कोडागांव: धान खरीदी के नियमों में हो रहे लगातार बदलाव को लेकर प्रदेशभर के किसानों में आक्रोश है. जहां एक ओर सरकार 2500 की बजाय 1835 रुपये प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी कर रही है, वहीं दूसरी तरफ धान खरीदी की मात्रा में कटौती ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है. इसे लेकर जिले भर के किसानों ने धान खरीदी केंद्र में ताला जड़ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और अपनी परेशानी और समस्याओं से अवगत कराया.
उग्र आंदोलन की चेतावनी
सोमवार को कोंडागांव के 44 धान खरीदी केंद्रों में से 36 केंद्रों में धान खरीदी बंद रही. पहले धान खरीदी के तहत एक किसान से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान लिया जा रहा था, जिसे अब घटाकर 8 क्विंटल कर दिया गया है. सरकार के इस फैसले से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. जिसके कारण किसान आक्रोशित हैं. किसानों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए धान खरीदी केंद्रों में ताला जड़ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है. किसानों ने सरकार से पुराने दर पर धान खरीदी करने की मांग की है. वहीं मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है.
किसानों को रही परेशानी
Etv भारत से बातचीत के दौरान किसानों ने बताया कि सरकार लगातार वादाखिलाफी कर रही है. जिससे वे काफी आक्रोशित हैं. पहले 2500 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी का समर्थन मूल्य का वादा सरकार ने किया था, लेकिन अब उसे केंद्र सरकार पर थोप रही है. वहीं कल तक प्रति एकड़ पट्टे पर 15 क्विंटल धान खरीदा जा रहा था जो आज 8 क्विंटल कर दिया गया है.
कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
कलेक्टर कोंडागांव को ज्ञापन सौंपते हुए किसानों ने बताया कि एक पहले ही छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 महीने विलंब से धान खरीदी शुरू की. वहीं बिचौलियों पर कड़ी कार्रवाई की वजह से सहकारी समितियों के अलावा कहीं कोई धान नहीं खरीद रहा है और अब नियमों में आए दिन सरकार के बदलाव से उन्हें कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.