कोंडागांव: केशकाल विधानसभा के पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ध्रुव ने सूखा राशन वितरण के नाम पर बच्चों को खराब खाद्यान्न वितरण करने का आरोप लगाया है. पूर्व विधायक ने आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. पूर्व विधायक का कहना है कि कोरोना जैसे वैश्विक आपदा को पैसा कमा लेने का अवसर बना लिया गया है. स्कूली बच्चों के सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है.
एक ओर जहां छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश को कुपोषण मुक्त करने और महिला स्वालंबन का राग अलापती है. वहीं दूसरी ओर सरकार के ही नुमाइंदे चंद रुपयों के लिए बच्चों को घटिया खाद्यान्न सप्लाई कर रहे हैं. ऐसे में मध्यान्ह भोजन में खराब राशन देना सवालों के घेरे में आ रहा है. पूर्व विधायक का कहना है कि लोक शिक्षण संचालनालय के दिशा निर्देश का उलंघन किया जा रहा है. सूखा राशन की गुणवत्ता और मात्रा की बगैर सत्यापन कराए बिल बनवाकर पास करा दिया जा रहा है.
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पूर्व विधायक ध्रुव ने जांच करने की मांग कीपूर्व विधायक कृष्ण कुमार ध्रुव ने आरोप लगाया कि सूखा राशन वितरण में अधिकारी बगैर मानिटरिंग और सत्यापन कराए बिल पास करवा दिया गया. पूर्व विधायक ने मामले की जांच की मांग की है.कोरोना काल में घर तक पहुंचा मिड डे मील, सूखा राशन मिलने से पालकों में खुशी
खंड शिक्षा अधिकारी से शिकायत की जाएगी
सुरडोंगर संकुल केंद्र समन्वयक मोइनुद्दीन शेख ने बताया कि इससे पहले जब स्व-सहायता समूह की महिलाए राशन वितरण करती थी. तब हमें किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिला. गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न वितरण किया जाता था, लेकिन जब से सूखा राशन वितरण का कार्य ठेकेदारों को दिया गया है, तब से राशन की गुणवत्ता को लेकर सभी स्कूलों से शिकायतें मिल रही हैं, जिसके कारण बच्चों के स्वास्थ्य खराब होने की भी आशंका है. इसके लिए छुट्टियां खत्म होते ही खंड शिक्षा अधिकारी से शिकायत की जाएगी.