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कोंडागांव : हिर्री गांव में मिट्टी के रावण का हुआ वध

कोंडागांव के हिर्री पंचायत में अनोखे तरीके से दशहरा मनाया गया. यहां सालों से गांव में मिट्टी का रावण बनाकर उसका प्रतिकात्मक वध करके दशहरा मनाया गया.

मिट्टी का रावण बनाता मूर्तीकार
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Published : Oct 9, 2019, 7:37 AM IST

Updated : Oct 9, 2019, 11:02 AM IST

कोंडागांव: जिले के हिर्री ग्राम पंचायत में दशहरा पर मिट्टी के रावण का वध किया गया. वध करने के बाद रावण की नाभि से निकले लाल रंग को लोग अमृत मानकर माथे पर लगाए. इस प्रकार से यहां पर रावण का प्रतिकात्मक वध किया गया.

कोंडागांव के हिर्री गांव में मिट्टी के रावण का हुआ वध

गांव के प्रमुख रमेश पांडे का कहना है कि यह सालों पुरानी परंपरा है, जिसे वे बचपन से देखते आ रहे हैं.

पहले से तैयारी
रावण की प्रतिमा बना रहे गणेश मांझी ने बताया कि वे महिनों पहले से ही प्रतिमा बनाने में जुट जाते हैं. वे पिछले दो साल से रावण की प्रतिमा बना रहे हैं.

कोंडागांव: जिले के हिर्री ग्राम पंचायत में दशहरा पर मिट्टी के रावण का वध किया गया. वध करने के बाद रावण की नाभि से निकले लाल रंग को लोग अमृत मानकर माथे पर लगाए. इस प्रकार से यहां पर रावण का प्रतिकात्मक वध किया गया.

कोंडागांव के हिर्री गांव में मिट्टी के रावण का हुआ वध

गांव के प्रमुख रमेश पांडे का कहना है कि यह सालों पुरानी परंपरा है, जिसे वे बचपन से देखते आ रहे हैं.

पहले से तैयारी
रावण की प्रतिमा बना रहे गणेश मांझी ने बताया कि वे महिनों पहले से ही प्रतिमा बनाने में जुट जाते हैं. वे पिछले दो साल से रावण की प्रतिमा बना रहे हैं.

Intro:ग्राम प्रमुख रमेश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया कि वर्षों पुरानी परंपरा को बचपन से ही देख रहे हैं, गांव में मिट्टी से निर्मित रावण का प्रतीकात्मक वध होता है ।Body:आसपास के दूसरे गांव में रावण के पुतले का दहन होता है। रावण वध के लिये रावण की मूर्ति बनाते समय नाभि में अमृत कलश ,लाल रंग को डाला जाता है, जो श्री राम के बाणों के प्रहार से फुटकर बाहर निकलता है ।जिसे लूटने लोगों की होड़ लग जाती है। लोग अमृत मानकर अपने माथे पर टीका लगाकर इसे धन्य समझते हैं। भारी भीड़ के चलते लोगों के बीच धक्का-मुक्की भी होती है।
बाइट_गणेश नाथ मांझी, मूर्तिकार
बाइट_रमेश पांडे, ग्राम प्रमुख, हिर्री ग्राम पंचायत



Conclusion:मूर्तिकार गणेश मांझी ने बताया महीनों पूर्व से ही रावण की मूर्ति तैयार करने में जुटा हूं । मूर्ति बनाने के लिए लकड़ी, पैरा ,बांस, मिट्टी कलर की आवश्यकता होती है । मूर्ति बनाने में भी महंगाई का असर हुआ है। 8 से 10 फीट ऊंची रावण प्रतिमा बनाने में लगभग 4 हजार रूपये का खर्च आया है। पिछले 2 वर्षों से रावण का मूर्ति बनाता हू।
Last Updated : Oct 9, 2019, 11:02 AM IST
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