कांकेर : पखांजूर में एक फूड इंस्पेक्टर ने अपना मोबाइल पानी से निकालने के लिए लाखों लीटर पानी बहा दिया. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और फूड इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया. लेकिन इतने पर भी फूड इंस्पेक्टर की हेकड़ी नहीं गई और सोशल मीडिया में सामने आकर पानी बाहर निकालने की बात पर सफाई देने लगा. लेकिन जनाब को ये नहीं पता था कि पिकनिक मनाने के मूड में तो उन्होंने पहले अपना मोबाइल पानी में गिराया, इसके बाद परलकोट जलाशय के स्पिलवे टैंक के रिजर्व पानी को बहा दिया. आपको जानकर हैरानी होगी कि परलकोट जलाशय से महज एक किलोमीटर दूर आज भी गांव वाले प्राकृतिक स्त्रोतों से अपनी प्यास बुझा रहे हैं.
कहां का है मामला : कोयलीबेड़ा ब्लॉक के बोगानभोड़िया गांव में लगभग 30 परिवार रहते हैं. इस गांव में सिर्फ एक नल का कनेक्शन है.जो पिछले 4 महीने से खराब है.नल में पानी नहीं आने के कारण ग्रामीण जंगलों के बीच मौजूद झिरिया से पीने का पानी इकट्ठा करके पीते हैं. ये पानी इतना गंदा है कि जानवर भी बड़ी मुश्किल से इसे अपनी हलक से नीचे उतारते हैं. लेकिन गांव वालों के पास इसके सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं है.
अफसरों के कान में नहीं रेंगती जूं : नल कनेक्शन को सुधार करने के लिए ग्रामीणों ने कई दफा अफसरों से गुहार लगाई लेकिन किसी ने एक ना सुनी. जिस झिरिया का पानी ये लोग पी रहे हैं. उसमें मछली और मेंढक आपको तैरते दिख जाएंगे. गर्मी के दिनों में इस पानी से बदबू आती है. कई बार बच्चे इस पानी को पीकर बीमार भी हो चुके हैं. लेकिन इनकी कोई नहीं सुनता.
फोन के लिए बहाया था अफसर ने लाखों लीटर पानी : इसे शासन के अंदर मौजूद अफसरों की देन कहेंगे कि एक तरफ सिर्फ एक मोबाइल के लिए डाटा के नाम पर 21 लाख लीटर पानी फिजूल में बहा दिया जाता है. इस पानी को अफसर अनयूज्ड वाटर बताकर खुद को पाक साफ बताते हैं. वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों की ही उदासीनता के कारण 4 महीने से खराब पड़ा नल नहीं सुधर पा रहा है.