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कोंडागांव: वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने पर कर्मचारियों ने किया शासन का विरोध

छत्तीसगढ़ शासन ने 1 जुलाई को मिलने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि को रोक दिया है. जिसे लेकर कोंडागांव में जिला और तहसील मुख्यालय के अधिकारीयों ने बुधवार को शासन के आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध किया.

protested against stopping annual wage
वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के खिलाफ विरोध
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Published : Jul 1, 2020, 10:50 PM IST

कोंडागांव : छत्तीसगढ़ शासन ने 1 जुलाई को मिलने वाली वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी है. वेतन वृद्धि को बहाल कराने के लिए छत्तीसगढ़ शासकीय अधिकारी और कर्मचारी फेडरेशन लगातार प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में जिला और तहसील मुख्यालय के अधिकारीयों ने बुधवार को शासन के आदेश की प्रतियां जलाकर इस फैसले का विरोध किया.

जिला और तहसील मुख्यालय में भोजन अवकाश में अधिकारियों ने कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले वेतन वृद्धि रोकने ,11-12 महिने से महंगाई भत्ते पर रोक, जोखिम भत्ता, पदोन्नति-क्रमोन्नति, कोरोना काल में काम कर रहे कर्मचारियों का बीमा, प्रोत्साहन राशि सहित कई अन्य मांग पर रोक को लेकर विरोध किया और जल्द से जल्द वेतन देने की मांग की.

फेडरेशन के माध्यम से समय-समय पर हुआ निराकरण
राजधानी रायपुर में फेडरेशन का नेतृत्व छत्तीसगढ़ फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल शुक्ला कर रहे हैं. वहीं कोंडागांव में नीलकंठ शार्दूल कर्मचारी फेडरेशन का नेतृत्व कर रहे हैं. जिनके कुशल नेतृत्व में कर्मचारियों की मांगों का समय-समय पर निराकरण होता रहा है .फेडरेशन के प्रदर्शन के दौरान विभिन्न संगठनों के सदस्य, पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.

मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक शासकीय कर्मचारी संघ और संयोजक फेडरेशन के संभागीय अध्यक्ष पी एस राणा ने कोंडागांव कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौपा. पी एस राणा ने कहा कि कोंडागांव जिला के सभी कर्मचारी इस आंदोलन में जुड़कर आंदोलन को सफल बनाने के लिए जुटे रहे हैं. इसके बाद भी यदि मांग पूरी नहीं होती है तो 12 जुलाई को राजधानी रायपुर में फेडरेशन की महापंचायत से चर्चा के बाद आंदोलन किया जाएगा.

कोंडागांव : छत्तीसगढ़ शासन ने 1 जुलाई को मिलने वाली वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी है. वेतन वृद्धि को बहाल कराने के लिए छत्तीसगढ़ शासकीय अधिकारी और कर्मचारी फेडरेशन लगातार प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में जिला और तहसील मुख्यालय के अधिकारीयों ने बुधवार को शासन के आदेश की प्रतियां जलाकर इस फैसले का विरोध किया.

जिला और तहसील मुख्यालय में भोजन अवकाश में अधिकारियों ने कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले वेतन वृद्धि रोकने ,11-12 महिने से महंगाई भत्ते पर रोक, जोखिम भत्ता, पदोन्नति-क्रमोन्नति, कोरोना काल में काम कर रहे कर्मचारियों का बीमा, प्रोत्साहन राशि सहित कई अन्य मांग पर रोक को लेकर विरोध किया और जल्द से जल्द वेतन देने की मांग की.

फेडरेशन के माध्यम से समय-समय पर हुआ निराकरण
राजधानी रायपुर में फेडरेशन का नेतृत्व छत्तीसगढ़ फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल शुक्ला कर रहे हैं. वहीं कोंडागांव में नीलकंठ शार्दूल कर्मचारी फेडरेशन का नेतृत्व कर रहे हैं. जिनके कुशल नेतृत्व में कर्मचारियों की मांगों का समय-समय पर निराकरण होता रहा है .फेडरेशन के प्रदर्शन के दौरान विभिन्न संगठनों के सदस्य, पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.

मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक शासकीय कर्मचारी संघ और संयोजक फेडरेशन के संभागीय अध्यक्ष पी एस राणा ने कोंडागांव कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौपा. पी एस राणा ने कहा कि कोंडागांव जिला के सभी कर्मचारी इस आंदोलन में जुड़कर आंदोलन को सफल बनाने के लिए जुटे रहे हैं. इसके बाद भी यदि मांग पूरी नहीं होती है तो 12 जुलाई को राजधानी रायपुर में फेडरेशन की महापंचायत से चर्चा के बाद आंदोलन किया जाएगा.

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