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कांकेर: छत्तीसगढ़ व्यंजन बेच कर महिलाओं ने बढ़ाए आर्थिक सशक्तिकरण की ओर कदम

कांकेर में स्वसहायता समूह की महिलाएं गढ़कलेवा का संचालन करती हैं. कोरोना काल के दौरान 15 अगस्त से गढ़कलेवा की शुरुआत हुई थी. यहां महिलाएं प्रतिदिन 3 से 5 हजार रुपये तक के छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की बिक्री कर रही है.

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Published : Dec 19, 2020, 9:14 PM IST

Updated : Dec 19, 2020, 10:15 PM IST

Garhkaleva in Kanker
आर्थिक सशक्तिकरण की ओर कदम

कांकेर: छत्तीसगढ़ी व्यंजन बेच कर जिले की महिलाएं मुनाफा कमा रहीं हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने सस्ते दर पर छत्तीसगढ़ी व्यंजन उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में गढ़कलेवा की शुरुआत है. कांकेर में स्व सहायता समूह की महिलाएं गढ़कलेवा का संचालन करती हैं. कोरोना काल के दौरान 15 अगस्त से गढ़कलेवा की शुरुआत हुई थी. बावजूद इसके महिलाएं अच्छी आमदनी कमा रही हैं.

आर्थिक सशक्तिकरण की ओर कदम

गढ़कलेवा संचालित कर रही मनीता ध्रुव कहती हैं कि समिति की 9 महिलाओं द्वारा गढ़ कलेवा का संचालन किया जा रहा है, सभी महिलाऐं स्व-सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं. शुरूआती महीने में गढ़कलेवा में प्रतिदिन 7 से 10 हजार रुपये तक का विक्रय किया जाता था. कोरोना की वजह से वर्तमान में प्रतिदिन 3 से 5 हजार रुपये तक की बिक्री की जा रही है. उन्होंने बताया कि 15 अगस्त से अब तक 3 लाख रुपये से अधिक के छत्तीसगढ़ी व्यंजन का विक्रय गढ़ कलेवा के माध्यम से किया जा चुका है.

पढ़ें-अब रायपुर ही नहीं सभी जिलों में लीजिए छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुत्फ

कांकेर नगर के नया बस स्टैण्ड कांकेर में स्थित गढ़कलेवा में छत्तीसगढ़ी व्यंजन जैसे अरसा, फरा, बड़ा, भजिया, इत्यादि का विक्रय किया जा रहा है.जिला पंचायत सीईओ संजय कन्नौजे कहते हैं, इन महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण हो बढ़ावा देने जिला कार्यालय में गढ़कलेवा से ही नाश्ता लिया जाता है. कोरोना काल में भी महिलाएं हर रोज 3 से 5 हजार की बिक्री कर रही हैं.

15 अगस्त से हुई थी शुरुआत

बता दें कि 15 अगस्त से राज्य के सभी जिला कलेक्ट्रेट परिसर में गढ़कलेवा शुरू किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप प्रदेशवासियों को सस्ते दर पर छत्तीसगढ़ी व्यंजन उपलब्ध कराने गढ़कलेवा की शुरुआत की गई है.

कांकेर: छत्तीसगढ़ी व्यंजन बेच कर जिले की महिलाएं मुनाफा कमा रहीं हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने सस्ते दर पर छत्तीसगढ़ी व्यंजन उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में गढ़कलेवा की शुरुआत है. कांकेर में स्व सहायता समूह की महिलाएं गढ़कलेवा का संचालन करती हैं. कोरोना काल के दौरान 15 अगस्त से गढ़कलेवा की शुरुआत हुई थी. बावजूद इसके महिलाएं अच्छी आमदनी कमा रही हैं.

आर्थिक सशक्तिकरण की ओर कदम

गढ़कलेवा संचालित कर रही मनीता ध्रुव कहती हैं कि समिति की 9 महिलाओं द्वारा गढ़ कलेवा का संचालन किया जा रहा है, सभी महिलाऐं स्व-सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं. शुरूआती महीने में गढ़कलेवा में प्रतिदिन 7 से 10 हजार रुपये तक का विक्रय किया जाता था. कोरोना की वजह से वर्तमान में प्रतिदिन 3 से 5 हजार रुपये तक की बिक्री की जा रही है. उन्होंने बताया कि 15 अगस्त से अब तक 3 लाख रुपये से अधिक के छत्तीसगढ़ी व्यंजन का विक्रय गढ़ कलेवा के माध्यम से किया जा चुका है.

पढ़ें-अब रायपुर ही नहीं सभी जिलों में लीजिए छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुत्फ

कांकेर नगर के नया बस स्टैण्ड कांकेर में स्थित गढ़कलेवा में छत्तीसगढ़ी व्यंजन जैसे अरसा, फरा, बड़ा, भजिया, इत्यादि का विक्रय किया जा रहा है.जिला पंचायत सीईओ संजय कन्नौजे कहते हैं, इन महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण हो बढ़ावा देने जिला कार्यालय में गढ़कलेवा से ही नाश्ता लिया जाता है. कोरोना काल में भी महिलाएं हर रोज 3 से 5 हजार की बिक्री कर रही हैं.

15 अगस्त से हुई थी शुरुआत

बता दें कि 15 अगस्त से राज्य के सभी जिला कलेक्ट्रेट परिसर में गढ़कलेवा शुरू किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप प्रदेशवासियों को सस्ते दर पर छत्तीसगढ़ी व्यंजन उपलब्ध कराने गढ़कलेवा की शुरुआत की गई है.

Last Updated : Dec 19, 2020, 10:15 PM IST
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