कोंडागांव: नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एक बार फिर महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारियों ने मानवता की मिसाल पेश की है. महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारियों ने प्रसव पीड़ा के दौरान महिला को उसके घर से कांवड़ में बैठाकर 2 किलोमीटर का सफर तय कर प्रसूता को अस्पताल पहुंचाया.
महतारी एक्सप्रेस को अरेंडवाल गांव से फोन आया था, जिसके बाद तत्काल एम्बुलेंस स्टाफ ईएमटी राजेन्द्र कुमार और महतारी एक्सप्रेस 102 के पायलट अनिल कुमार अरेंडवाल के लिए रवाना हुए. इस बीच हथकली नाला पर पुल नहीं होने के कारण महतारी एक्सप्रेस 102 प्रसूता के घर तक नहीं पहुंच पाई.
पढ़ें: गर्भवती पत्नी को साइकिल से ले जा रहा था अस्पताल, रास्ते में प्रसव, नवजात की मौत
कांवड़ में बैठाकर पहुंचाया अस्पताल
अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारियों ने नाला पार कर प्रसूता के घर पहुंचे और अपनी सूझ-बूझ से महिला को कांवड़ में बैठाकर दो किलोमीटर पैदल चलकर एंबुलेंस तक लेकर गए और महिला को अस्पताल में भर्ती कराया.
पढ़ें: नक्सल प्रभावित आलदंड गांव का हाल, 12 साल की बीमार बच्ची 5 किमी पैदल चलकर पहुंची अस्पताल
विकास से अछूता है इलाका
नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण इस क्षेत्र में विकास की गति बेहद धीमी है जिससे आए दिन ऐसाी घटना सामने आती रहती है. इससे पहले कांकेर के आलदंड गांव में भी इस तरह की घटना सामने आ चुकी है. कांकेर के धुर नक्सल प्रभावित इलाके संगम के आलदंड गांव की रहने वाली 12 साल की बच्ची की तबीयत अचानक खराब हो गई थी, लेकिन सड़क की सुविधा नहीं होने के कारण बच्ची को बीमार हालत में 5 किलोमीटर का सफर तय कर अस्पताल जाना पड़ा. इतना ही नहीं बीच में नदी होने की वजह से बच्ची को 1 घंटे वहां कड़ी धूप में नाव का इंतजार भी करना पड़ा.