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Keshkal vidhan sabha result 2023: केशकाल विधानसभा सीट का चुनावी गणित, ओबीसी वर्ग निभाते हैं किंगमेकर की भूमिका !

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Published : Aug 20, 2023, 8:24 PM IST

Updated : Dec 3, 2023, 4:11 PM IST

Keshkal Assembly Seat Profile: छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव है. ईटीवी भारत छत्तीसगढ़ विधानसभा की हर सीट की जानकारी दे रहा है. हम इस सीरीज में विधानसभा सीट की अहमियत, वीआईपी प्रत्याशी, क्षेत्रीय मुद्दे की जानकारी दे रहे हैं. आईए नजर डालते हैं केशकाल विधानसभा सीट पर.

Keshkal Assembly Seat
केशकाल विधानसभा सीट

कोंडागांव: बस्तर संभाग में 12 विधानसभा सीटें हैं. कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाबी बस्तर संभाग की सीटों से ही तय की जाती है. फिलहाल यहां के 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. कोंडागांव जिला बस्तर संभाग में पड़ता है. यहां तीन विधानसभा सीटें हैं. इनमें एक सीट केशकाल विधानसभा सीट है. ये सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. यहां कांग्रेस के संतराम नेताम विधायक हैं. वहीं, बीजेपी ने यहां नीलकंठ टेकाम को प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी ने पिछली बार हरिशंकर नेताम को चुनावी मैदान में उतारा था. हालांकि इस बार बीजेपी ने नीलकंठ टेकाम पर भरोसा जताया है.

केशकाल विधानसभा सीट को जानिए: केशकाल विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. यहां करीब 60 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति वर्ग की है. वहीं साहू, देवांगन, कलार, यादव और सामान्य वर्ग के लोग भी यहां हैं. इनकी आबादी लगभग 40 फीसद है. इस विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों का फोकस ओबीसी वर्ग पर होता है.

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केशकाल विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या: केशकाल विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 198003 है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 96658 है. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 101345 है. इस सीट पर 3 थर्ड जेंडर मतदाता है. यहां पुरुष मतदाताओं के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है.

केशकाल विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे और समस्याएं: केशकाल विधानसभा सीट अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही अस्तित्व में रही है. हालांकि आज भी ये क्षेत्र मूलभूत समस्याओं से वंचित है. बीते तीन-चार दशकों से ये क्षेत्र नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. यहां सड़क, पानी, बिजली के लिए लोग तरस रहे हैं. इस विधानसभा सीट की सबसे बड़ी समस्या ब्लॉक मुख्यालय केशकाल में बन रहा बाईपास है. ये काम बीते कई सालों से लंबित है. रायपुर से जगदलपुर को जोड़ने वाली एनएच 30 बस्तर की लाइफलाइन कही जाती है.

हालांकि इस लाइफलाइन में केशकाल के 10 घुमावदार मोड़ वाली घाटी है, जो परेशानी का सबब बनी हुई है. आए दिन यहां जाम लगने से लोग परेशान रहते हैं, जिसका हल निकाल पाने में सरकार नाकाम रही है. इसी घाटी में पंचवटी को भी दर्शनीय स्थल के तौर पर विकसित किया गया था, जो अब उपेक्षित पड़ा है. इस विधानसभा क्षेत्र में 10 से भी ज्यादा वाटरफॉल है. इन वाटरफॉल को पर्यटन स्थलों में विकसित करने की जरूरत है. हालांकि इसके लिए कोई योजना अब तक तैयार नहीं की गई है. इस क्षेत्र में नल-जल विस्तार को लेकर जल जीवन मिशन योजना का काम ठेकेदारों और अधिकारियों की लापरवाही से ठप पड़ा है.

साल 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजे कैसे रहे: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में केशकाल विधानसभा सीट पर 83.47 फीसद वोटिंग हुई. इसमें कांग्रेस को 48 फीसद और भाजपा को 37 फीसद वोट मिले. 2018 में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी संतराम नेताम ने जीत दर्ज की. कांग्रेस को 73470 वोट मिले. जबकि भाजपा के हरिशंकर नेताम को 56498 वोट मिले. कांग्रेस के संतराम नेताम ने 16972 वोट से जीत दर्ज की थी.

