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पखांजूर: 1 साल से मजबूरी में टूटे पुलिया के सहारे हो रहा आवागमन, हादसे की संभावना

ग्राम पंचायत शंकरनगर के आश्रित गांव बोकुलटोला से मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली सड़क पर पिछले साल बरसात में पुलिया टूट गया था. जो अब तक दोबारा नहीं बन सका है. ग्रामीण इस टूटे हुए पुलिया से रोजना आना-जाना करते हैं. बच्चे भी जान जोखिम में डालकर पुलिया पार करते हैं. यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

Villagers are demanding construction broken bridge
टूटे पुलिया के सहारे हो रहा आवागमन
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Published : Oct 11, 2020, 5:56 AM IST

पखांजूर: छत्तीसगढ़ में आज भी कई ग्रामीण इलाकों तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच सकी हैं. साथ ही कई इलाकों में विकास कार्य रुके हुए हैं. ग्राम पंचायत शंकरनगर के आश्रित गांव बोकुलटोला से मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली सड़क पर पिछले साल बरसात में पुलिया टूट गया था. जो अब तक दोबारा नहीं बन सका है. टूटा हुआ पुलिया ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गया है. लगातार कई महीनों के मांग के बावजूद भी पुलिया निर्माण को लेकर कोई पहल नहीं की गई है.

टूटे पुलिया के सहारे हो रहा आवागमन

पढ़ें: नशे पर कसता शिकंजा: खुल रहा है जाल, 2 और ड्रग्स पैडलर चढ़े हत्थे, अब तक 9 गिरफ्तार

इलाके के ग्रामीण इस टूटे हुए पुलिया से रोजना आना-जाना करते हैं. बच्चे भी जान जोखिम में डालकर पुलिया पार करते हैं. यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. ग्रामीण पुलिया की मांग करते-करते थक गए हैं. लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की गई है. कोई जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि सामने नहीं आए हैं. कई बार पंचायत से मांग की गई है. ग्रामीण पखांजुर SDM से शिकायत कर चुके हैं लेकिन पुलिया जस की तस पड़ी हुई है. ग्रामीण इसे लेकर हताश हो चुके हैं. गांव तक बड़े वाहनों के पहुंचने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीण मजबूरी में टूटे हुए पुल का प्रयोग करते हैं.

पढ़ें: बालोद: डौंडी वन परिक्षेत्र से 3 लकड़ी तस्कर गिरफ्तार, 51 सागौन लकड़ी बरामद

पखांजूर: छत्तीसगढ़ में आज भी कई ग्रामीण इलाकों तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच सकी हैं. साथ ही कई इलाकों में विकास कार्य रुके हुए हैं. ग्राम पंचायत शंकरनगर के आश्रित गांव बोकुलटोला से मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली सड़क पर पिछले साल बरसात में पुलिया टूट गया था. जो अब तक दोबारा नहीं बन सका है. टूटा हुआ पुलिया ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गया है. लगातार कई महीनों के मांग के बावजूद भी पुलिया निर्माण को लेकर कोई पहल नहीं की गई है.

टूटे पुलिया के सहारे हो रहा आवागमन

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इलाके के ग्रामीण इस टूटे हुए पुलिया से रोजना आना-जाना करते हैं. बच्चे भी जान जोखिम में डालकर पुलिया पार करते हैं. यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. ग्रामीण पुलिया की मांग करते-करते थक गए हैं. लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की गई है. कोई जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि सामने नहीं आए हैं. कई बार पंचायत से मांग की गई है. ग्रामीण पखांजुर SDM से शिकायत कर चुके हैं लेकिन पुलिया जस की तस पड़ी हुई है. ग्रामीण इसे लेकर हताश हो चुके हैं. गांव तक बड़े वाहनों के पहुंचने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीण मजबूरी में टूटे हुए पुल का प्रयोग करते हैं.

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