कांकेर : जिले के चारामा क्षेत्र में बाघ भटक कर आबादी वाले इलाके के पास पहुंच गया है. जंगलों में बाघ के होने के सबूत मिलने के बाद वन विभाग ने ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने की सलाह दी है.
मंगलवार को मैनखेड़ा और भोथागांव में बाघ के पैरों के निशान मिले थे, जिसके बाद लगातार वन विभाग की टीम इस इलाके में सर्चिंग कर रही है, जिससे बाघ की सही लोकेशन का पता चल सके.
बुधवार को कांटागांव के जंगल में बाघ के पैरों के निशान मिले हैं. वन विभाग ने अंदाजा लगाया है कि बाघ लीलेझर या कोटतरा की ओर बढ़ा है. ऐसे में वन विभाग लगातार ग्रामीणों को अकेले जंगल की ओर न जाने की सलाह दे रहा है.
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तीन जिलों में घूम कांकेर पहुंचा बाघ
बाघ की लोकेशन सबसे पहले राजनांदगांव जिले में मिली थी, जिसके बाद दुर्ग फिर बालोद और अब बालोद की सीमा से सटे जिले के चारामा ब्लॉक के जंगलों में बाघ चहल-कदमी कर रहा है, जिससे वन विभाग की नींद उड़ी हुई है.