कांकेर: लॉकडाउन के बाद से सड़क हादसों में बढ़ोतरी देखने तो मिली है. लॉकडाउन के दौरान लगभग 4 महीने से लोग घरों में रहे, जिसके चलते साल 2020 में कांकेर जिले में सड़क हादसों के आंकड़ों में थोड़ी कमी जरूर आई है. कांकेर में साल 2020 में हुए सड़क हादसों में 168 लोगों की मृत्यु हुई. वहीं 325 लोग घायल हुए. वहीं 2019 में 173 लोंगों की मौत हुई थी और 400 लोग घायल हुए थे. सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों की आर्थिक सेहत भी खराब हुई है. उन्हें इलाज के लिए भारी-भरकम खर्च का समाना करना पड़ रहा है.
सड़क दुर्घटना में घायल कांकेर जिले के सरोना मुड़पार निवासी राजकुमार कश्यप ने ETV भारत को बताया कि वे 4 महीनों से बेड रेस्ट थे. जुलाई महीने में वे अपने घर से काम के लिए जा रहे थे. तभी रास्ते में अचानक एक गाय आ गई, जिससे मोटरसाइकिल टकरा गया और वे हादसे का शिकार हो गये. इस दुर्घटना में वे बुरी तरह घायल हो गये. जबड़ा पूरी तरह टूट गया है. प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जबड़े से लगातार खून बह रहा था. वहां से उन्हे जिला अस्पताल रेफर कर किया गया. वहां भी डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए. सरकारी अस्पताल में इलाज की सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें मजबूरन निजी अस्पताल का रूख करना पड़ा.
पढ़ें-सड़क हादसे में बेटी के सामने पिता ने तोड़ा दम
कर्ज में दबे राजकुमार
2 महीने के इलाज में 1 लाख रुपए खर्च हो गए. राजकुमार ने बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी कि 1 लाख रुपए खर्च कर सके, इस खर्च के लिए उन्होंने रिश्तेदारों से कर्ज लिया. कुछ गांव की महिला समूहों से कर्ज लिया. वे अब तक कर्ज चुका रहे हैं. उनका आरोप है कि सरकारी अस्पताल में तमाम सुविधाओं के दावे के बावजूद घायल लोगों को निजी अस्पताल की ओर रूख करना पड़ा रहा है.