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कोंडागांव: इस गौठान का बुरा है हाल, मवेशी की जगह मौजूद हैं घास का मैदान - कोंडागांव गौठान में मवेशी नदारद

बड़े कनेरा के आदर्श गौठान में एक भी मवेशी मौजूद नहीं दिखा. सरकार की महत्वकांक्षी नरवा, गरवा, घुरुवा और बाड़ी योजना को कैसे पलीता लगाया जा रहा है.

कोंडागांव गौठान का बुरा है हाल
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Published : Aug 29, 2019, 10:11 PM IST

Updated : Sep 20, 2019, 1:38 PM IST

कोंडागांव: मार्च 2019 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़े कनेरा गौठान और चरागाह का लोकार्पण किया गया और साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने जिले में मौजूद सात गोठानों, मूरनार, लंजोड़ा, कुकाड़गारकापाल, लिहागांव, बैजनपुरी, हीरापुर, बालौंड का हरेली अमावस्या तिहार के दिन लोकार्पण किया गया था. हमने कनेरा गौठान का जायजा लिया.

कोंडागांव:गौठान का बुरा हाल, मवेशी की जगह मौजूद हैं घास का मैदान

गौठान में मौजूद नहीं थे मवेशी
इस दौरान हमने देखा कि, बड़े कनेरा के आदर्श गौठान में एक भी मवेशी मौजूद नहीं था. ये तस्वीर यह बताने के लिए काफी है कि, सिस्टम सरकार की महत्वकांक्षी नरवा, गरवा, घुरुवा और बाड़ी योजना को कैसे पलीता लगाया जा रहा है.

चारागाह में तब्दील हुआ गौठान
गौठान में मवेशी तो नदारद थे, लेकिन हां यहां ऊंची-ऊंची नेपियर घास जरूर मौजूद थी. इस दौरान हमने देखा कि स्वसहायता समूह में काम करने वाली महिलाएं इस घास को काट रही थीं.

लोकार्पण के दौरान ये जानवार थे मौजूद
लोकार्पण के वक्त गौठान गाय, बैल, भैंस, बकरी ,भेड़, मुर्गी से भरा था. लोकार्पण कार्यक्रम के कुछ दिनों के बाद आदर्श गौठान बिना मवेशियों के वीरान पड़ा है, जो सरकार की इस महत्वकांशी योजना का हाल बताने के लिए काफी है.

कोंडागांव: मार्च 2019 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़े कनेरा गौठान और चरागाह का लोकार्पण किया गया और साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने जिले में मौजूद सात गोठानों, मूरनार, लंजोड़ा, कुकाड़गारकापाल, लिहागांव, बैजनपुरी, हीरापुर, बालौंड का हरेली अमावस्या तिहार के दिन लोकार्पण किया गया था. हमने कनेरा गौठान का जायजा लिया.

कोंडागांव:गौठान का बुरा हाल, मवेशी की जगह मौजूद हैं घास का मैदान

गौठान में मौजूद नहीं थे मवेशी
इस दौरान हमने देखा कि, बड़े कनेरा के आदर्श गौठान में एक भी मवेशी मौजूद नहीं था. ये तस्वीर यह बताने के लिए काफी है कि, सिस्टम सरकार की महत्वकांक्षी नरवा, गरवा, घुरुवा और बाड़ी योजना को कैसे पलीता लगाया जा रहा है.

चारागाह में तब्दील हुआ गौठान
गौठान में मवेशी तो नदारद थे, लेकिन हां यहां ऊंची-ऊंची नेपियर घास जरूर मौजूद थी. इस दौरान हमने देखा कि स्वसहायता समूह में काम करने वाली महिलाएं इस घास को काट रही थीं.

लोकार्पण के दौरान ये जानवार थे मौजूद
लोकार्पण के वक्त गौठान गाय, बैल, भैंस, बकरी ,भेड़, मुर्गी से भरा था. लोकार्पण कार्यक्रम के कुछ दिनों के बाद आदर्श गौठान बिना मवेशियों के वीरान पड़ा है, जो सरकार की इस महत्वकांशी योजना का हाल बताने के लिए काफी है.

Intro:
मार्च 2019 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बड़े कनेरा चरागाह का लोकार्पण किया गया और साथ ही वर्तमान कोंडागांव विधायक व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने जिले में स्थित 7 गोठानो मूरनार, लंजोड़ा, कुकाड़गारकापाल,लिहागांव, बैजनपुरी ,हीरापुर,बालोण्ड का लोकार्पण हरेली अमावस्या तिहार के दिन नवनिर्मित आदर्श गोठान के रूप में किया था।

Body:जिला स्तरीय भव्य कार्यक्रम आयोजित कर लोकार्पण के कुछ दिन बीतने के बाद Etv की टीम ने जिले में स्थित गौठानो का जायजा लिया तो, नवनिर्मित गोठानों के साथ -साथ बड़े कनेरा का आदर्श गोठान भी गाय -बैलों के लिए तरसते नज़र आये। दूर-दूर तक वीरान दिखते गोठानो से गाय गायब है । जो सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा ,गरुवा ,घुरवा, बाड़ी, छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी योजना की पोल खोलने के लिए काफी है । गोठान की देखरेख कर रहे महिला स्व सहायता समूह की कुछ महिलाओं से बात करने पर उन्होंने बताया कि उद्घाटन के बाद गर्मियों में कुछ दिनों तक तो गाय-बैलों को ग्रामीण यहां रखते थे पर बारिश के पहले-पहले से अब कोई भी ग्रामीण अपने गाय-बैलों को यहाँ नहीं लाते,
उन्होंने बताया कि उन्हें भी जीवन यापन के लिए कोई आमदनी नहीं हो पा रही, इसलिए अब वे यहाँ नेपियर घास की खेती से ही उन्हें काट-बेचकर अपना खर्च निकाल रहे हैं, परिवार के भरण-पोषण के लिए वे अभी भी खेती पर ही निर्भर हैं।

बाइट_ ग्रामीण, ( हरे टी शर्ट में बुजुर्ग गाय चराता हुआ)
One to one 1_ दशरी, सदस्य, शीतला स्व सहायता समूह ( घास काटती हुई)
One to one 2_ भानमती बघेल अध्यक्ष शीतला स्वसहायता समूहConclusion:स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार गोठानो में पानी तो है, पर्याप्त चारे की व्यवस्था ना होने से पशुपालक अपने मवेशियों को गोठानों में ले जाने से कतराते हैं। ग्रामीण अपनी मवेशियों को बाहर चराने को मजबूर है। गोठान में मवेशियों को ले जाने से खेत के लिये गोबर खाद ना मिलने की भी बात कहते हैं।

लोकार्पण के अवसर पर गोठान गाय-बैल भैंस, बकरी ,भेड़ ,मुर्गी आदी पालतु मवेशियों से भरा था। लोकार्पण कार्यक्रम की समाप्ति के कुछ दिनों बाद से आदर्श गोठान बिना मवेशियों के वीरान है।

Last Updated : Sep 20, 2019, 1:38 PM IST
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