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कोंड़ागांव: प्रशासन की सराहनीय पहल, आश्रय स्थल बना बेसहारों का सहारा - आश्रय स्थल का निर्माण

शासन ने कोंड़ागांव शहर में आश्रय स्थल का निर्माण किया है. यहां प्रतिदिन स्वरोजगार के लिए दूरदराज से आने वाले, डेली अप-डाउन करने वाले लोगों के लिए भी यहां ठहरने की व्यवस्था की गई हैं, जिसका प्रतिदिन शुल्क 30 रुपए रखा गया है.

आश्रय स्थल
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Published : Jun 17, 2019, 8:23 AM IST

कोंड़ागांव: शासन की शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत जिले में बेघर और खुले में रहने वाले लोगों के लिए एक आश्रय स्थल बनाया गया है. इस आश्रय स्थल का प्रतिदिन शुल्क केवल 30 रुपए रखा गया है. इसमें ठहरने के लिए आपको पूरा परिसर मिलेगा साथ ही खानपान के लिए कैंटीन भी बनाया गया है जिसका अतिरिक्त शुल्क आश्रय स्थल में ठहरने वाले मुसाफिर को देना होगा

आश्रय स्थल बना बेसहारों का सहारा
शहर में विभिन्न कार्यों से आने वाले लोगों को लॉज, होटल या रेस्ट हाउस में जगह ना मिलने और बजट कम होने का वजह से कई बार खुले में सोने या ठहरना पड़ता है. ऐसे में शासन द्वारा बनाया गया आश्रय स्थल प्रशासन की एक अच्छी पहल है. मुख्य नगरपालिका अधिकारी सूरज सिदार ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में बेघर या खुले में रहने वाले 7 परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें आश्रय स्थल में शिफ्ट करा दिया गया है.

डेली अप-डाउन करने वालों के लिए ठहरने की होगी व्यवस्था

प्रतिदिन स्वरोजगार के लिए दूरदराज से आने वाले, डेली अप-डाउन करने वाले लोगों के लिए भी यहां ठहरने की व्यवस्था की गई है, साथ ही ऐसे लोगों के लिए शासन की कोशिश है कि इन्हें उचित रोजगार मुहैया कराते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास भी दिलाया जा सके.

कोंड़ागांव: शासन की शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत जिले में बेघर और खुले में रहने वाले लोगों के लिए एक आश्रय स्थल बनाया गया है. इस आश्रय स्थल का प्रतिदिन शुल्क केवल 30 रुपए रखा गया है. इसमें ठहरने के लिए आपको पूरा परिसर मिलेगा साथ ही खानपान के लिए कैंटीन भी बनाया गया है जिसका अतिरिक्त शुल्क आश्रय स्थल में ठहरने वाले मुसाफिर को देना होगा

आश्रय स्थल बना बेसहारों का सहारा
शहर में विभिन्न कार्यों से आने वाले लोगों को लॉज, होटल या रेस्ट हाउस में जगह ना मिलने और बजट कम होने का वजह से कई बार खुले में सोने या ठहरना पड़ता है. ऐसे में शासन द्वारा बनाया गया आश्रय स्थल प्रशासन की एक अच्छी पहल है. मुख्य नगरपालिका अधिकारी सूरज सिदार ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में बेघर या खुले में रहने वाले 7 परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें आश्रय स्थल में शिफ्ट करा दिया गया है.

डेली अप-डाउन करने वालों के लिए ठहरने की होगी व्यवस्था

प्रतिदिन स्वरोजगार के लिए दूरदराज से आने वाले, डेली अप-डाउन करने वाले लोगों के लिए भी यहां ठहरने की व्यवस्था की गई है, साथ ही ऐसे लोगों के लिए शासन की कोशिश है कि इन्हें उचित रोजगार मुहैया कराते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास भी दिलाया जा सके.

Intro: अच्छी पहल_आश्रय स्थल बना बेसहारों का सहारा

Body:
शासन की शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत जिले में एक ऐसा आश्रय स्थल मुहैया कराना है जहां यात्रियों को, बेघर लोगों को या खुले में रहने वाले लोगों को एक आश्रय मिल सके, जिसमें प्रतिदिन शुल्क केवल ₹30 रखा गया है, जिसमें ठहरने के लिए आपको पूरा परिसर मिलेगा साथ ही खानपान के लिए कैंटीन भी बनाया गया है जिसका अतिरिक्त शुल्क आश्रय स्थल में ठहरने वाले मुसाफिर को देना होगा।
शहर में विभिन्न कार्यों से आने वाले लोगों के लिए लॉज, होटल या रेस्ट हाउस में जगह ना मिलने की वजह से या बजट कम होने के कारण कई बार खुले में सोने या ठहरने वाले लोगों के लिए आश्रय स्थल प्रशासन की एक अच्छी पहल है जिसका प्रतिदिन शुल्क ₹30 के साथ आश्रय स्थल में ठहरा जा सकता है।

Conclusion:मुख्य नगरपालिका अधिकारी सूरज सिदार ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में बेघर या खुले में रहने वाले 7 परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें आश्रय स्थल में शिफ्ट करा दिया गया है ,
प्रतिदिन स्वरोजगार के लिए दूरदराज से आने वाले ,डेली अप-डाउन करने वाले लोगों के लिए भी यहां ठहरने की व्यवस्था की गई है, साथ ही ऐसे लोगों के लिए शासन प्रयासरत है कि इन्हें उचित रोजगार मुहैया कराते हुए उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास भी दिलाया जा सके।

बाइट _सीएमओ नगर पालिका कोंडागांव
बाइट _यात्री दिनेश कुशवाहा
विजुअल _आश्रय स्थल परिसर
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