कोंडागांव: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कोंडागांव के धनकुल ईको एथनिक रिसाॅर्ट का ई-लोकार्पण किया. इस दौरान विधायक नेताम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री बघेल के निर्देशन में औपचारिक रूप से रिबन काटकर रिसाॅर्ट का लोकार्पण किया गया. कोंडागांव के धनकुल एथनिक रिसाॅर्ट के साथ बिलासपुर जिले के कुरदर हिल ईको रिसाॅर्ट, कबीरधाम के सरोधा दादर बैगा एथनिक रिसाॅर्ट का भी मुख्यमंत्री ने लोकार्पण किया. यह तीनों ईको रिसाॅर्ट स्वदेश दर्शन योजना और भारत सरकार के ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत विकसित किए जा रहे हैं.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद है. हमारा राज्य धार्मिक, पुरातात्विक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासतों से सम्पन्न है. यहां के लोगों को पर्यटन के माध्यम से रोजगार मुहैया कराना है. साथ ही आसपास के लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत करना और उनके संस्कृति को बचाना है. साथ ही सीएम बघेल ने कोंडागांव के सांस्कृतिक संग्रहालय की भी प्रशंसा की. उन्होंने कोरोना काल में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के व्यवसाय में पड़ रहे प्रभाव पर चिंता जाहिर की. इसेक साथ ही आगामी समय में पर्यटन में नये रोजगारों और नये आयामों का विकास कर पर्यटन के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने की बात कही.
13 स्थानों पर 96 करोड़ की लागत से ईको एथनिक टूरिस्ट रिसाॅर्ट बनाए जा रहे
इस दौरान गृहमंत्री साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देना मुख्य उद्देश्य है. ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत 13 स्थानों पर 96 करोड़ की लागत से ईको एथनिक टूरिस्ट रिसाॅर्ट निर्मित किए जा रहे हैं, जिसमें से इन तीन रिसाॅर्टों को मिलाकर कुल 5 पूर्ण कर लिए गए हैं, जबकि अन्य रिसाॅर्टों को नवंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा. इन रिसाॅर्टों से जनजातीय और ग्रामीण संस्कृति के निकट रहकर पर्यटकों को सांस्कृतिक धरोहरों को नजदीक से समझने का अवसर प्राप्त होगा. इसके अलावा जनजातीय संस्कृति के वैभव, कला, परम्पराओं, हस्तशिल्प को एक नया आयाम भी मिलेगा.
रिसॉर्ट का प्रत्येक स्थल जनजातीय संस्कृति की अनुपम छटा प्रदर्शित करता है
बता दें कि कोंडागांव जिले की खूबसूरत वादियों में पर्यटकों के लिए इस धनकुल में एथनिक रिसॉर्ट का निर्माण किया गया है. धनकुल एथनिक रिसॉर्ट जनजातीय समुदाय की परंपरागत विशेषताओं को संजोय हुए किसी भी ट्राइबल विलेज से कम नहीं है. यहां आगमन के साथ ही जगदलपुर पैलेस की प्रतिकृति में निर्मित भव्य प्रवेश द्वार अपने वैभवशाली अतीत की कहानी खुद बयां करता है. रिसॉर्ट का प्रत्येक स्थल जनजातीय संस्कृति की अनुपम छटा प्रदर्शित करता है.
15 अगस्त से रिसाॅर्ट परिसर में ही गढ़कलेवा को प्रारम्भ किया जाएगा
इसके साथ ही रिसॉर्ट में जनजातीय परपंरागत शैली में संग्रहालय का भी निर्माण किया गया है. जहां जनजातीय समुदाय के विभिन्न कालखंडों में दैनिक जीवन में उपयोग में लाए जाने वाले दुर्लभ वाद्य यंत्र, कृषि उपकरण, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, ढोकरा शिल्प, टेराकोटा और बांस शिल्प से निर्मित विभिन्न कलाकृतियों को धरोहर के रूप में प्रदर्शित किया गया है. यहां पर पर्यटकों के ठहरने के लिए रूम और रेस्टोरेंट की व्यवस्था की गई है. 15 अगस्त से रिसाॅर्ट परिसर में ही गढ़कलेवा को प्रारम्भ किया जाएगा. जहां पर पर्यटक स्थानीय पारम्परिक छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का भी लुफ्त उठा सकेंगे.
मुख्यमंत्री समेत कई नेता और अधिकारी हुए शामिल
बता दें कि ई-लोकार्पण में मुख्यमंत्री निवास से कृषि मंत्री रवीन्द्र चौबे, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, ग्रामोद्योग मंत्री गुरुरुद्र कुमार, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय और विधायक कोंडागांव मोहन मरकाम शामिल हुए. ई-लोकार्पण में मुख्यमंत्री निवास से कृषि मंत्री रवीन्द्र चौबे, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, ग्रामोद्योग मंत्री गुरुरुद्र कुमार और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, मोहन मरकाम शामिल हुए. इस अवसर पर रिसाॅर्ट में पहुंच केशकाल विधानसभा विधायक संतराम नेताम, जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मातलाम, बस्तर कमिश्नर अमृत खलको सहित कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा सहित जनप्रतिनिधि आयोजन में शामिल हुए.