कोंडागांव: प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गरवा योजना जो ग्राम पंचायत बड़ेकनेरा में फेल हो रही थी उसे वहां के युवाओं ने जीवंत कर दिया है. ETV भारत में खबर दिखाने के बाद युवाओं ने गौठान में फैली अव्यवस्था खत्म करने की ठानी और उसे फिर से पशुधन से आबाद कर दिया.
वीरान में बदल गया था गौठान
छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा, बारी प्रदेश की कांग्रेस सरकार का ये नारा ना सिर्फ प्रदेश के विकास के लिए बनाया गया बल्कि इसके जरिए ग्रामवासियों को रोजगार उपलब्ध कराना भी सरकार का लक्ष्य है.जिस पर काम करते हुए सालभर पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़े कनेरा में गौठान का उद्घाटन किया. कुछ महीनों तक स्व सहायता समूह की महिलाओं की मदद से गौठान का संचालन अच्छे से किया गया, लेकिन जब समूह की महिलाओं को कोई आमदनी व शासन-प्रशासन से सहयोग मिलता नहीं दिखा तो उन्होंने यहां काम करने से मना कर दिया और 14 एकड़ में फैला गौठान वीरान हो गया.
ETV भारत से मिली प्रेरणा
लेकिन कहते है ना अगर कुछ करने का जज्बा मन में हो तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती, ऐसा ही कुछ बड़े कनेरा में भी हुआ. गांव के पंच गणेश मानिकपुरी और उपसरपंच प्रकाश चुरगियां ने गौठान को वापस जीवंत करने की ठानी और ग्राम पंचायत में इसके लिए प्रस्ताव रखा, जिस पर ग्राम पंचायत ने भी इनका प्रस्ताव स्वीकार कर गौठान संवारने का दायित्व सौंप दिया.
गांव वाले भी कर रहे पैरा और श्रम दान
ग्रामीणों ने शासन की मदद से चारा रखवाने की व्यवस्था करवाई, साथ ही पानी की टंकी भी बनवाई.आज इन युवाओं की ही बदौलत यहां 200 से ज्यादा गाय-बैल रखे जाते है, जहां इन्हें चारा खिलाया जाता है और देखभाल की जाती है. ग्रामीणों ने नेपियर घास को भी फिर से उगाया.गोठान के लिए पंच-सरपंच ग्रामीणों से पैरा दान देने के साथ श्रम दान की भी अपील करते है जिसमें ग्रामीण भी मदद करते हैं. आगे इनकी योजना गायों के लिए हरा चारा उपलब्ध कराने की है और इसके लिए इन युवाओं से शासन से मदद की अपील की है.हालांकि शासन की तरफ से गौठान के रखरखाव के लिए हर महीने 10 हजार रुपए भेजे जा रहे है, जिससे गौठान को संवारा जा रहा है.