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जमीन अधिग्रहण को लेकर आदिवासी समाज का प्रदर्शन, पेसा कानून में संशोधन की मांग

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Published : Apr 24, 2023, 4:47 PM IST

कांकेर के ग्राम माकड़ी में आदिवासी समाज ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. आदिवासी समाज ने सरकार पर नियमों के खिलाफ जमीन अधिग्रहण का आरोप लगाया है. साथ ही पेसा कानून में संशोधन की मांग की है. Tribal community protest in kanker

Tribal community protest in kanker
आदिवासी समाज का प्रदर्शन
जमीन अधिग्रहण को लेकर प्रदर्शन

कांकेर: जिले में नए पेसा कानून को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. जिला मुख्यालय कांकेर से सटे ग्राम माकड़ी में आदिवासी समाज ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. आदिवासियों ने जमीन अधिग्रहण समेत पांच सूत्रीय मांग को लेकर हल्ला बोला है.

पेसा कानून में संशोधन की मांग: समाज का आरोप है कि,आदिवासी क्षेत्रों में पेसा नियम का पालन नहीं हो रहा है. सरकार ने मूल पेसा कानून के विपरीत छत्तीसगढ़ पेसा कानून बनाया है, जिसमें काफी संशोधन की जरुरत है. आदिवासी क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण मामले में ग्राम सभा की सहमति जरूरी है. इसके अलावा पर्यावरण से जुड़े नियमों का पालन करना भी जरूरी है. गांववालों ने पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में कानून बनाये जाने की मांग की है.


नियमों के खिलाफ जमीन अधिग्रहण का आरोप: सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभाग अध्यक्ष योगेश नरेटी का कहना है कि "आज जो प्रदर्शन था, वह जमीन अधिग्रहण को लेकर था. इसके साथ ही जमीन अधिग्रहण को लेकर शेड्यूल्ड एरिया में जो चीजें हो रही है, उसको लेकर एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों के हल्ला बोला है. जमीन अधिग्रहण कानून जब बना, तो कहा गया था शेड्यूल्ड एरिया में किसी भी जमीन के अधिग्रहण के लिए ग्राम सभा की सहमति जरूरी होगी. इसके अलावा पर्यावरणीय नियमों का पालन भी किया जाएगा. लेकिन उन सभी को दरकिनार करते हुए अभी भी, भूमि अधिग्रहण हो रहा है. इसलिए यह आंदोलन था.

यह भी पढ़ें: कांकेर में अक्षय तृतीया पर हुआ गुड्डे गुड़िया का विवाह

2022 में पेसा कानून बनने के बाद 3 विधानसभा सत्र हुए हैं. हर तरफ से इसमें संशोधन की मांग की जा रही है. लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हो पाया है.

जमीन अधिग्रहण को लेकर प्रदर्शन

कांकेर: जिले में नए पेसा कानून को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. जिला मुख्यालय कांकेर से सटे ग्राम माकड़ी में आदिवासी समाज ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. आदिवासियों ने जमीन अधिग्रहण समेत पांच सूत्रीय मांग को लेकर हल्ला बोला है.

पेसा कानून में संशोधन की मांग: समाज का आरोप है कि,आदिवासी क्षेत्रों में पेसा नियम का पालन नहीं हो रहा है. सरकार ने मूल पेसा कानून के विपरीत छत्तीसगढ़ पेसा कानून बनाया है, जिसमें काफी संशोधन की जरुरत है. आदिवासी क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण मामले में ग्राम सभा की सहमति जरूरी है. इसके अलावा पर्यावरण से जुड़े नियमों का पालन करना भी जरूरी है. गांववालों ने पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में कानून बनाये जाने की मांग की है.


नियमों के खिलाफ जमीन अधिग्रहण का आरोप: सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभाग अध्यक्ष योगेश नरेटी का कहना है कि "आज जो प्रदर्शन था, वह जमीन अधिग्रहण को लेकर था. इसके साथ ही जमीन अधिग्रहण को लेकर शेड्यूल्ड एरिया में जो चीजें हो रही है, उसको लेकर एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों के हल्ला बोला है. जमीन अधिग्रहण कानून जब बना, तो कहा गया था शेड्यूल्ड एरिया में किसी भी जमीन के अधिग्रहण के लिए ग्राम सभा की सहमति जरूरी होगी. इसके अलावा पर्यावरणीय नियमों का पालन भी किया जाएगा. लेकिन उन सभी को दरकिनार करते हुए अभी भी, भूमि अधिग्रहण हो रहा है. इसलिए यह आंदोलन था.

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2022 में पेसा कानून बनने के बाद 3 विधानसभा सत्र हुए हैं. हर तरफ से इसमें संशोधन की मांग की जा रही है. लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हो पाया है.

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