यहां ओबीसी वर्ग हैं निर्णायक: केशकाल आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. यहां ओबीसी वर्ग किंग मेकर की भूमिका निभाता है. ओबीसी वर्ग में यादव, साहू और कलार समाज में लोगों की संख्या अधिक है. इसके अलावा पटेल समाज, देवांगन समाज के लोग भी चुनावी समीकरण बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के बाद भी ओबीसी वर्ग के लोग मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

कोंडागांव: बस्तर संभाग में 12 विधानसभा सीटें हैं. कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाबी बस्तर संभाग की सीटों से ही तय की जाती है. फिलहाल यहां के 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. कोंडागांव जिला बस्तर संभाग में पड़ता है. यहां तीन विधानसभा सीटें हैं. इनमें एक सीट केशकाल विधानसभा सीट है. ये सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. यहां कांग्रेस के संतराम नेताम विधायक हैं. वहीं, बीजेपी ने यहां नीलकंठ टेकाम को प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी ने पिछली बार हरिशंकर नेताम को चुनावी मैदान में उतारा था. हालांकि इस बार बीजेपी ने नीलकंठ टेकाम पर भरोसा जताया है.

केशकाल विधानसभा सीट को जानिए: केशकाल विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. यहां करीब 60 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति वर्ग की है. वहीं साहू, देवांगन, कलार, यादव और सामान्य वर्ग के लोग भी यहां हैं. इनकी आबादी लगभग 40 फीसद है. इस विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों का फोकस ओबीसी वर्ग पर होता है.

Takhatpur Assembly Seat Profile: तखतपुर विधानसभा सीट का चुनावी गणित, ओबीसी और ठाकुर समाज निभाते हैं निर्णायक भूमिका
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केशकाल विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या: केशकाल विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 198003 है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 96658 है. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 101345 है. इस सीट पर 3 थर्ड जेंडर मतदाता है. यहां पुरुष मतदाताओं के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है.

केशकाल विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे और समस्याएं: केशकाल विधानसभा सीट अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही अस्तित्व में रही है. हालांकि आज भी ये क्षेत्र मूलभूत समस्याओं से वंचित है. बीते तीन-चार दशकों से ये क्षेत्र नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. यहां सड़क, पानी, बिजली के लिए लोग तरस रहे हैं. इस विधानसभा सीट की सबसे बड़ी समस्या ब्लॉक मुख्यालय केशकाल में बन रहा बाईपास है. ये काम बीते कई सालों से लंबित है. रायपुर से जगदलपुर को जोड़ने वाली एनएच 30 बस्तर की लाइफलाइन कही जाती है.

हालांकि इस लाइफलाइन में केशकाल के 10 घुमावदार मोड़ वाली घाटी है, जो परेशानी का सबब बनी हुई है. आए दिन यहां जाम लगने से लोग परेशान रहते हैं, जिसका हल निकाल पाने में सरकार नाकाम रही है. इसी घाटी में पंचवटी को भी दर्शनीय स्थल के तौर पर विकसित किया गया था, जो अब उपेक्षित पड़ा है. इस विधानसभा क्षेत्र में 10 से भी ज्यादा वाटरफॉल है. इन वाटरफॉल को पर्यटन स्थलों में विकसित करने की जरूरत है. हालांकि इसके लिए कोई योजना अब तक तैयार नहीं की गई है. इस क्षेत्र में नल-जल विस्तार को लेकर जल जीवन मिशन योजना का काम ठेकेदारों और अधिकारियों की लापरवाही से ठप पड़ा है.

साल 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजे कैसे रहे: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में केशकाल विधानसभा सीट पर 83.47 फीसद वोटिंग हुई. इसमें कांग्रेस को 48 फीसद और भाजपा को 37 फीसद वोट मिले. 2018 में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी संतराम नेताम ने जीत दर्ज की. कांग्रेस को 73470 वोट मिले. जबकि भाजपा के हरिशंकर नेताम को 56498 वोट मिले. कांग्रेस के संतराम नेताम ने 16972 वोट से जीत दर्ज की थी.

यहां ओबीसी वर्ग हैं निर्णायक: केशकाल आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. यहां ओबीसी वर्ग किंग मेकर की भूमिका निभाता है. ओबीसी वर्ग में यादव, साहू और कलार समाज में लोगों की संख्या अधिक है. इसके अलावा पटेल समाज, देवांगन समाज के लोग भी चुनावी समीकरण बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के बाद भी ओबीसी वर्ग के लोग मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

Last Updated : Dec 3, 2023, 4:11 PM IST
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