया जाता था काम

सिटी कोतवाली थाने में अक्टूबर 2018 में मानव तस्करी का एक मामला दर्ज हुआ था. इसपर कार्रवाई करते हुए कोंडागांव पुलिस ने तीन आरोपी जयराम सलाम, उमेश कुमार मंडावी और जैतराम नेताम को गिरफ्तार किया है. तीनों पर युवती को बहला-फुसलाकर ज्यादा मजदूरी का लालच देकर उसे चेन्नई ले जाने और वहां उसे बंधक बनाकर मजदूरी कराने का आरोप है. युवती की मां का आरोप है कि, आरोपी युवती के बीमार होने पर भी उससे काम कराता था.

एक और मामले में 2 गिरफ्तार
"संवेदना योजना" के तहत पुलिस लगातार बंधक लोगों को छुड़ाने की कोशिश कर रही है. पुलिस को अपने मुखबिर से सूचना मिली कि फरसागांव के रहने वाले बादसाय नेताम और रामसाय नेताम 15 नाबालिग बच्चों को काम कराने के उद्देश्य से हैदराबाद ले जा रहा है. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर 15 बच्चों के साथ दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

70 बच्चों का किया रेस्क्यू
कोंडागांव पुलिस को इसी योजना के तहत कार्रवाई करते हुए सीसीआरएस प्रोजेक्ट सेलम तमिलनाडु के काउंसलर वेद भट्टाचार्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ के बच्चों की सेलम में होने की सूचना मिली थी. इसके बाद पुलिस ने वहां कार्रवाई करते हुए बच्चों को सुरक्षित छत्तीसगढ़ वापस लाई. इस पूरे अभियान में पुलिस ने अलग-अलग जगहों से कुल 70 बच्चों का रेस्क्यू किया है. इसमें कोंडागांव के 51, नारायणपुर के 6, जगदलपुर के 5, कांकेर के 2, जशपुर के 1, सूरजपुर के 2 और रायगढ़ के 3 बच्चे शामिल हैं.

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
पुलिस को तमिलनाडु, गोवा, आंध्र प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों के विभिन्न कारखानों से छत्तीसगढ़ के करीबन 300 बच्चों और मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराने की सूचना मिली है, जिसपर पुलिस काम कर रही है.

Intro:महिला संबंधी अपराधों में कमी लाने तथा उनकी रक्षा सुनिश्चित करनी महिलाओं के लिए "संवेदना योजना" चलाई जा रही है जिसके तहत महिलाओं तथा बच्चों के विरुद्ध घटित हो रहे अपराधों में कमी लाने प्रयास व कार्यवाही की जा रही हैBody:कोंडागांव पुलिस को सूचना मिली थी कि जिले के भोले भाले गरीब बालक बालिकाओं और महिलाओं को ज्यादा पैसों में काम दिलाने का लालच देकर अन्य राज्यों आंध्र प्रदेश तमिलनाडु उड़ीसा इत्यादि में बंधुआ मजदूर की तरह काम करवा रहे हैं जिसे गंभीरता से लेते हुए मानव तस्करी पर नकेल कसने विशेष टीम पुलिस द्वारा तैयार कर संदेहियों पर नजर रखी जा रही थी
सिटी कोतवाली कोंडागांव और माकड़ी थाने में अधिक मजदूरी का लालच व झांसा देकर दूसरे राज्य ले जाने एवं जबरन बंधक बनाकर मजदूरी कराने तथा मजदूरी के बाद रुपए भी नहीं देने जैसी सूचना मिलने पर पीड़ितों के आवेदन पर f.i.r. करते हुए त्वरित कार्यवाही की गई।

बाइट_सुजीत कुमार , पुलिस अधीक्षक, कोंडागांव
फोटोज_5 आरोपीConclusion:सिटी कोतवाली थाना कोंडागांव के अंतर्गत मानव तस्करी मामले में अक्टूबर 2018 में दर्ज कराए गए रिपोर्ट में त्वरित कार्रवाई करते हुए जयराम सलाम निवासी मड़ानार, उमेश कुमार मंडावी निवासी गुटापारा व जैतराम नेताम निवासी बागझर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया , पीड़ित बालिका की मां सैनी सोरी ने रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उपरोक्त तीनों आरोपी क्षेत्र के बालक बालिकाओं को बहला-फुसलाकर अधिक मजदूरी दिलाने का लालच देकर चेन्नई ले गए हैं जहां उन्हें बंधक बनाकर काम लिया जा रहा था यहां तक कि बीमार रहने पर भी मजदूरी कराई जाती थी पुख्ता जानकारी के आधार पर पुलिस ने उपरोक्त तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और सभी बंधकों को रेस्क्यू कर परिजनों को सुपुर्द किया।
फरसगांव थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि बादसाय नेताम व रामसाय नेताम निवासी फरसगांव क्षेत्र के 15 नाबालिग बच्चों को बहला-फुसलाकर व अधिक मजदूरी का झांसा देकर बंधक के रूप में कार्य कराने के उद्देश्य से हैदराबाद ले जा रहे हैं , सूचना की तस्दीक पर पुलिस ने विशेष टीम गठित किया और घेराबंदी कर आरोपियों को पकड़ा तथा राज्य से बाहर ले जाए जा रहे बालक बालिकाओं तथा अन्य बंधकों को रेस्क्यू किया गया।
कोंडागांव पुलिस को गुम बालक बालिकाओं के पतासाजी के दौरान सीसीआरएस प्रोजेक्ट सेलम तमिलनाडु के काउंसलर वेद भट्टाचार्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ के बालक बालिकाओं के सेलम में होने की सूचना पर रेस्क्यू कर सुरक्षित लाया गया।
पूरे अभियान में विभिन्न जिलों जैसे कोंडागांव के 51 बच्चे, नारायणपुर के 6 बच्चे, जिला जगदलपुर के 5, कांकेर जिला के 2, जसपुर से 1, सूरजपुर के 2 बच्चे व रायगढ़ के 3 बच्चों को रेस्क्यू कर वापस लाया गया।
छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के 42 बालिकाओं व 28 वालों को कुल 70 बच्चों को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया गया।
वही अभी तमिलनाडु, गोवा, आंध्र प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों के विभिन्न कारखानों तथा अन्य स्थानों पर छत्तीसगढ़ के करीबन 300 बालक-बालिकाओं , मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराने की सूचना पर पुलिस द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
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