कोंडागांव : धान खरीदी में लिमिटेशन को लेकर किसान प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार को किसानों ने शहर में बाइक रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी भी की.
धान खरीदी मामले में सरकार लगातार घिरती नजर आ रही है. पहले से ही समर्थन मूल्य 2500 रुपए करने के वादे को लेकर किसानों का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ था और अब प्रति एकड़ पट्टे पर 8 क्विंटल धान की खरीदी को लेकर जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों पर तालाबंदी कर किसानों ने और धान की खरीदी बंद करवा दी है. जगह-जगह किसान का प्रदर्शन कर रहे हैं.
पहले भी सौंपा गया था ज्ञापन
किसानों ने दो दिन पहले भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था और मांग पूरी न होने तक केंद्रों पर धान की खरीदी-बिक्री पर रोक लगा देने की बात कही थी. बुधवार को मांग पूरी न होने पर उन्होंने दोबारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और इस बार मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.
मांगों का समर्थन करती दिखीं लता उसेंडी
किसानों की मांगों के समर्थन में रैली में शामिल पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने भूपेश बघेल सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिले के सभी किसान बुधवार को कलेक्ट्रेट प्रांगण में एकत्रित हैं, जो कि सरकार की धान खरीदी की नीतियों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने आए हैं. धान खरीदी की नीतियों में बदलाव के कारण किसान आर्थिक सामाजिक और मानसिक रूप से परेशान हैं. पिछले 1 साल से भूपेश बघेल सरकार से किसान लगातार परेशान हैं.
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अपने वादों से मुकरती वर्तमान सरकार
किसान अशोक शार्दूल ने बताया कि ये सरकार हाथ में गंगा जल लेकर किसानों के हितों की बात करते हुए सत्ता में आई थी और आज वही किसान सरकार की नीतियों से परेशान हैं. खरीफ फसल के लिए जो खाद मिलनी थी वो पूरी तरह अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है, जबकि अब रबी फसल लेने का समय आ गया है उस पर भी सरकार ने कोई नीति अब तक स्पष्ट नहीं की है.