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बीएसपी में ठेका श्रमिक की मौत ,प्रबंधन आश्रित को देगा अनुकंपा नियुक्ति,यूनियन लीडर्स ने ठेका प्रथा पर उठाए सवाल - DEATH OF CONTRACT WORKER

बीएसपी में ठेका श्रमिक की मौत हो गई है.जिसके बाद परिजनों ने सेक्टर 9 हॉस्पिटल में हंगामा किया.

Death of contract worker
बीएसपी में ठेका श्रमिक की मौत (ETV BHARAT CHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 1, 2025, 3:25 PM IST

भिलाई : भिलाई इस्पात संयंत्र के मर्चेंट मिल के शिपिंग एरिया में शुक्रवार रात हादसे में ठेका श्रमिक की मौत हो गई. जिसके बाद ठेका श्रमिक के परिजन और यूनियन नेता सेक्टर 9 अस्पताल की मर्च्यूरी के पास इकट्ठा हुए.इस दौरान यूनियन लीडर्स ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नाराजगी व्यक्त की.इस दौरान मृत ठेका श्रमिक के परिजनों को उचित मुआवजा और आश्रितों को नौकरी देने की मांग बीएसपी प्रबंधन से की गई. वहीं बीएसपी प्रबंधन आश्रित को अनुकंपा नियुक्त का पत्र सौंपने की बात कह रहा है.

कैसे हुआ हादसा : भिलाई इस्पात संयंत्र के मर्चेंट मिल के शिपिंग एरिया में शुक्रवार रात एंगल का बंडल गुड्स ट्रेन पर लोड कराते समय मजदूर के ऊपर गिर गया.जिसमें दबने के कारण मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई. खुर्सीपार निवासी मृतक ओम प्रकाश के 2 बेटे और 2 बेटियां हैं. सभी की शादी हो चुकी है. बेटा अमित सीजीएम एमएंडयू पीके बेहरा का ड्राइवर है,जबकि दूसरा बेटा टीपीएल में ठेका मजदूरी करता है, बीएसपी प्रबंधन की ओर से अब आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति का पत्र सौंपा जाएगा. बीएसपी ने इसके लिए कागजी प्रक्रिया को पूरा कर लिया है.वहीं यूनियन लीडर्स की माने तो जब से ठेका प्रथा की शुरुआत हुई है तब से प्लांट में हादसे बढ़े हैं.

बीएसपी में ठेका श्रमिक की मौत (ETV BHARAT CHATTISGARH)

बीएसपी के अंदर लगातार हादसे हो रहे हैं.क्योंकि यहां पर ठेकेदार प्रथा चलने लगी है.जो लोग ठेकेदारी में काम कर रहे हैं उन्होंने जो सर्टिफिकेट लगाया है वो असली है या नहीं ये कोई भी देखने वाला नहीं हैं.इसको जांचने की जिम्मेदारी राज्य शासन के विभाग की है.जिले के अंदर संचालित हर फैक्ट्री की सेफ्टी जांचने का जिम्मा चीफ सेफ्टी ऑफिसर का होता है.ये पद कलेक्टर के जिम्मे है.लिहाजा उन्हें समय समय पर टीम बनाकर जिले के प्लांट्स में निरीक्षण करना चाहिए.लेकिन ऐसा होता नहीं हैं.बीएसपी प्रबंधन है वो तो गलती करेगा ही.जो नए लड़के हैं वो सबसे ज्यादा हादसे का शिकार हो रहे हैं - उज्जवल दत्ता, यूनियन लीडर

आपको बता दें कि भिलाई इस्पात संयंत्र में सुरक्षा मानकों की कमी के कारण पहले भी कई हादसे हो चुके हैं. इन घटनाओं के मद्देनजर, श्रमिक यूनियनों और परिजनों ने संयंत्र में सुरक्षा मानकों को सख्त करने की मांग की है. उनका कहना है कि प्रबंधन को श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके. इस घटना ने एक बार फिर से भिलाई इस्पात संयंत्र में श्रमिकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और ये आवश्यक हो गया है कि प्रबंधन सुरक्षा उपायों को और मजबूत करे.


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कैसे हुआ हादसा : भिलाई इस्पात संयंत्र के मर्चेंट मिल के शिपिंग एरिया में शुक्रवार रात एंगल का बंडल गुड्स ट्रेन पर लोड कराते समय मजदूर के ऊपर गिर गया.जिसमें दबने के कारण मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई. खुर्सीपार निवासी मृतक ओम प्रकाश के 2 बेटे और 2 बेटियां हैं. सभी की शादी हो चुकी है. बेटा अमित सीजीएम एमएंडयू पीके बेहरा का ड्राइवर है,जबकि दूसरा बेटा टीपीएल में ठेका मजदूरी करता है, बीएसपी प्रबंधन की ओर से अब आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति का पत्र सौंपा जाएगा. बीएसपी ने इसके लिए कागजी प्रक्रिया को पूरा कर लिया है.वहीं यूनियन लीडर्स की माने तो जब से ठेका प्रथा की शुरुआत हुई है तब से प्लांट में हादसे बढ़े हैं.

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बीएसपी के अंदर लगातार हादसे हो रहे हैं.क्योंकि यहां पर ठेकेदार प्रथा चलने लगी है.जो लोग ठेकेदारी में काम कर रहे हैं उन्होंने जो सर्टिफिकेट लगाया है वो असली है या नहीं ये कोई भी देखने वाला नहीं हैं.इसको जांचने की जिम्मेदारी राज्य शासन के विभाग की है.जिले के अंदर संचालित हर फैक्ट्री की सेफ्टी जांचने का जिम्मा चीफ सेफ्टी ऑफिसर का होता है.ये पद कलेक्टर के जिम्मे है.लिहाजा उन्हें समय समय पर टीम बनाकर जिले के प्लांट्स में निरीक्षण करना चाहिए.लेकिन ऐसा होता नहीं हैं.बीएसपी प्रबंधन है वो तो गलती करेगा ही.जो नए लड़के हैं वो सबसे ज्यादा हादसे का शिकार हो रहे हैं - उज्जवल दत्ता, यूनियन लीडर

आपको बता दें कि भिलाई इस्पात संयंत्र में सुरक्षा मानकों की कमी के कारण पहले भी कई हादसे हो चुके हैं. इन घटनाओं के मद्देनजर, श्रमिक यूनियनों और परिजनों ने संयंत्र में सुरक्षा मानकों को सख्त करने की मांग की है. उनका कहना है कि प्रबंधन को श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके. इस घटना ने एक बार फिर से भिलाई इस्पात संयंत्र में श्रमिकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और ये आवश्यक हो गया है कि प्रबंधन सुरक्षा उपायों को और मजबूत करे.


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