कोण्डागांव: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशेष आर्थिक पैकेज को लेकर विस्तार से जानकारी दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त का ब्योरा दिया. वित्त मंत्री ने मजदूर, रेहड़ी, छोटे किसानों के लिए कई घोषणाएं की. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान गरीबों और श्रमिकों पर है. बुधवार को उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को दिए जाने वाले पैकेज की जानकारी दी थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी.
इसे लेकर ETV भारत ने आइफा के संयोजक राजाराम त्रिपाठी से बात की. उन्होंने कहा कि अभी भी उम्मीद है कि खेती के लिए अलग से पैकेज घोषित होगा. भारत में एग्रीकल्चर इतना बड़ा सेक्टर है कि सबकुछ उसी पर निर्भर है. त्रिपाठी ने कहा कि छोटे किसानों की बात वित्त मंत्री की लेकिन एलान कुछ भी नहीं किया. उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ लोन की बात कही गई है, राहत की नहीं. त्रिपाठी ने कहा कि ऋण के अलावा कुछ ऐसा नहीं है, जिससे किसानों की जेब में पैसा जाए.
राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि पूरे देश में एक राशनकार्ड की बात कही जा रही है. आज राशन बांटा जा सकता है कि अगर किसानों की फसल नहीं ली गई और आगे गंभीर संकट होगा. किसानों को बैंकों के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए. त्रिपाठी ने कहा कि हर राज्य में मनरेगा के तहत मिलने वाली मजदूरी बराबर होनी चाहिए. हर श्रमिक को एक जैसी मजदूरी मिलनी चाहिए.
त्रिपाठी ने कहा कि स्वसहायता समूह अच्छा काम कर रहे हैं. समूहों को फंड मिलना चाहिए और केंद्र की मदद राज्य तक पहुंचेगी तो निचले तबके तक सहायता पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वसहायता समूह अच्छा काम कर रहे हैं, जो आने वाले वक्त में बड़ी भूमिका निभाएंगे.