कांकेर: कांकेर वन विभाग की टीम ने अघन नगरवार्ड में 3 पीस मॉनिटर लिजार्ड के साथ एक महिला को गिरफ्तार किया है. जिसे स्थानीय भाषा में गोहीया कहा जाता है. वन विभाग के रेंजर ने बताया कि बेशकीमती दुर्लभ जीव गोहीया का शिकार, परिवहन और रखना अपराध है. महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की जारी है. पूछताछ में प्रतिबंधित गोहीया को दुर्ग से कांकेर लाना बता रही है. वन विभाग पूरे मामले की जांच में लगी है.
बता दें कि मॉनिटर लिजार्ड को गोह भी कहते हैं. मगरमच्छ की तरह का एक बेहद छोटा जानवर है. यह छिपकली से थोड़ा बड़ा होता है. दलदली इलाकों में मिलने वाला यह जीव सांप की तरह जीभ लपलपाता है. अफ्रीका, एशिया और ओशिनिया में मूल रूप से पाए जाते हैं. इस छिपकली की लगभग 80 प्रजातियों को मान्यता दी गई है. मॉनिटर छिपकलियों की बनावट में लंबी गर्दन, शक्तिशाली पूंछ और पंजे अच्छी तरह से विकसित अंग शामिल हैं
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मॉनिटर लिजार्ड बड़ी छिपकलियों की प्रजाति से हैं जो अफ्रीका, एशिया और ओशिनिया में मूल रूप से पाए जाते हैं. इस छिपकली की लगभग 80 प्रजातियों को मान्यता दी गई है. मॉनिटर छिपकलियों की बनावट में लंबी गर्दन, शक्तिशाली पूंछ और पंजे अच्छी तरह से विकसित अंग शामिल हैं.
मॉनिटर लिजार्ड का उपयोग: मॉनिटर लिजार्ड का तेल, अंग और प्रजनन अंग सभी का व्यापार होता है. तेल दर्दनाशक तो अंग तंत्र-मंत्र के लिए प्रयोग होता है. मॉनिटर लिजार्ड के प्रजनन अंग को यौन शक्ति बढ़ाने की दवा बनाने में प्रयोग किया जाता है.
ट्रेडिशनल दवाएं: मॉनिटर छिपकली का उपयोग ट्रेडिशनल दवाओं में किया जाता है. हालांकि कितना प्रभावी है इस बात का कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है. इसका उपयोग भारत और पाकिस्तान के कई हिस्सों में दर्द, स्किन इंफेक्शन और बवासीर को ठीक करने के लिए भी किया जाता है.
लेदर उधोग: लेदर इंडस्ट्री में मॉनिटर छिपकलियों का बहुत इस्तेमाल किया जाता है. लेदर इंडस्ट्री मे मॉनिटर छिपकली के खाल के लिए उनका बड़े पैमाने पर शोषण किया जाता है.
फूड उधोग: कई एशियाई, अफ्रीकी और महासागरीय देशों में मॉनिटर छिपकली के मांस और अंडे का आहार के रूप में सेवन किया जाता है.
म्यूजिक उधोग: मॉनिटर छिपकली के खाल का उपयोग कर्नाटक संगीत ताल वाद्य कांजीरा बनाने में किया जाता है.