कांकेर: रावघाट परियोजना के अंतर्गत केवंटी से अंतागढ़ तक रेल इंजन का सफल ट्रायल किया गया है. लॉकडाउन के कारण अंतागढ़ तक ट्रेन का ट्रायल रुका हुआ था, जो कि मार्च के महीने में ही होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन के कारण ट्रायल नहीं किया जा सका था. वहीं रावघाट रेल परियोजना के तहत केवटी तक रेलवे लाइन का विस्तार एक साल पहले ही कर लिया गया था और यहां तक रोजाना ट्रेन पहुंच रही थी, लेकिन इसके आगे का निर्माण रेलवे के लिए बड़ी चुनौती था, क्योंकि इसके आगे का इलाका धुर नक्सल प्रभावित है.
कोसरोंड से साल्हेभाट तक नदी-नाला बड़ी समस्या थी, जहां नक्सल गतिविधियों से बचते हुए रेलवे ट्रैक का निर्माण कार्य होना था, केवंटी से अंतागढ़ के बीच 18 किलोमीटर ट्रैक बिछाने का काम मार्च महीने के पहले ही पूरी कर लिया गया था, जिसका पहला ट्रायल गुरुवार यानी 30 जुलाई को किया गया.
30 जुलाई को जब रेल का इंजन रेलवे स्टेशन पहुंचा, तो वहां मौजूद अंतागढ़वासियों ने इसका जोरदार स्वागत किया. इसके साथ ही उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जल्द ही अंतागढ़ में रेल सेवा शुरू होने से वे रायपुर से सीधे जुड़ सकेंगे.
235 किलोमीटर लंबी होगी रेल लाइन
दल्लीराजहरा-रावघाट-जगदलपुर परियोजना के अंतर्गत 235 किलोमीटर तक रेल लाइन बिछाने का काम छत्तीसगढ़ शासन, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, NMDC और RVNL की ओर से किया जा रहा है. पहले चरण में रायपुर रेल मंडल ने दल्लीराजहरा-रावघाट के लिए नई रेल लाइन 95 किलोमीटर तक बनाने का लक्ष्य रखा था. इसके तहत दल्लीराजहरा से भानुप्रतापपुर और केवंटी तक नई रेल लाइन बिछाई जा चुकी है. वहीं रायपुर-दल्लीराजहरा-भानुप्रतापपुर और केवंटी तक यात्रियों को रेल सुविधा मिलने लगी है. इसी रेल लाइन का विस्तार केवंटी से अंतागढ़ तक कर लिया गया है.
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आगे का काम चुनौतीपूर्ण
अंतागढ़ से रावघाट होते हुए नारायणपुर, जगदलपुर तक इस रेलवे लाइन के विस्तार की योजना है, लेकिन यह काम बहुत चुनौतीपूर्ण होने वाला है. अंतागढ़ से आगे नक्सलगढ़ शुरू होता है, यहां से रावघाट, नारायणपुर तक नक्सलियों का बोलबाला है. ऐसे में रेलवे के लिए आगे का काम असली चुनौती है.