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नक्सलियों का शव लेने पहुंचे परिजन, 10-12 साल की उम्र में 'लाल आतंक' से जुड़ गए थे दोनों

दो दिन पहले मुरनार के जंगलों में पुलिस ने दो इनामी नक्सली दीपक उर्फ पीलाराम मंडावी और रतिराम को मार गिराया था. दोनों की शिनाख्त के बाद उनके परिजनों तक यह खबर पहुंचाई गई थी, जिसके बाद रविवार को उनके परिजन कांकेर पहुंचे.

नक्सलियों का शव
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Published : Jun 16, 2019, 10:07 PM IST

कांकेर : जिले के मुरनार में 13 जून को हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारे गए दो नक्सलियों के परिजन रविवार को जिला मुख्यालय पहुंचे, जहां कागजी कार्रवाई के बाद उन्हें शव सौंपने की कार्रवाई की जा रही है.

नक्सलियों का शव

बता दें कि दो दिन पहले मुरनार के जंगलों में पुलिस ने दो इनामी नक्सली दीपक उर्फ पीलाराम मंडावी और रतिराम को मार गिराया था. दोनों की शिनाख्त के बाद उनके परिजनों तक यह खबर पहुंचाई गई थी, जिसके बाद रविवार को उनके परिजन कांकेर पहुंचे.

नक्सली ले गए थे अपने साथ
रतिराम का शव लेने पहुंचे उसके छोटे भाई रूपेश ने बताया कि जब रतिराम कक्षा छठवीं में पढ़ता था तभी नक्सलियों के साथ चला गया था. कई बार उसे घरवालों ने समझाया, लेकिन वो वापस नहीं आया. 5 साल पहले आखिरी बार रतिराम घर आया था. इसके बाद 14 जून को उसकी मौत की खबर मिली.

दीपक के मांता-पिता नहीं है, मामा ने पाला था
इसी मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कमांडर दीपक उर्फ पीलाराम के मामा अंजोर सिंह भी अपने भांजे का शव लेने पहुंचे था. उन्होंने बताया कि दीपक के जन्म के कुछ समय बाद ही उसके माता-पिता का निधन हो गया था. उसके बाद दीपक उनके साथ ही रहता था, लेकिन अचानक एक दिन नक्सलियों के साथ चला गया. इसके बाद वह कभी लौटकर नहीं आया और अब उसके मौत की खबर मिली है.

पुलिस ने दी आर्थिक सहायता
नक्सलियों का शव लेने पहुंचे उनके परिजनों को पुलिस की ओर से पांच-पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई. वहीं शव को गांव तक पहुंचाने का इंतज़ाम भी किया गया.

काफी समय बाद किसी नक्सली के परिजन आये सामने
काफी समय बाद जिले में ऐसा हुआ है कि पुलिस के हाथों मारे जाने के बाद नक्सलियों के परिजन सामने आए हैं. इसके पहले पुसाघाटी और किसकोड़ो में हुए मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के शव भी काफी दिनों तक रखे गए थे, लेकिन उनके परिजन सामने नहीं आये थे, जिसके बाद पुलिस ने समाजसेवी संस्था के माध्यम से उनका अंतिम संस्कार कर दिया था.

इधर, कोतवाली टीआई अमर कोमरे ने बताया कि नक्सलियों के परिजनों के दस्तावेज की जांच की गई. पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही उन्हें शव सौंपे गए.

कांकेर : जिले के मुरनार में 13 जून को हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारे गए दो नक्सलियों के परिजन रविवार को जिला मुख्यालय पहुंचे, जहां कागजी कार्रवाई के बाद उन्हें शव सौंपने की कार्रवाई की जा रही है.

नक्सलियों का शव

बता दें कि दो दिन पहले मुरनार के जंगलों में पुलिस ने दो इनामी नक्सली दीपक उर्फ पीलाराम मंडावी और रतिराम को मार गिराया था. दोनों की शिनाख्त के बाद उनके परिजनों तक यह खबर पहुंचाई गई थी, जिसके बाद रविवार को उनके परिजन कांकेर पहुंचे.

नक्सली ले गए थे अपने साथ
रतिराम का शव लेने पहुंचे उसके छोटे भाई रूपेश ने बताया कि जब रतिराम कक्षा छठवीं में पढ़ता था तभी नक्सलियों के साथ चला गया था. कई बार उसे घरवालों ने समझाया, लेकिन वो वापस नहीं आया. 5 साल पहले आखिरी बार रतिराम घर आया था. इसके बाद 14 जून को उसकी मौत की खबर मिली.

दीपक के मांता-पिता नहीं है, मामा ने पाला था
इसी मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कमांडर दीपक उर्फ पीलाराम के मामा अंजोर सिंह भी अपने भांजे का शव लेने पहुंचे था. उन्होंने बताया कि दीपक के जन्म के कुछ समय बाद ही उसके माता-पिता का निधन हो गया था. उसके बाद दीपक उनके साथ ही रहता था, लेकिन अचानक एक दिन नक्सलियों के साथ चला गया. इसके बाद वह कभी लौटकर नहीं आया और अब उसके मौत की खबर मिली है.

