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कोंडागांव: गोबरहीन में लगा मेला, फ्रांस के 25 सैलानी भी मेला देखने पहुंचे - Fair held in Gobarine, France's group of 25 member tourists also reached the fair

केशकाल में शिवरात्रि पर्व के मौके पर मेले का आयोजन किया गया है. इस मौके पर फ्रांस के 25 सदस्यीय सैलानियों का समूह भी मेले में पहुंचा है.

France's group of 25 member tourists also reached the fair
हर हर महादेव
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Published : Feb 21, 2020, 6:30 PM IST

कोंडागांव: जिले के केशकाल विकासखंड क्षेत्र में 3 किलोमीटर दूर बसे गोबरहीन गांव में मेले का आयोजन किया गया. जहां मध्यरात्रि से ही भोले के भक्तों का आगमन होने लगा है. हर साल की भांति इस साल भी केशकाल के गोबरहीन में मेला लगा है. शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालु मध्यरात्रि से ही शिवलिंग का अभिषेक करने पहुंचे है. इसके बाद मेले में देवी-देवताओं के आगमन के बाद पूजा शुरू हुई. इस बीच हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को आने-जाने में कोई तकलीफ न हो इसलिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.

गोबरहीन में लगा मेला

स्थानीय समितियों की तरफ से होता है भंडारा
मेले के दौरान विभिन्न स्थानीय समितियों ने मंदिर प्रागण के आस-पास भंडारा का भी आयोजन किया है. इसमें खिचड़ी और खीर का प्रसाद भी दिया गया.

मेले में पहुंचे विदेशी सैलानी

इस मेले का विदेशी सैलानियों ने भी खूब आनंद लिया है. इस समूह का का नेतृत्व अनामैरी ऊर्जा करती हैं, जो कि फ्रांस से विगत 15 वर्षों से सैलानियों को बस्तर क्षेत के मेलों में घूमाने के लिए लेकर कर आती हैं. फ्रांस से आए सैलानियों का नेतृत्व कर रहीं अनामैरी से बात करने पर उन्होंने बताया कि 'उनके समूह के लोगों को छत्तीसगढ़ की सभ्यता काफी पसंद है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र केशकाल में लगता है शिविर

मेले में आने वाले ग्रामीणों और श्रद्धालुओं को भीड़ की वजह से किसी प्रकार की चोट और कोई अन्य परेशानी होने की स्थिति के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम भी मेला स्थल पर उपस्थित रहती है. इसमें प्राथमिक उपचार के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होती है.

कोंडागांव: जिले के केशकाल विकासखंड क्षेत्र में 3 किलोमीटर दूर बसे गोबरहीन गांव में मेले का आयोजन किया गया. जहां मध्यरात्रि से ही भोले के भक्तों का आगमन होने लगा है. हर साल की भांति इस साल भी केशकाल के गोबरहीन में मेला लगा है. शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालु मध्यरात्रि से ही शिवलिंग का अभिषेक करने पहुंचे है. इसके बाद मेले में देवी-देवताओं के आगमन के बाद पूजा शुरू हुई. इस बीच हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को आने-जाने में कोई तकलीफ न हो इसलिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.

गोबरहीन में लगा मेला

स्थानीय समितियों की तरफ से होता है भंडारा
मेले के दौरान विभिन्न स्थानीय समितियों ने मंदिर प्रागण के आस-पास भंडारा का भी आयोजन किया है. इसमें खिचड़ी और खीर का प्रसाद भी दिया गया.

मेले में पहुंचे विदेशी सैलानी

इस मेले का विदेशी सैलानियों ने भी खूब आनंद लिया है. इस समूह का का नेतृत्व अनामैरी ऊर्जा करती हैं, जो कि फ्रांस से विगत 15 वर्षों से सैलानियों को बस्तर क्षेत के मेलों में घूमाने के लिए लेकर कर आती हैं. फ्रांस से आए सैलानियों का नेतृत्व कर रहीं अनामैरी से बात करने पर उन्होंने बताया कि 'उनके समूह के लोगों को छत्तीसगढ़ की सभ्यता काफी पसंद है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र केशकाल में लगता है शिविर

मेले में आने वाले ग्रामीणों और श्रद्धालुओं को भीड़ की वजह से किसी प्रकार की चोट और कोई अन्य परेशानी होने की स्थिति के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम भी मेला स्थल पर उपस्थित रहती है. इसमें प्राथमिक उपचार के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होती है.

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