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कोंडागांव: प्रशासन ने बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए मांझी-मुखिया और देवी-देवताओं को किया रवाना

बस्तर के ऐतिहासिक दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए कोंडागांव से आए ग्राम देवी-देवताओं को एनसीसी मैदान से श्रद्धा और उत्साह के साथ विदाई दी गई.

Goddess of Kondagaon
कोंडागांव के देवी देवता
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Published : Oct 26, 2020, 1:12 AM IST

कोंडागांव: जिले भर से आए ग्राम देवी-देवताओं को बस्तर के ऐतिहासिक दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए रवाना किया गया. रविवार को एनसीसी मैदान से श्रद्धा और उत्साह के साथ पहुंचे सभी देवी-देवताओं को जगदलपुर के लिए रवाना किया गया. यह दूसरा मौका था जब जिला मुख्यालय स्तर पर जिले के देवी-देवताओं का बस्तर दशहरा में शामिल होने वाले देवी-देवताओं के लिए कार्यक्रम आयोजन किया गया था. पूर्व कलेक्टर नीलकंठ टेकाम ने इस तरह के आयोजन की शुरुआत की थी.

दशहरा में शामिल होने रवाना हुए देवी देवता

पहले जिले के अलग-अलग परगनाओं के देवी-देवता बस्तर दशहरा में शामिल होने जाते थे, लेकिन पिछले साल से पूर्व कलेक्टर ने सभी को कोंडागांव में एकत्रित कर जिला प्रशासन के सहयोग से रवाना करने की शुरुआत की, जिसे वर्तमान कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने जारी रखते हुए स्थानीय एनसीसी ग्राउंड में कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

Collector of Kondagaon
कलेक्टर ने की पूजा

पढें: SPECIAL: बस्तर दशहरा में अद्भुत है फूल रथ परिक्रमा, 600 साल पुरानी परंपरा आज भी है जीवित

कोरोना की वजह से सीमित संख्या में हुए शामिल

Goddess of Bastar Division
पूरे जिले के देवी देवता हुए शामिल

वैसे तो बस्तर दशहरा में शामिल होने सैकड़ों लोग जिलेभर के देवी-देवताओं के साथ रवाना होते हैं, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के कारण सीमित संख्या में ही मांझी, चालकी, गायता, पुजारी देवी-देवताओं के साथ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना किया गया.

God of kondagaon
विधि-विधान से किया गया पूजन

यह भी पढ़ें: क्यों खास है विश्व प्रसिद्ध बस्तर का दशहरा, 12 अनूठी रस्मों को समझें

जिले की खुशहाली की मानते हैं मन्नत

Bastar Dussehra ceremony
परंपरारिक रिवाज के साथ किया रवाना

इस मौके पर कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने कहा कि विश्व विख्यात बस्तर दशहरे में कोंडागांव जिले के प्रमुख देवी-देवताओं, मांझी, मुखिया, गायता, पुजारी और परगना प्रमुखों की सहभागिता सदियों की परंपरा रही है. बस्तर संभाग में कोंडागांव जिले से ही सर्वाधिक देवी-देवता छत्र-डोलियां और समाज प्रमुख हिस्सा लेते आ रहे हैं. इस आदिम संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने के उद्देश्य से ग्राम देवी-देवताओं की भव्य विदाई का आयोजन किया गया. इस संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मतलाम ने बताया जिले की खुशहाली के दंतेश्वरी माता से मन्नत मांगने देवी-देवता बस्तर दशहरा में शामिल होने जाते हैं.

कोंडागांव: जिले भर से आए ग्राम देवी-देवताओं को बस्तर के ऐतिहासिक दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए रवाना किया गया. रविवार को एनसीसी मैदान से श्रद्धा और उत्साह के साथ पहुंचे सभी देवी-देवताओं को जगदलपुर के लिए रवाना किया गया. यह दूसरा मौका था जब जिला मुख्यालय स्तर पर जिले के देवी-देवताओं का बस्तर दशहरा में शामिल होने वाले देवी-देवताओं के लिए कार्यक्रम आयोजन किया गया था. पूर्व कलेक्टर नीलकंठ टेकाम ने इस तरह के आयोजन की शुरुआत की थी.

दशहरा में शामिल होने रवाना हुए देवी देवता

पहले जिले के अलग-अलग परगनाओं के देवी-देवता बस्तर दशहरा में शामिल होने जाते थे, लेकिन पिछले साल से पूर्व कलेक्टर ने सभी को कोंडागांव में एकत्रित कर जिला प्रशासन के सहयोग से रवाना करने की शुरुआत की, जिसे वर्तमान कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने जारी रखते हुए स्थानीय एनसीसी ग्राउंड में कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

Collector of Kondagaon
कलेक्टर ने की पूजा

पढें: SPECIAL: बस्तर दशहरा में अद्भुत है फूल रथ परिक्रमा, 600 साल पुरानी परंपरा आज भी है जीवित

कोरोना की वजह से सीमित संख्या में हुए शामिल

Goddess of Bastar Division
पूरे जिले के देवी देवता हुए शामिल

वैसे तो बस्तर दशहरा में शामिल होने सैकड़ों लोग जिलेभर के देवी-देवताओं के साथ रवाना होते हैं, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के कारण सीमित संख्या में ही मांझी, चालकी, गायता, पुजारी देवी-देवताओं के साथ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना किया गया.

God of kondagaon
विधि-विधान से किया गया पूजन

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जिले की खुशहाली की मानते हैं मन्नत

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परंपरारिक रिवाज के साथ किया रवाना

इस मौके पर कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने कहा कि विश्व विख्यात बस्तर दशहरे में कोंडागांव जिले के प्रमुख देवी-देवताओं, मांझी, मुखिया, गायता, पुजारी और परगना प्रमुखों की सहभागिता सदियों की परंपरा रही है. बस्तर संभाग में कोंडागांव जिले से ही सर्वाधिक देवी-देवता छत्र-डोलियां और समाज प्रमुख हिस्सा लेते आ रहे हैं. इस आदिम संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने के उद्देश्य से ग्राम देवी-देवताओं की भव्य विदाई का आयोजन किया गया. इस संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मतलाम ने बताया जिले की खुशहाली के दंतेश्वरी माता से मन्नत मांगने देवी-देवता बस्तर दशहरा में शामिल होने जाते हैं.

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