खैरागढ़ छुईखदान गंडई: छत्तीसगढ़ के दुर्ग संभाग की हाईप्रोफाइल सीट खैरागढ़ में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. अंतिम चरणों तक भारी कशमकश के बीच रमन सिंह के भतीजे और बीजेपी प्रत्याशी विक्रांत सिंह को कांग्रेस की यशोदा वर्मा ने हरा दिया हैं. दोनों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिली. लेकिन अंत में कांग्रेस ने जीत हासिल किया.
खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र को जानिए: काफी समय से खैरागढ़ वासी खैरागढ़ जिला बनाने की मांग कर रहे थे. ये पहले राजनांदगांव जिले में पड़ता था. हालांकि साल 2022 में हुए उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस ने जीत प्रमाण पत्र मिलने के महज तीन घंटे के भीतर ही इसे जिला घोषित कर दिया. सीएम की घोषणा के बाद खैरागढ़ छुईखदान गंडई नया जिला बना. ये जिला राजनांदगांव से अलग हुआ. इस जिले में एक ही विधानसभा सीट खैरागढ़ है. यहां से यशोदा वर्मा विधायक हैं, जो कि चुनावी रण में बीजेपी को जबरदस्त टक्कर देते नजर आ रही है.
खैरागढ़ विधानसभा का विनिंग फैक्टर: इस पूरे क्षेत्र में लोधी समाज के लोगों की संख्या अधिक है. खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा वनांचल में पड़ता है. यही कारण है कि इस सीट पर लोधी समाज निर्णायक की भूमिका अदा करते हैं. इसके साथ ही यहां साहू और ओबीसी समाज के वोटर भी हैं. हालांकि राजनीतिक दलों का पूरा फोकस लोधी समाज पर होता है.
एक नजर 2022 उपचुनाव की तस्वीर पर: साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से अलग होकर देवव्रत सिंह ने जेसीसीजे से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. देवव्रत सिंह ने भाजपा के कोमल जंघेल को हराकर यह विधानसभा सीट जेसीसीजे की झोली में डाल दिया था. हालांकि देवव्रत सिंह की अचानक मौत हो गई. इसके बाद साल 2022 में यहां उपचुनाव हुआ. 2022 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को हरा दिया. कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा को 87879 वोट मिले थे. वहीं, भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को 67703 वोट मिले थे. भाजपा का वोट प्रतिशत 40.81 था. जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 52.97 था.