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इस मामले में प्रदेश में अव्वल कोंडागांव, भूलों को पहुंचाया घर

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Published : Dec 7, 2019, 7:56 PM IST

कोंडागांव पुलिस ने गुमशुदा बच्चों को खोजने में तत्परता दिखाई है. बीते 9 सालों में दर्ज 419 मामलों में 410 बच्चों को खोज कर घर तक पहुंचा दिया गया है.

Best Record for Finding Missing Children
बच्चों के परिजनों के साथ पुलिस

कोंडागांव: गुमशुदा बच्चों को रिकवर करने में कोंडागांव जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है. प्रदेश भर के जिलों में गुमशुदा हुए बच्चों को ढूंढने और उनको उनके परिवार को सुपुर्द करने में कोंडागांव पुलिस ने तत्परता दिखाई है.

कोंडागांव पुलिस ने गुमशुदा बच्चों को खोजने में तत्परता दिखाई

जिले के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वर्ष 2000 से 2019 तक जिले में गुमशुदा बच्चे जिनके मामले कोतवाली कोंडागांव में दर्ज हुए उसकी संख्या 419 है. इन मामलों में जांच और कार्रवाई करते हुए 410 बच्चों को खोज लिया गया. जबकि अन्य 9 को खोजने का प्रयास अब भी जारी है.

इंद्रधनुष योजना में भेजा जा रहा नाम
बच्चों की तलाश में लगे पुलिस कर्मचारियों, जिन्होंने बच्चों को खोजने का उत्कृष्ठ प्रयास किया है उनके नाम इंद्रधनुष योजना के तहत राजधानी रायपुर पुलिस मुख्यालय भेजा जा रहा है. उन्हें सेवा के लिए पुरस्कृत किया जाएगा.

पढ़ें : रायपुर: रकबा पंजीयन में नाम नहीं होने से किसान परेशान, धान खरीदी भी प्रभावित

प्रदेश में गुमशुदगी के दर्ज प्रकरणों में 15472 बालक और 27758 बालिकाओं को पुलिस ने खोज निकाला है. वहीं अब भी 481 बालक और 1222 बालिकाओं की तलाश जारी है.

कोंडागांव: गुमशुदा बच्चों को रिकवर करने में कोंडागांव जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है. प्रदेश भर के जिलों में गुमशुदा हुए बच्चों को ढूंढने और उनको उनके परिवार को सुपुर्द करने में कोंडागांव पुलिस ने तत्परता दिखाई है.

कोंडागांव पुलिस ने गुमशुदा बच्चों को खोजने में तत्परता दिखाई

जिले के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वर्ष 2000 से 2019 तक जिले में गुमशुदा बच्चे जिनके मामले कोतवाली कोंडागांव में दर्ज हुए उसकी संख्या 419 है. इन मामलों में जांच और कार्रवाई करते हुए 410 बच्चों को खोज लिया गया. जबकि अन्य 9 को खोजने का प्रयास अब भी जारी है.

इंद्रधनुष योजना में भेजा जा रहा नाम
बच्चों की तलाश में लगे पुलिस कर्मचारियों, जिन्होंने बच्चों को खोजने का उत्कृष्ठ प्रयास किया है उनके नाम इंद्रधनुष योजना के तहत राजधानी रायपुर पुलिस मुख्यालय भेजा जा रहा है. उन्हें सेवा के लिए पुरस्कृत किया जाएगा.

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प्रदेश में गुमशुदगी के दर्ज प्रकरणों में 15472 बालक और 27758 बालिकाओं को पुलिस ने खोज निकाला है. वहीं अब भी 481 बालक और 1222 बालिकाओं की तलाश जारी है.

Intro:गुमशुदा बच्चों के दर्ज हुए मामले में पता तलाशी व रिकवर करने में कोंडागांव प्रदेश में अव्वल....Body:अलग -अलग कारणों से प्रदेश भर में गुमशुदा हुए बच्चों को ढूंढने व उनको उनके परिवार को सुपुर्द करने में कोंडागांव पुलिस आगे रही है,
पुलिस अधीक्षक कोंडागांव ने बताया कि वर्ष 2000 से 2019 तक जिले में गुमशुदा बच्चे जिनके मामले कोतवाली कोंडागांव में दर्ज हुए उसकी संख्या 419 है ,इनमें पता तलाशी करते हुए 410 मामले में बच्चों को रिकवर कर लिया गया है जबकि अन्य 9 की तलाश अभी भी जारी है।

बाइट_सुजीत कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक कोंडागांवConclusion:पुलिस अधीक्षक कोंडागांव ने बताया कि पूरे प्रदेश में गम हुए बालकों की दर्ज हुई संख्या 15953 व बालिकाओं की 28980 है,
सभी थानों में बच्चों की गुमशुदगी मामले में प्रदेश में दर्ज प्रकरणों में से 15472 बालक व 27758 बालिकायें रिकवर हो चुकीं हैं जिन्हें उनके परिवार को सुपुर्द कर दिया गया है,
प्रदेश में 481 बालक व 1222 बालिकाओं की तलाश अभी भी पुलिस कर रही है,जिन्हें जल्द ही रिकवर कर लिया जाएगा,
गौरतलब है कि DGP द्वारा इंद्रधनुष योजना के तहत गुमशुदा बच्चों की तलाश में लगे पुलिस कर्मचारियों को राजधानी रायपुर में पुरस्कृत किया जाएगा,
और पुलिस अधीक्षक कोंडागांव के अनुसार आंकड़ों की मानें तोअभी तक की स्थिति में कोंडागांव जिला इस मामले में अव्वल है।
जिले में अभी तक दर्ज हुए मामले के 9 बच्चों की रिकवरी ही बाकी है।
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