पुलिस ने दी आर्थिक सहायता
नक्सलियों का शव लेने पहुंचे उनके परिजनों को पुलिस की ओर से पांच-पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई. वहीं शव को गांव तक पहुंचाने का इंतज़ाम भी किया गया.

काफी समय बाद किसी नक्सली के परिजन आये सामने
काफी समय बाद जिले में ऐसा हुआ है कि पुलिस के हाथों मारे जाने के बाद नक्सलियों के परिजन सामने आए हैं. इसके पहले पुसाघाटी और किसकोड़ो में हुए मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के शव भी काफी दिनों तक रखे गए थे, लेकिन उनके परिजन सामने नहीं आये थे, जिसके बाद पुलिस ने समाजसेवी संस्था के माध्यम से उनका अंतिम संस्कार कर दिया था.

इधर, कोतवाली टीआई अमर कोमरे ने बताया कि नक्सलियों के परिजनों के दस्तावेज की जांच की गई. पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही उन्हें शव सौंपे गए.

Intro:कांकेर -13 जून को जिले के मुरनार में हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारे गए दो नक्सलियों के परिजन आज जिला मुख्यालय पहुचे है , परिजन अपने मारे गए नक्सलियों के शव लेने कोतवाली पहुचे जहा कागजी कार्यवाही के बाद उन्हें शव सुपुद्र करने की कार्यवाही की जा रही है । नक्सलियों के परिजनों ने जो खुलासा किया है वो पुलिस के लिए चिंताजनक है , परिजनों के अनुसार बहुत ही कम उम्र में नक्सली उनके बच्चो को बहला फुसला कर अपने साथ ले गए थे , ऐसे में अंदरूनी इलाकों के बच्चो को नक्सलियों के बहकावे से रोकना भी अब बड़ी चुनौती है ।


Body:दो दिन पहले मुरनार के जंगलों में पुलिस ने दीपक उर्फ पीलाराम मंडावी और रतिराम दो इनामी नक्सलियों को मार गिराया था , दोनों की शिनाख्त के बाद उनके परिजनों तक उनके बेटों के मारे जाने की खबर पहुचाई गई थी जिसके बाद आज उनके परिजन कांकेर पहुचे है । नक्सलियों के शव जिला अस्पताल के मरच्यूरी में रखे हुए है ।

छठवीं पढ़ते समय नक्सलियों के साथ चला गया था रतिराम
रतिराम का शव लेने पहुचे उसके छोटे भाई रूपेश ने बताया कि जब रतिराम कक्षा छठवीं में पढ़ता था तभी नक्सलियों के साथ चला गया था कई बार उसे घरवालों ने समझया पर वो वापस नही आया , रूपेश ने बताया कि 5 साल पहले आखिरी बार रतिराम घर आया था ,उसके बाद 14 जून को उसकी मौत की खबर मिली ।

दीपक के मा- पिता नही , मामा ने पाला ,अब पहुचे शव लेने
इसी मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कमांडर दीपक उर्फ पीलाराम के मामा अंजोर सिंह भी अपने भांजे का शव लेने पहुचे थे , उन्होंने बताया कि दीपक के जन्म के कुछ समय बाद ही उसके माता पिता का निधन हो गया था उसके बाद दीपक उनके साथ ही रहता था , लेकिन अचानक एक दिन नक्सलियों के साथ चला गया , उसके बाद कभी लौट कर नही आया और अब उसके मौत की खबर मिली है ।

पुलिस ने दी आर्थिक सहायता
नक्सलियों का शव लेंने पहुचे उनके परिजनों को पुलिस के द्वारा 5 - 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है, वही शव को गांव तक पहुचाने का इंतज़ाम भी किया जा रहा है।


काफी समय बाद किसी नक्सली के परिजन आये सामने
काफी समय बाद जिले में ऐसा हुआ है कि पुलिस के हाथों मारे जाने के बाद नक्सलियों के परिजन सामने आए है , इसके पहले पुसाघाटी और किसकोड़ो में हुए मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के शव भी काफी दिनों तक रखे गए थे लेकिन उनके परिजन सामने नही आये थे , जिसके बाद पुलिस ने समाज सेवी संस्था के माध्यम से उनका अंतिम संस्कार कर दिया था।



Conclusion:पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद सौपे गए शव-टीआई
कोतवाली टीआई अमर कोमरे ने बताया कि नक्सलियों के परिजनो के दस्तावेज की जांच की गई है , पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही उन्हें शव सौपे जा रहे है।

बाइट- 1 रूपेश हुपेंडी मृत नक्सली रतिराम का भाई
2 अंजोर सिंह ,मृत नक्सली दीपक का मामा
3 अमर कोमरे कोतवाली टीआई कांकेर
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