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शहर में वन विभाग के दोनों डिपो खाली, जलाऊ लकड़ियों की भारी किल्लत - वन विभाग के दोनों डिपो में जलाऊ लकड़ियां खत्म

लटटीपारा इलाके के डिपो में वन विभाग की एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है. शहर में स्थित वन विभाग के दोनों डिपो में जलाऊ लकड़ियां खत्म हो गई है, जिससे दाह संस्कार तक के लिए लकड़ियां नहीं मिल रही है.

वन विभाग के सभी डिपो खाली
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Published : Nov 23, 2019, 8:50 PM IST

कांकेर: जिले के लटटीपारा इलाके में वन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. शहर में स्थित वन विभाग के दोनों डिपो में जलाऊ लकड़ियां खत्म हो गई है, जिससे दाह संस्कार तक के लिए लकड़ियां नहीं मिल रही है. वन विभाग के लटटीपारा और अल्बेलापरा स्थित दोनों डिपो में लकड़ियों की कमी है. इसके बाद भी विभाग ने अब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है.

दरअसल, वन विभाग के डिपो में जलाऊ लकड़ियां कभी खत्म नहीं होती है. खासकर दाह संस्कार के लिए लकड़ियों का स्टॉक हमेशा यहां होता है, लेकिन दोनों ही डिपो पूरी तरह से खाली हैं. वहीं पूरे मामले में डिपो प्रभारी रूप सिंह का कहना है कि लकड़ियां कट नहीं पाई है, जिसके कारण स्टॉक खत्म हो गया है. जल्द भानुप्रतापपुर से स्टॉक मंगवाया जाएगा.

हॉस्टल में भी सप्लाई होती है लकड़ियां
बता दें कि छात्रावास और आश्रमों में भी वन विभाग के डिपो से ही लकड़ियां सप्लाई होती है. ठंड के मौसम में जलाऊ लकड़ियों की जरूरत अधिक होती है, लेकिन इस समय ही वन विभाग का डिपो खाली पड़ा है. ऐसे में अगर जल्द वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, तो लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है.

कांकेर: जिले के लटटीपारा इलाके में वन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. शहर में स्थित वन विभाग के दोनों डिपो में जलाऊ लकड़ियां खत्म हो गई है, जिससे दाह संस्कार तक के लिए लकड़ियां नहीं मिल रही है. वन विभाग के लटटीपारा और अल्बेलापरा स्थित दोनों डिपो में लकड़ियों की कमी है. इसके बाद भी विभाग ने अब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है.

दरअसल, वन विभाग के डिपो में जलाऊ लकड़ियां कभी खत्म नहीं होती है. खासकर दाह संस्कार के लिए लकड़ियों का स्टॉक हमेशा यहां होता है, लेकिन दोनों ही डिपो पूरी तरह से खाली हैं. वहीं पूरे मामले में डिपो प्रभारी रूप सिंह का कहना है कि लकड़ियां कट नहीं पाई है, जिसके कारण स्टॉक खत्म हो गया है. जल्द भानुप्रतापपुर से स्टॉक मंगवाया जाएगा.

हॉस्टल में भी सप्लाई होती है लकड़ियां
बता दें कि छात्रावास और आश्रमों में भी वन विभाग के डिपो से ही लकड़ियां सप्लाई होती है. ठंड के मौसम में जलाऊ लकड़ियों की जरूरत अधिक होती है, लेकिन इस समय ही वन विभाग का डिपो खाली पड़ा है. ऐसे में अगर जल्द वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, तो लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है.

Intro:कांकेर -वन विभाग की एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है । शहर में स्थित वन विभाग के दोनों डिपो में जलाऊ लकड़ियां खत्म हो गई है, जिससे दाह संस्कार तक के लिए लकड़ियां नही मिल रही है । वन विभाग के लटटीपारा और अल्बेलापरा स्थित दोनों डिपो में लकड़ियां खत्म हो गई है और विभाग ने अब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही की है, ऐसे में लोगो को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं ।


Body:डिपो में लकड़ियां नही पहुचने का कारण वन विभाग के लोग भी नही बता पा रहे है, उनका कहना है कि सोमवार तक लकड़ियो की व्यवस्था भानुप्रतापपुर से कर ली जाएगी, डिपो के पूरी तरह से जलाऊ लकड़ियां खत्म होने से वन विभाग के कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे है, खासकर दाह संस्कार के लिए आरक्षित लकड़ियों का स्टॉक हमेशा यहां उपलब्ध रखा जाना होता है, लेकिन दोनों ही डिपो पूरी तरह से खाली पड़े है । डिपो प्रभारी रूप सिंह का कहना है कि लकड़ियां कट नही पाई है जिसके कारण स्टॉक खत्म हो गया है सोमवार तक भानुप्रतापपुर से स्टॉक मंगवाया जाएगा ।

आश्रम - छात्रावास में भी सप्लाई होती है लकड़ियां
छात्रावास और आश्रमो में भी वन विभाग के डिपो से लकड़ियां सप्लाई होती है, छात्रावास , आश्रमो के गैस कनेक्शन दिए गए है, जलाऊ लकड़ियों की भी जरूरत के अनुसार सप्लाइ डिपो से की जाती है । लेकिन फिलहाल दोनों डिपो पूरी तरह से खाली पड़े है।




Conclusion:ठंड के मौसम में अधिक जरूरत, तब डिपो ही खाली
ठंड के मौसम में जलाऊ लकड़ियों की जरूरत अधिक होती है, लेकिन इस समय ही वन विभाग का डिपो खाली पड़ा है, ऐसे में यदि जल्द वैकल्पिक व्यवस्था नही की गई तो दिक्कते बढ़ सकती है ।

बाइट -रूप सिंह डिपो प्रभारी
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