कांकेर: कांकेर जिला मुख्यालय से सटे सिंगारभाठ में ग्रामीण एक क्रेशर प्लांट के लिए इलाके में पत्थर तोड़े जाने का विरोध कर रहे हैं. सैकड़ों ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर पत्थर तोड़ने के लिए लगाई गई चैन माउंटेन मशीन समेत उसके चालक को वहां से खदेड़ दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि उनके देवी-देवताओं के स्थल में प्रशासन ने पत्थर खदान की सहमति दी है.
ग्रामीणों का कहना है कि 2 साल तक यहां गिट्टी क्रेशर प्लांट के लिए पत्थर तोड़ा जाता रहा, लेकिन जिस जगह में पत्थर तोड़ा जा रहा वहां गांव की देवी का स्थल था. जिसका प्रकोप पूरे ग्रामवासियों को झेलना पड़ा था. जिसके बाद से इस खदान को बंद कर दिया गया था, लेकिन प्रशासन ने लीज में एक निजी कंपनी को फिर से यह खदान स्वीकृत की है. उन्होंने कहा कि स्वीकृति मिलने के बाद रविवार को गिट्टी के लिए पत्थर तोड़ने की मशीन लगाई गई थी. जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया है. ग्रामीणों का कहना था कि पत्थर खनन न हो इसके लिए कई बार वह राजस्व अधिकारी और कलेक्टर को अगवत कराते आए हैं.
ग्रामीणों ने आगे कहा कि जिस जगह पर खनन होना है, वहां गांव की देवी मौजूद है. खनन करने पर ग्रामीणों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. कई प्रकार के समस्याओं से गांव में रहने वाले लोगों को गुजरना पड़ता है.
ये तस्वीर शर्मनाक है- खस्ताहाल सड़क का दर्द खाट में लादकर मरीज को एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया
दरअसल, सिंगारभाठ में 2 हेक्टेयर क्षेत्र में पत्थर खनन का पट्टा 2003-2023 तक एफ.आर. इंटरप्राइजेज नाम की निजी कंपनी को प्रशासन ने लीज पर दिया है. जिसको पंचायत प्रस्ताव में भी स्वीकृति दी गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त स्थान को भोम गुडरा कहा जाता है. जंहा देवी-देवता का स्थल है. जिसमें ग्राम के गणमावली, गढ़िया राव, बाबा डोकरा नामक देवी-देवता मौजूद है. इसे गांव के लोग सदियों पूर्व से मानते आ रहे हैं. इस स्थान पर गिट्टी क्रेशर प्लांट का काम प्रारंभ किया जा रहा है, इसके लिए ग्रामीण ग्राम पंचायत में विशेष ग्रामसभा लगाकर इसे बंद करने का प्रस्ताव दे चुके हैं.